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दिल्ली हिंसा: माइनॉरिटी कमीशन ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी, एक महीने में सौंपेगी रिपोर्ट

उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के बाद दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया. यह कमेटी एक महीने में जांच पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट कमीशन को सौंपेगी.

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Published : Mar 9, 2020, 7:36 PM IST

Minority Commission constitutes Fact Finding Committee on Delhi Violence
माइनॉरिटी कमीशन ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच के लिए दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है. माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि 9 सदस्यों वाली यह कमेटी 1 महीने में ही ग्राउंड पर जाकर न जांच पड़ताल करेगी और अपनी रिपोर्ट कमीशन को सौंप देगी.

माइनॉरिटी कमीशन ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

कमीशन ने जिस तरह से दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद यह फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, उसे माना जा रहा है कमीशन की टीम को मौके पर सब कुछ ठीक नहीं मिला और उन्हें यह भी आभास है कि इस पूरे मामले में पुलिस भी निष्पक्षता से जांच नहीं कर रही है.

'हिंसा के पीछे बाहरी लोगों का हाथ'

हालांकि उन्होंने भी कमीशन के सदस्य सरदार कोचर और लीगल टीम के साथ दंगा ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया था. उन्होंने कहा कि मौके का मुआयना करने के बाद यह बात साफ हो गई थी. उन्होंने कहा भी था कि जिस तरह से दंगे हुए हैं उन्हें लगता है कि पूरे दंगों में बाहरी लोगों का हाथ था. कहीं ना कहीं इन लोगों ने चुन-चुन कर मुस्लिम घरों और वहां रहने वाले लोगों को अपना निशाना बनाया. मौके पर मिले कई चश्मदीदों से भी यह जानकारी मिली की हिंसक घटनाओं को बाहर से आए कि नहीं असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया है.

इस कमेटी में अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है. 9 सदस्यों वाली कमेटी हिंसा प्रभावित इलाकों में जांच करेगी और पीड़ित लोगों से जानकारियां जुटाएगी. साथ ही यह भी पता लगाएगी कि इन दंगों में मुसलमानों का कितना नुकसान हुआ है. डॉक्टर खान ने दंगा प्रभावित लोगों में बैठे डर को निकालने के संबंध में भी कहा कि कमीशन के लोग लगातार पीड़ित लोगों से मिल रही है.

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच के लिए दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है. माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने बताया कि 9 सदस्यों वाली यह कमेटी 1 महीने में ही ग्राउंड पर जाकर न जांच पड़ताल करेगी और अपनी रिपोर्ट कमीशन को सौंप देगी.

माइनॉरिटी कमीशन ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

कमीशन ने जिस तरह से दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद यह फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, उसे माना जा रहा है कमीशन की टीम को मौके पर सब कुछ ठीक नहीं मिला और उन्हें यह भी आभास है कि इस पूरे मामले में पुलिस भी निष्पक्षता से जांच नहीं कर रही है.

'हिंसा के पीछे बाहरी लोगों का हाथ'

हालांकि उन्होंने भी कमीशन के सदस्य सरदार कोचर और लीगल टीम के साथ दंगा ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया था. उन्होंने कहा कि मौके का मुआयना करने के बाद यह बात साफ हो गई थी. उन्होंने कहा भी था कि जिस तरह से दंगे हुए हैं उन्हें लगता है कि पूरे दंगों में बाहरी लोगों का हाथ था. कहीं ना कहीं इन लोगों ने चुन-चुन कर मुस्लिम घरों और वहां रहने वाले लोगों को अपना निशाना बनाया. मौके पर मिले कई चश्मदीदों से भी यह जानकारी मिली की हिंसक घटनाओं को बाहर से आए कि नहीं असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया है.

इस कमेटी में अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है. 9 सदस्यों वाली कमेटी हिंसा प्रभावित इलाकों में जांच करेगी और पीड़ित लोगों से जानकारियां जुटाएगी. साथ ही यह भी पता लगाएगी कि इन दंगों में मुसलमानों का कितना नुकसान हुआ है. डॉक्टर खान ने दंगा प्रभावित लोगों में बैठे डर को निकालने के संबंध में भी कहा कि कमीशन के लोग लगातार पीड़ित लोगों से मिल रही है.

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