ETV Bharat / state

एक बटन दबाते ही खुद रेलवे पुलिस करेगी आपसे संपर्क, 'सहयात्री' ऐप का हुआ उद्घाटन

गुरुवार को एसओएस बटन से लैस सहयात्री ऐप का गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन किया. इस ऐप से एक क्लिक पर रेलवे में अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित के पास पुलिस पहुंचेगी. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य सेवा के लिए उनके पास अबुल एंबुलेंस भी पहुंचेगी. इसके साथ ही रेलवे पुलिस की वेबसाइट भी शुरु की गई.

सहयात्री ऐप उद्घाटन
author img

By

Published : Oct 10, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: चलती ट्रेन में या किसी भी रेलवे स्टेशन पर अगर आपके साथ कोई आपराधिक वारदात हो तो आपको पुलिस को तलाशने की जरूरत अब नहीं होगी. एक बटन दबाते ही खुद पुलिस आपसे संपर्क करेगी. इस एसओएस बटन से लैस सहयात्री ऐप का गुरुवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन किया.

इसके साथ ही रेलवे पुलिस की वेबसाइट भी शुरु की गई. जिसमें 24 राज्य और एक केंद्र शाषित प्रदेश मिलकर अपराध और अपराधियों की जानकारी देख सकेंगे.

'सहयात्री' ऐप का हुआ उद्घाटन

अपराध पर लगेगी लगाम
ट्रांसपोर्ट के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को पुलिस मुख्यालय में कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में जीआरपी अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. इसमें ये सुझाव आया था कि रेलवे अपराध और अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जाना चाहिए. इससे रेलवे में होने वाले अपराध पर लगाम लगाई जा सकेगी.
इसलिए ये वेबसाइट तैयार की गई है, जिसमें तमाम अपराधियों और अपराध का डाटा डाला गया है. 24 राज्यों के अलावा दिल्ली के रेलवे पुलिस अधिकारी इस वेबसाइट से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा सहयात्री ऐप को बनाया गया है जिससे एक क्लिक पर रेलवे में अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित के पास पुलिस पहुंचेगी. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य सेवा के लिए उनके पास अबुल एंबुलेंस भी पहुंचेगी.

'रेलवे अपराध की नहीं होती सीमा'
उद्घाटन के मौके पर पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा कि रेलवे में होने वाले अपराध की कोई सीमा नहीं होती. अपराध जब होता है तो ट्रेन एक जगह होती है और जब इसका पता लगता है तो दूसरी जगह होती है. इसलिए इस ऐप को लांच किया गया है ताकि रेलवे यात्री जहां हो, वहां की पुलिस उससे मदद के लिए संपर्क करेगी.
उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट को तैयार करने की जिम्मेदारी दिनेश गुप्ता को दी गई थी. 24 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश इस वेबसाइट पर जुड़ेंगे और एक दूसरे से जानकारी साझा करेंगे.
इस वेबसाइट पर रेलवे में वारदात करने वाले डकैत, लुटेरे, झपटमार, जेबतराश, नशा देने वाले, बैग उठाने वाले और बच्चे चोरी करने वालों की जानकारी है. इससे आने वाले समय में अपराधियों की धरपकड़ करना पुलिस के लिए आसान होगा.

ऐसे किया जा सकता है ऐप का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्ले स्टोर से जाकर सहयात्री ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है. ट्रेन में सफर के दौरान या रेलवे स्टेशन पर अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो इसमें मौजूद एसओएस नंबर से आप पुलिस को संदेश भेज सकते हैं.

भेज सकते है एसओएस संदेश
इसमें तीन हेल्पलाइन नंबर है. जिनमें 112, 1512 और 102 नंबर शामिल हैं. अगर आप पुलिस से संपर्क करना चाहते हैं तो आप 112 या 1512 का सहारा ले सकते हैं. वहीं अगर आप एंबुलेंस की सेवा चाहते हैं तो आप 102 नंबर के जरिये एसओएस संदेश भेज सकते हैं. कंट्रोल रूम में आपका संदेश इससे चला जाएगा. इसके बाद पुलिस तुरंत आपसे खुद संपर्क करेगी.


वैज्ञानिक युग में तकनीक बेहद आवश्यक
वेबसाइट और ऐप का उद्घाटन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि इस वैज्ञानिक युग में ऐप के माध्यम से लोगों को सुविधाएं दी जा सकती हैं. वो प्रयास करते हैं कि देशवासियों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए और उन्हें तमाम सुविधाएं मिलें. इसके लिए तकनीक का सहारा लेना सबसे अधिक कारगर है.

