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Me Too: M J Akbar मानहानि मामले में नीलोफर का क्रॉस-एग्जामिनेशन पूरा - पत्रकार एमजे अकबर

गीता लूथरा ने नीलोफर से पूछा कि आपने प्रिया रमानी के इस कोर्ट में दर्ज बयान के बारे में कब पता चला. तब नीलोफर ने कहा कि हमने रमानी के बयान इस कोर्ट के पहले कहीं नहीं पढ़ा. हम मीडिया के जरिये इस केस को फॉलो कर रही थी.

एमजे अकबर मानहानि मामले में प्रिया रमानी और नीलोफर का क्रास-एग्जामिनेशन पूरा हुआ
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Published : Nov 21, 2019, 5:36 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 8:10 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में प्रिया रमानी और महिला पत्रकार नीलोफर वेंकटरमन का क्रॉस-एग्जामिनेशन पूरा कर लिया गया. दोनों का क्रास-एग्जामिनेशन एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.


जमकर हुए सवाल-जवाब
गीता लूथरा ने नीलोफर से पूछा कि आपने प्रिया रमानी के इस कोर्ट में दर्ज बयान के बारे में कब पता चला. तब नीलोफर ने कहा कि हमने रमानी के बयान इस कोर्ट के पहले कहीं नहीं पढ़ा. हम मीडिया के जरिये इस केस को फॉलो कर रही थी. हमें ये नहीं पता कि कोर्ट की कार्यवाही को शब्दश: रिपोर्ट किया जा रहा है. लूथरा ने नीलोफर को एक प्रिंटआउट दिखाते हए पूछा कि क्या आपने इसे ट्वीट या रिट्वीट किया है. तब नीलोफर ने कहा कि हमने कोई ट्वीट या रिट्वीट नहीं किया है. मैं ट्वीटर जैसे प्लेटफॉर्म से पूरे तरीके से परिचित नहीं हूं. यह कहना गलत है कि हमने मीडिया में रमानी के बयानों को देखने के बाद उसी के मुताबिक अपना बयान दे रही हूं.

तब लूथरा ने कोर्ट की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की. जब एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेटे विशाल पाहूजा ने कहा कि क्या इस संबंध में कोई आवेदन दिया है. उसके बाद जज ने रिपोर्टर्स को नोट्स लेने की अनुमति दी.

नीलोफर वेंकटरमन का बयान
पिछले 25 अक्टूबर को नीलोफर वेंकटरमन ने अपना बयान दर्ज कराया था. नीलोफर ने प्रिया रमानी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा था कि वह रमानी को पिछले 30 सालों से जानती है. नीलोफर ने बताया था कि दिसंबर 1993 में प्रिया रमानी ने उसे फोन किया और बताया कि एशियन एज में इंटरव्यू के लिए उसे एमजे अकबर ने होटल ओबेराय में बुलाया. वो शाम छह बजे मेरी मां के दफ्तर आई. वहां से वे ओबेराय होटल पहुंचे. जब रमानी होटल के अंदर चली गई तो मैं अपने घर चली गई. रात में डिनर के समय रमानी ने मेरे लैंडलाइन पर फोन किया जिसमें वो घबराई हुई लग रह थी. मैं ने पूछा था कि वो घबराई हुई क्यों लग रह है तो उसने बताया कि जैसा हमने सोचा था वैसा इंटरव्यू नहीं हुआ. नीलोफर ने बताया था कि उसे रमानी ने बताया कि कैसे उसे अल्कोहल पीने के लिए ऑफर किया गया और पुराने हिन्दी गाने गुनगुनाए गए. रमानी ने नीलोफर को बताया था कि कैसे दो लोगों के बैठने के सोफे में एमजे अकबर ने उसे रमानी को अपनी बगल में बैठने को कहा. नीलोफर ने कहा था कि रमानी ने जो बताया वो इतना विचित्र वर्णन था कि वो मुझे आज भी याद है.

