ETV Bharat / state

NGT ने फरीदाबाद के बिल्डर पर ठोका 10 करोड़ का जुर्माना

एनजीटी ने फरीदाबाद के एक बिल्डर पर पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करने पर दस करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है.

NGT fined builder of Faridabad Rs 10 crore
बिल्डर पर ठोका 10 करोड़ का जुर्माना
author img

By

Published : Nov 28, 2019, 10:11 AM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करने पर एक बिल्डर के खिलाफ दस करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण अनमोल है और इसे लाभ के धंधे के रूप में अनुमति नहीं दी जा सकती है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने फरीदाबाद के सेक्टर 86 स्थित वेस्टा हाईट्स के पब्लिक युटिलिटी वाले जगहों को सील करने का भी आदेश दिया. वेस्टा हाईट्स के बिल्डर का नाम स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड है.

NGT ने हरियाणा सरकार को भी दिया आदेश
एनजीटी ने हरियाणा सरकार और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड को तब तक के लिए ब्लैकलिस्ट करें, जब तक संबंधित प्रोजेक्ट में पर्यावरण मानकों के अनुरूप कार्य पूरे न हो जाएं. एनजीटी ने वेस्टा हाईट्स के खाली पड़े फ्लैट्स को भी सील करने का आदेश दिया.

एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन हुआ
ये याचिका मुकुंद धोटे ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि वेस्टा हाईट्स का निर्माण एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर बनाया गया है. याचिका में कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण पर एयर एक्ट और वाटर एक्ट का उल्लंघन कर किया गया है. याचिका में कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट ए कैटेगरी का है.

इस प्रोजेक्ट का वाटर एक्ट के तहत ऑपरेट करने के लिए कंसेंट की अवधि मार्च 2018 में ही समाप्त हो गई थी. इस प्रोजेक्ट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर्याप्त नहीं है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से कचरा ओवरफ्लो होकर आगरा कैनाल में गिरता है.

भूजल का अनाधिकृत दोहन किया गया
एनजीटी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतिम आंकलन के बाद जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है. एनजीटी ने पाया कि प्रोजेक्ट के निर्माण में एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का घोर उल्लंघन किया गया है. सीवेज का टैंकरों के जरिए अनाधिकृत स्थानों पर निस्तारित किया जाता है. भूजल का अनाधिकृत दोहन किया गया.

एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर उठाया गया कदम नाकाफी है. हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पब्लिक युटिलिटी स्पेस को जब्त कर संबंधित बिल्डर के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करनी चाहिए थी.

एनजीटी ने हरियाणा स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वो पर्यावरण के हुए नुकसान का आंकलन करें और उसके आधार पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करने पर एक बिल्डर के खिलाफ दस करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण अनमोल है और इसे लाभ के धंधे के रूप में अनुमति नहीं दी जा सकती है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने फरीदाबाद के सेक्टर 86 स्थित वेस्टा हाईट्स के पब्लिक युटिलिटी वाले जगहों को सील करने का भी आदेश दिया. वेस्टा हाईट्स के बिल्डर का नाम स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड है.

NGT ने हरियाणा सरकार को भी दिया आदेश
एनजीटी ने हरियाणा सरकार और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड को तब तक के लिए ब्लैकलिस्ट करें, जब तक संबंधित प्रोजेक्ट में पर्यावरण मानकों के अनुरूप कार्य पूरे न हो जाएं. एनजीटी ने वेस्टा हाईट्स के खाली पड़े फ्लैट्स को भी सील करने का आदेश दिया.

एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन हुआ
ये याचिका मुकुंद धोटे ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि वेस्टा हाईट्स का निर्माण एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर बनाया गया है. याचिका में कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण पर एयर एक्ट और वाटर एक्ट का उल्लंघन कर किया गया है. याचिका में कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट ए कैटेगरी का है.

इस प्रोजेक्ट का वाटर एक्ट के तहत ऑपरेट करने के लिए कंसेंट की अवधि मार्च 2018 में ही समाप्त हो गई थी. इस प्रोजेक्ट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर्याप्त नहीं है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से कचरा ओवरफ्लो होकर आगरा कैनाल में गिरता है.

भूजल का अनाधिकृत दोहन किया गया
एनजीटी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतिम आंकलन के बाद जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है. एनजीटी ने पाया कि प्रोजेक्ट के निर्माण में एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का घोर उल्लंघन किया गया है. सीवेज का टैंकरों के जरिए अनाधिकृत स्थानों पर निस्तारित किया जाता है. भूजल का अनाधिकृत दोहन किया गया.

एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर उठाया गया कदम नाकाफी है. हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पब्लिक युटिलिटी स्पेस को जब्त कर संबंधित बिल्डर के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करनी चाहिए थी.

एनजीटी ने हरियाणा स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वो पर्यावरण के हुए नुकसान का आंकलन करें और उसके आधार पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

Intro:नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करने पर दस करोड़ रुपए का अंतरिम जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण अनमोल है और इसे लाभ के धंधे के रूप में अनुमति नहीं दी जा सकती है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने फरीदाबाद के सेक्टर 86 स्थित वेस्टा हाईट्स के पब्लिक युटिलिटी वाले जगहों को सील करने का भी आदेश दिया। वेस्टा हाईट्स के बिल्डर का नाम स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड है।


Body:एनजीटी ने हरियाणा सरकार और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो स्मार्ट हाऊसिंग प्राईवेट लिमिटेड को तब तक के लिए ब्लैकलिस्ट करे जब तक संबंधित प्रोजेक्ट में पर्यावरण मानकों के अनुरूप कार्य पूरे न हो जाएं। एनजीटी ने वेस्टा हाईट्स के खाली पड़े फ्लैट्स को भी सील करने का आदेश दिया।
याचिका मुकुंद धोटे ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि वेस्टा हाईट्स का निर्माण एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर बनाया गया है। याचिका में कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण एयर एक्ट और वाटर एक्ट का उल्लंघन कर किया गया है। याचिका में कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट ए कैटेगरी का है। इस प्रोजेक्ट का वाटर एक्ट के तहत ऑपरेट करने के लिए कंसेंट की अवधि मार्च 2018 में ही समाप्त हो गई थी। इस प्रोजेक्ट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर्याप्त नहीं है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से कचरा ओवरफ्लो होकर आगरा कैनाल में.गिरता है।
एनजीटी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतिम आकलन के बाद जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है। एनजीटी ने पाया कि प्रोजेक्ट के निर्माण में एनवायरमेंट क्लियरेंस की शर्तों का घोर उल्लंघन किया गया है। सीवेज का टैंकरों के जरिये अनाधिकृत स्थानों पर निस्तारित किया जाता है। भूजल का अनाधिकृत दोहन किया गया। एनजीटी ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर उठाया गया कदम नाकाफी है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पब्लिक युटिलिटी स्पेस को जब्त कर संबंधित बिल्डर के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करनी चाहिए थी।



Conclusion:एनजीटी ने हरियाणा स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वो पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करे और उसके आधार पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.