नई दिल्लीः पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना महामारी के संकट की इस घड़ी में केवल राजनीति कर रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए दिल्ली सरकार ने 77 टीकाकरण केंद्रों की जो सूची जारी की है, उसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम के टीकाकरण केंद्रों का नाम शामिल नहीं किया गया है.
महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार इस विकट समय में भी राजनीतिक द्वेष की भावना से काम कर रही है. महापौर निर्मल जैन ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु के वर्ग के टीकाकरण के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बड़े अस्पतालों, मातृ एवं प्रसूति केंद्रों सहित 20 केंद्रों के 25 स्पॉट्स पर टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा अपने अधीन टीकाकरण केंद्रों पर लगभग एक लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा 18 से 44 आयुवर्ग टीकाकरण के लिए निर्धारित टीकाकरण केंद्रों में पूर्वी निगम के केंद्रों को शामिल ही नहीं किया गया. पूर्वी निगम के 20 केंद्रों में से 6 केंद्रों को सूची से निकाल दिया गया है, जिन पर 45 साल से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाया जा रहा है.
'60-65 प्रतिशत नागरिक 18 से 44 आयु वर्ग के'
महापौर निर्मल जैन ने कहा कि दिल्ली में 18 से 44 आयु वर्ग के लगभग 60-65 प्रतिशत नागरिक है, जिनके टीकाकरण के लिए एक पूरी रणनीति के साथ अधिक केंद्रों की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार को दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है और कोरोना के ऊपर राजनीति करना ही उसका एकमात्र मकसद है.
जैन ने कहा कि कोरोना त्रासदी में जब लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा रहें हैं ऐसे समय में केवल राजनीति करना घोर निंदा का काम है.
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विद्वेषपूर्ण राजनीति का लगाया आरोप
निर्मल जैन ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपने उपलब्ध संसाधनों के अनुसार हरसंभव कार्य कर रहा है और इस दिशा में में कार्य करते हुए पूर्वी निगम द्वारा 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के लिए भी सारी तैयारियां कर ली थी.
इसके अंतर्गत टीकाकरण केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई थी. लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा जारी की गई सूची में पूर्वी निगम के केंद्रों को शामिल ना करना इस बात द्योतक है कि दिल्ली सरकार विद्वेषपूर्ण राजनीति कर रही है.