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में प्रिया रमानी और महिला पत्रकार नीलोफर वेंकटरमन का क्रॉस-एग्जामिनेशन पूरा कर लिया गया. दोनों का क्रास-एग्जामिनेशन एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी.


जमकर हुए सवाल-जवाब
गीता लूथरा ने नीलोफर से पूछा कि आपने प्रिया रमानी के इस कोर्ट में दर्ज बयान के बारे में कब पता चला. तब नीलोफर ने कहा कि हमने रमानी के बयान इस कोर्ट के पहले कहीं नहीं पढ़ा. हम मीडिया के जरिये इस केस को फॉलो कर रही थी. हमें ये नहीं पता कि कोर्ट की कार्यवाही को शब्दश: रिपोर्ट किया जा रहा है. लूथरा ने नीलोफर को एक प्रिंटआउट दिखाते हए पूछा कि क्या आपने इसे ट्वीट या रिट्वीट किया है. तब नीलोफर ने कहा कि हमने कोई ट्वीट या रिट्वीट नहीं किया है. मैं ट्वीटर जैसे प्लेटफॉर्म से पूरे तरीके से परिचित नहीं हूं. यह कहना गलत है कि हमने मीडिया में रमानी के बयानों को देखने के बाद उसी के मुताबिक अपना बयान दे रही हूं.

तब लूथरा ने कोर्ट की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की. जब एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेटे विशाल पाहूजा ने कहा कि क्या इस संबंध में कोई आवेदन दिया है. उसके बाद जज ने रिपोर्टर्स को नोट्स लेने की अनुमति दी.

नीलोफर वेंकटरमन का बयान
पिछले 25 अक्टूबर को नीलोफर वेंकटरमन ने अपना बयान दर्ज कराया था. नीलोफर ने प्रिया रमानी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा था कि वह रमानी को पिछले 30 सालों से जानती है. नीलोफर ने बताया था कि दिसंबर 1993 में प्रिया रमानी ने उसे फोन किया और बताया कि एशियन एज में इंटरव्यू के लिए उसे एमजे अकबर ने होटल ओबेराय में बुलाया. वो शाम छह बजे मेरी मां के दफ्तर आई. वहां से वे ओबेराय होटल पहुंचे. जब रमानी होटल के अंदर चली गई तो मैं अपने घर चली गई. रात में डिनर के समय रमानी ने मेरे लैंडलाइन पर फोन किया जिसमें वो घबराई हुई लग रह थी. मैं ने पूछा था कि वो घबराई हुई क्यों लग रह है तो उसने बताया कि जैसा हमने सोचा था वैसा इंटरव्यू नहीं हुआ. नीलोफर ने बताया था कि उसे रमानी ने बताया कि कैसे उसे अल्कोहल पीने के लिए ऑफर किया गया और पुराने हिन्दी गाने गुनगुनाए गए. रमानी ने नीलोफर को बताया था कि कैसे दो लोगों के बैठने के सोफे में एमजे अकबर ने उसे रमानी को अपनी बगल में बैठने को कहा. नीलोफर ने कहा था कि रमानी ने जो बताया वो इतना विचित्र वर्णन था कि वो मुझे आज भी याद है.

Intro:नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में प्रिया रमानी और महिला पत्रकार नीलोफर वेंकटरमन का क्रास-एग्जामिनेशन पूरा कर लिया गया। दोनों का क्रास-एग्जामिनेशन एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने किया। इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।