उन्होंने कहा कि जब अपराध होते हैं तो पुलिस अपराधियों को पकड़ती है. अपराध पर लगाम लगाती है और उन्हें सफलता भी मिलती है. अपराध मुक्त समाज के लिए पुलिस पूरी तरीके से प्रयास कर रही है और इसमें विज्ञान की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है.

नई दिल्ली: चलती ट्रेन में या किसी भी रेलवे स्टेशन पर अगर आपके साथ कोई आपराधिक वारदात हो तो आपको पुलिस को तलाशने की जरूरत अब नहीं होगी. एक बटन दबाते ही खुद पुलिस आपसे संपर्क करेगी. इस एसओएस बटन से लैस सहयात्री ऐप का गुरुवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन किया.

इसके साथ ही रेलवे पुलिस की वेबसाइट भी शुरु की गई. जिसमें 24 राज्य और एक केंद्र शाषित प्रदेश मिलकर अपराध और अपराधियों की जानकारी देख सकेंगे.

'सहयात्री' ऐप का हुआ उद्घाटन

अपराध पर लगेगी लगाम
ट्रांसपोर्ट के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को पुलिस मुख्यालय में कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में जीआरपी अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. इसमें ये सुझाव आया था कि रेलवे अपराध और अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जाना चाहिए. इससे रेलवे में होने वाले अपराध पर लगाम लगाई जा सकेगी.
इसलिए ये वेबसाइट तैयार की गई है, जिसमें तमाम अपराधियों और अपराध का डाटा डाला गया है. 24 राज्यों के अलावा दिल्ली के रेलवे पुलिस अधिकारी इस वेबसाइट से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा सहयात्री ऐप को बनाया गया है जिससे एक क्लिक पर रेलवे में अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित के पास पुलिस पहुंचेगी. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य सेवा के लिए उनके पास अबुल एंबुलेंस भी पहुंचेगी.

'रेलवे अपराध की नहीं होती सीमा'
उद्घाटन के मौके पर पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा कि रेलवे में होने वाले अपराध की कोई सीमा नहीं होती. अपराध जब होता है तो ट्रेन एक जगह होती है और जब इसका पता लगता है तो दूसरी जगह होती है. इसलिए इस ऐप को लांच किया गया है ताकि रेलवे यात्री जहां हो, वहां की पुलिस उससे मदद के लिए संपर्क करेगी.
उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट को तैयार करने की जिम्मेदारी दिनेश गुप्ता को दी गई थी. 24 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश इस वेबसाइट पर जुड़ेंगे और एक दूसरे से जानकारी साझा करेंगे.
इस वेबसाइट पर रेलवे में वारदात करने वाले डकैत, लुटेरे, झपटमार, जेबतराश, नशा देने वाले, बैग उठाने वाले और बच्चे चोरी करने वालों की जानकारी है. इससे आने वाले समय में अपराधियों की धरपकड़ करना पुलिस के लिए आसान होगा.

ऐसे किया जा सकता है ऐप का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्ले स्टोर से जाकर सहयात्री ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है. ट्रेन में सफर के दौरान या रेलवे स्टेशन पर अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो इसमें मौजूद एसओएस नंबर से आप पुलिस को संदेश भेज सकते हैं.

भेज सकते है एसओएस संदेश
इसमें तीन हेल्पलाइन नंबर है. जिनमें 112, 1512 और 102 नंबर शामिल हैं. अगर आप पुलिस से संपर्क करना चाहते हैं तो आप 112 या 1512 का सहारा ले सकते हैं. वहीं अगर आप एंबुलेंस की सेवा चाहते हैं तो आप 102 नंबर के जरिये एसओएस संदेश भेज सकते हैं. कंट्रोल रूम में आपका संदेश इससे चला जाएगा. इसके बाद पुलिस तुरंत आपसे खुद संपर्क करेगी.


वैज्ञानिक युग में तकनीक बेहद आवश्यक
वेबसाइट और ऐप का उद्घाटन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि इस वैज्ञानिक युग में ऐप के माध्यम से लोगों को सुविधाएं दी जा सकती हैं. वो प्रयास करते हैं कि देशवासियों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए और उन्हें तमाम सुविधाएं मिलें. इसके लिए तकनीक का सहारा लेना सबसे अधिक कारगर है.

उन्होंने कहा कि जब अपराध होते हैं तो पुलिस अपराधियों को पकड़ती है. अपराध पर लगाम लगाती है और उन्हें सफलता भी मिलती है. अपराध मुक्त समाज के लिए पुलिस पूरी तरीके से प्रयास कर रही है और इसमें विज्ञान की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है.

