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प्रगति मैदान रिडेवलपमेंट: NGT ने नए सिरे से रिपोर्ट तलब की

प्रगति मैदान एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स के रिडेवलपमेंट पर एनजीटी ने नए सिरे से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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Published : Oct 25, 2019, 10:54 PM IST

एनजीटी

नई दिल्ली: एनजीटी ने प्रगति मैदान एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स के रिडेवलपमेंट पर नए सिरे से रिपोर्ट तलब की है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की टीम को एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

दरअसल एनजीटी में एक याचिका दायर कर प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को रोकने की मांग की गई है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने ये आदेश जारी किया है.

25 जुलाई को दाखिल की थी रिपोर्ट

एनजीटी ने ये आदेश केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की संयुक्त टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया. इस कमेटी ने 25 जुलाई को ये रिपोर्ट दाखिल की थी.

ये थी रिपोर्ट

रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रगति मैदान के परिसर में निर्माण और अवशेष का मलबा मौजूद है. ये वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 का उल्लंघन है.

रिडेवलपमेंट की कमियों के बारे में लिखा था पत्र

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 12 नवंबर 2018 को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी को पत्र लिखकर प्रगति मैदान एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स के रिडेवलपमेंट की कमियों के बारे में पत्र लिखा था. लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

इस पर गौर करते हुए एनजीटी ने पिछले 28 मई को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की एक टीम गठित कर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

2018 में मिली थी हरी झंडी

एनजीटी ने 2018 में प्रगति मैदान के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी थी. इस प्रोजेक्ट को मिले एनवायरमेंट क्लीयरेंस को निरस्त करने के लिए दायर याचिका को भी एनजीटी ने खारिज कर दिया था.

प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 3 लाख 26 हजार 65 स्क्वायर मीटर बिल्टअप एरिया का पुनर्निर्माण किया जाना है. इसमें 1 लाख 19 हजार 445 स्क्वायर मीटर का एग्जीबिशन स्पेस भी शामिल है. इस रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 7000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाना है.

नई दिल्ली: एनजीटी ने प्रगति मैदान एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स के रिडेवलपमेंट पर नए सिरे से रिपोर्ट तलब की है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की टीम को एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

दरअसल एनजीटी में एक याचिका दायर कर प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को रोकने की मांग की गई है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने ये आदेश जारी किया है.

25 जुलाई को दाखिल की थी रिपोर्ट

एनजीटी ने ये आदेश केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की संयुक्त टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया. इस कमेटी ने 25 जुलाई को ये रिपोर्ट दाखिल की थी.

ये थी रिपोर्ट

रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रगति मैदान के परिसर में निर्माण और अवशेष का मलबा मौजूद है. ये वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 का उल्लंघन है.

रिडेवलपमेंट की कमियों के बारे में लिखा था पत्र

बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 12 नवंबर 2018 को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी को पत्र लिखकर प्रगति मैदान एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स के रिडेवलपमेंट की कमियों के बारे में पत्र लिखा था. लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

इस पर गौर करते हुए एनजीटी ने पिछले 28 मई को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की एक टीम गठित कर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

2018 में मिली थी हरी झंडी

एनजीटी ने 2018 में प्रगति मैदान के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी थी. इस प्रोजेक्ट को मिले एनवायरमेंट क्लीयरेंस को निरस्त करने के लिए दायर याचिका को भी एनजीटी ने खारिज कर दिया था.

प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 3 लाख 26 हजार 65 स्क्वायर मीटर बिल्टअप एरिया का पुनर्निर्माण किया जाना है. इसमें 1 लाख 19 हजार 445 स्क्वायर मीटर का एग्जीबिशन स्पेस भी शामिल है. इस रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 7000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाना है.

Intro:नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)ने प्रगति मैदान एग्जीबिशन कांप्लेक्स के रिडेवलपमेंट पर नए सिरे से रिपोर्ट तलब किया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की टीम को एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।



Body:दरअसल एनजीटी में एक याचिका दायर कर प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को रोकने की मांग की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने यह आदेश जारी किया है। एनजीटी ने यह आदेश केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की संयुक्त टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया। इस कमेटी ने पिछले 25 जुलाई को ये रिपोर्ट दाखिल किया था। रिपोर्ट में कहा गया था। रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रगति मैदान के परिसर में निर्माण और अवशेष का मलबा मौजूद है। यह वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 का उल्लंघन है।
आपको बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 12 नवंबर2018 को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी को पत्र लिखकर प्रगति मैदान एग्जीबिशन कांप्लेक्स के रिडेवलपमेंट की कमियों के बारे में पत्र लिखा था। लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर गौर करते हुए एनजीटी ने पिछले 28 मई को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ,केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की एक टीम गठित कार्ड एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।



Conclusion:एनजीटी ने 2018 में प्रगति मैदान के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी थी। इस प्रोजेक्ट को मिले एनवायरमेंट क्लीयरेंस को निरस्त करने के लिए दायर याचिका को भी एनजीटी ने खारिज कर दिया था। प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 3,26,065स्क्वायर मीटर बिल्ट अप एरिया का पुनर्निर्माण किया जाना है। इनमें 1,19,445 स्क्वायर मीटर का एग्जीबिशन स्पेस भी शामिल है। इस रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 7000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाना है।
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