Body:गीता लूथरा ने नीलोफर से पूछा कि आपने प्रिया रमानी के इस कोर्ट में दर्ज बयान के बारे में कब पता चला। तब नीलोफर ने कहा कि हमने रमानी के बयान इस कोर्ट के पहले कहीं नहीं पढ़ा। हम मीडिया के जरिये इस केस को फॉलो कर रही थी। हमें ये नहीं पता कि कोर्ट की कार्यवाही को शब्दश: रिपोर्ट किया जा रहा है। लूथरा ने नीलोफर को एक प्रिंटआउट दिखाते हए पूछा कि क्या आपने इसे ट्वीट या रिट्वीट किया है। तब नीलोफर ने कहा कि हमने कोई ट्वीट या रिट्वीट नहीं किया है। मैं ट्वीटर जैसे प्लेटफॉर्म से पूरे तरीके से परिचित नहीं हूं। यह कहना गलत है कि हमने मीडिया में रमानी के बयानों को देखने के बाद उसी के मुताबिक अपना बयान दे रही हूं। तब लूथरा ने कोर्ट की कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की। जब एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेटे विशाल पाहूजा ने कहा कि क्या इस संबंध में कोई आवेदन दिया है। उसके बाद जज ने रिपोर्टर्स को नोट्स लेने की अनुमति दी।
पिछले 25 अक्टूबर को नीलोफर वेंकटरमन ने अपना बयान दर्ज कराया था । नीलोफर ने प्रिया रमानी के बयानों का समर्थन करते हुए कहा था कि वह रमानी को पिछले 30 सालों से जानती है। नीलोफर ने बताया था कि दिसंबर 1993 में प्रिया रमानी ने उसे फोन किया और बताया कि एशियन एज में इंटरव्यू के लिए उसे एमजे अकबर ने होटल ओबेराय में बुलाया । वो शाम छह बजे मेरी मां के दफ्तर आई । वहां से वे ओबेराय होटल पहुंचे। जब रमानी होटल के अंदर चली गई तो मैं अपने घर चली गई। राम में डिनर के समय रमानी ने मेरे लैंडलाइन पर फोन किया जिसमें वो घबराई हुई लग रह थी। मैं ने पूछा था कि वो घबराई हुई क्यों लग रह है तो उसने बताया कि जैसा हमने सोचा था वैसा इंटरव्यू नहीं हुआ। नीलोफर ने बताया था कि उसे रमानी ने बताया कि कैसे उसे अल्कोहल पीने के लिए ऑफर किया गया और पुराने हिन्दी गाने गुनगुनाए गए। रमानी ने नीलोफर को बताया था कि कैसे दो लोगों के बैठने के सोफे में एमजे अकबर ने उसे रमानी को अपनी बगल में बैठने को कहा। नीलोफर ने कहा था कि रमानी ने जो बताया वो इतना विचित्र वर्णन था कि वो मुझे आज भी याद है।
पिछले 9 सितंबर को प्रिया रमानी ने कहा था कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं। मैं लंबे वक़्त से पत्रकार हूँ। इस पेशे में मेरी प्रतिष्ठा है ।
प्रिया रमानी ने कहा था कि चुप रहकर मैं भी ख़ुद को टारगेट होने से बचा सकती थी, पर मैंने ऐसा नहीं किया । किसी भी महिला के लिए ऐसे खुलासा करना आसान नहीं है। पर मुझे उम्मीद है कि मीटू अभियान में किये खुलासे बाकी महिलाओं को ताकत देंगे और वो कार्यस्थल पर अपने अधिकारों को बेहतर समझेंगी ।
पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया। उनका व्यवहार काफी असहज था। रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी। उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं। एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे। उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी।


Conclusion:रमानी ने कहा था कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया। रमानी ने कहा था कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले। उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया। एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया। उन्होंने दबाव डाला कि मैं इंटरव्यू के लिए उनके कमरे में जाऊं। मैं हतप्रभ थी क्योंकि मैंने कॉफी शॉप या लॉबी में इंटरव्यू की उम्मीद की थी। पर 23 साल की उम्र में मैं बहुत ज़्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं थी । इसलिए असहज होने के बावजूद मैं इंटरवयू के लिए कमरे में चली गई।
Last Updated : Nov 21, 2019, 8:10 PM IST
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