Intro:नई दिल्ली
चलती ट्रेन में या किसी भी रेलवे स्टेशन पर अगर आपके साथ कोई आपराधिक वारदात हो तो आपको पुलिस को तलाशने की आवश्यकता अब नहीं होगी. एक बटन दबाते ही खुद पुलिस आपसे संपर्क करेगी. इस एसओएस बटन से लैस सहयात्री ऐप का गुरुवार को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन किया. इसके साथ ही रेलवे पुलिस की वेबसाइट भी शुरु की गई जिसमें 24 राज्य एवं एक केंद्र शाषित प्रदेश मिलकर अपराध एवं अपराधियों की जानकारी देख सकेंगे.


Body:ट्रांसपोर्ट के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि 23 अक्टूबर 2018 को पुलिस मुख्यालय में कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में जीआरपी अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. इसमें यह सुझाव आया था कि रेलवे अपराध एवं अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जाना चाहिए. इससे रेलवे में होने वाले अपराध पर लगाम लगाई जा सकेगी. इसलिए यह वेबसाइट तैयार की गई है, जिसमें तमाम अपराधियों एवं अपराध का डाटा डाला गया है. 24 राज्यों के अलावा दिल्ली के रेलवे पुलिस अधिकारी इस वेबसाइट से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा सहयात्री ऐप को बनाया गया है जिससे एक क्लिक पर रेलवे में अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित के पास पुलिस पहुंचेगी. इस ऐप के जरिए स्वास्थ्य सेवा के लिए उनके पास अबुल एंबुलेंस भी पहुंचेगी.


रेलवे अपराध की नहीं होती सीमा

उद्घाटन के मौके पर पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा कि रेलवे में होने वाले अपराध की कोई सीमा नहीं होती. अपराध जब होता है तो ट्रेन एक जगह होती है और जब इसका पता लगता है तो दूसरी जगह होती है. इसलिए इस ऐप को लांच किया गया है ताकि रेलवे यात्री जहां हो, वहां की पुलिस उससे मदद के लिए संपर्क करेगी. उन्होंने बताया कि इस वेबसाइट को तैयार करने की जिम्मेदारी दिनेश गुप्ता को दी गई थी. 24 राज्य एवं एक केंद्र शासित प्रदेश इस वेबसाइट पर जुड़ेंगे और एक दूसरे से जानकारी साझा करेंगे. इस वेबसाइट पर रेलवे में वारदात करने वाले डकैत, लुटेरे, झपटमार, जेबतराश, नशा देने वाले, बैग उठाने वाले एवं बच्चे चोरी करने वालों की जानकारी है. इससे आने वाले समय में अपराधियों की धरपकड़ करना पुलिस के लिए आसान होगा.


ऐसे किया जा सकता है ऐप का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के अनुसार प्ले स्टोर से जाकर सहयात्री ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है. ट्रेन में सफर के दौरान या रेलवे स्टेशन पर अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो इसमें मौजूद एसओएस नंबर से आप पुलिस को संदेश भेज सकते हैं. इसमें तीन हेल्पलाइन नंबर है जिनमें 112, 1512 और 102 नंबर शामिल हैं. अगर आप पुलिस से संपर्क करना चाहते हैं तो आप 112 या 1512 का सहारा ले सकते हैं. वहीं अगर आप एंबुलेंस की सेवा चाहते हैं तो आप 102 नंबर के जरिये एसओएस संदेश भेज सकते हैं. कंट्रोल रूम में आपका संदेश इससे चला जाएगा. इसके बाद पुलिस तुरंत आपसे खुद संपर्क करेगी.


Conclusion:वैज्ञानिक युग में तकनीक बेहद आवश्यक
वेबसाइट और ऐप का उद्घाटन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि इस वैज्ञानिक युग में ऐप के माध्यम से लोगों को सुविधाएं दी जा सकती हैं. वह प्रयास करते हैं कि देशवासी को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए और उन्हें तमाम सुविधाएं मिले. इसके लिए तकनीक का सहारा लेना सबसे अधिक कारगर है. उन्होंने कहा कि अपराध जब होते हैं तो पुलिस अपराधियों को पकड़ती है, अपराध पर लगाम लगाती है और उन्हें सफलता भी मिलती है. अपराध मुक्त समाज के लिए पुलिस पूरी तरीके से प्रयास कर रही है और इसमें विज्ञान की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.