ETV Bharat / state

60 रुपये के लिए 10 साल तक कोर्ट में लड़ी लड़ाई, जीतकर पाया मुआवजा

दिल्ली में एक शख्स ने मात्र 60 रूपये की अवैध वसूली के मामले को कोर्ट में 10 साल तक लड़ाई लड़ी. इसके बाद कोर्ट ने इस शख्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आरोपित पर 61,201 रूपये का जुर्माना लगाया.

S
D
author img

By

Published : Apr 1, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Apr 2, 2023, 7:29 AM IST

नई दिल्ली: उपभोक्ता कानूनों को लेकर लोगों में अमूमन बहुत कम ही जागरुकता देखने को मिलती है. लेकिन, अगर कोई व्यक्ति अपने उपभोक्ता अधिकार के प्रति जागरुक होकर लड़ाई लड़े तो उसकी जीत भी जरूर होती है. ऐसा ही एक मामला दक्षिणी दिल्ली इलाके में सामने आया है. दरअसल, मात्र 60 रूपये की अवैध वसूली के मामले को लेकर एक व्यक्ति ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया और 10 साल लंबी लड़ाई लड़कर जीत हासिल की. अदालत ने शिकायतकर्ता कमल आनंद के पक्ष में फैसला देते हुए आरोपित पर 61,201 रूपये का जुर्माना लगाया. साथ ही जुर्माने की राशि शिकायतकर्ता को देने का निर्देश दिया.

दरअसल, शिकायतकर्ता कमल आनंद वर्ष 2013 में डिस्टिक सेंटर साकेत स्थित मॉल में अपनी पत्नी के साथ घूमने गए. इस दौरान वे लोग एक कोस्टा कॉफी के आउटलेट पर कॉफी पीने पहुंचे, जहां आउटलेट पर उपस्थित कर्मचारी ने उन्हें एक ऑफर स्लिप देते हुए बताया कि कॉफी पीने पर पार्किंग निशुल्क है. इस पर उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के लिए दो कॉफी का आर्डर दिया. कॉफी पीने के बाद 570 रूपये का पेमेंट करके जब वह अपनी पार्किंग में खड़ी गाड़ी को लेने पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मी ने उनसे 60 रूपये पार्किंग शुल्क मांगा. इस पर उन्होंने ऑफर स्लिप दिखाते हुए पार्किंग कर्मी को बताया कि उन्हें इस ऑफर के तहत फ्री पार्किंग मिली है.

इस पर पार्किंग कर्मी ने कहा कि उनके पास इस तरह के ऑफर की कोई जानकारी नहीं है. आपको पार्किंग शुल्क के 60 रूपये देने पड़ेंगे. उन्होंने कोस्टा कॉफी आउटलेट के संचालक और मॉल के मालिक से भी इस मामले की शिकायत की, लेकिन पार्किंग ठेकेदार नहीं माना और उनसे पार्किंग के 60 रूपये वसूल लिए. फिर इस मामले को लेकर उन्होंने दक्षिणी दिल्ली स्थित उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करा दी. साथ ही अपनी शिकायत के पक्ष में तमाम सबूत और साक्ष्य पेश किए, जिसके बाद उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष राजकुमार चौहान, सदस्य डॉ. राजेंद्र धर और ऋतु गरोड़िया की कोर्ट ने उनकी शिकायत को सही ठहराते हुए फैसला दिया.

इसे भी पढ़ें: दुबई के लिए उड़ान भर रहे विमान से टकराया पक्षी, दिल्ली एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग

कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस मामले को सिर्फ 60 रूपये का मामला न माना जाए. इस मामले में उपभोक्ता की लड़ाई सही और गलत को लेकर थी. यह मसला एक उपभोक्ता के अधिकारों और उत्पादक के कर्तव्यों का है. ग्राहक को ललचाने के लिए पहले ऑफर देना और फिर उपभोक्ता के फंसने पर उसे नकार देना सेवा में कोताही की श्रेणी में आता है. इस दौरान कोर्ट ने शिकायतकर्ता की तारीफ करते हुए कहा कि वह अपने अधिकार के प्रति 10 साल तक लंबी लड़ाई के लिए डटे रहे और अपनी शिकायत को सही साबित करने के लिए कई सारे सबूत अदालत के सामने पेश किए, जबकि इसके जवाब में प्रतिवादी के पास कोई सबूत ही नहीं था.

इसे भी पढ़ें: Delhi Haj Committee Issue: बीजेपी ने केजरीवाल पर साधा निशाना, कहा- रमजान के महीने में भेज रहे नोटिस

नई दिल्ली: उपभोक्ता कानूनों को लेकर लोगों में अमूमन बहुत कम ही जागरुकता देखने को मिलती है. लेकिन, अगर कोई व्यक्ति अपने उपभोक्ता अधिकार के प्रति जागरुक होकर लड़ाई लड़े तो उसकी जीत भी जरूर होती है. ऐसा ही एक मामला दक्षिणी दिल्ली इलाके में सामने आया है. दरअसल, मात्र 60 रूपये की अवैध वसूली के मामले को लेकर एक व्यक्ति ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया और 10 साल लंबी लड़ाई लड़कर जीत हासिल की. अदालत ने शिकायतकर्ता कमल आनंद के पक्ष में फैसला देते हुए आरोपित पर 61,201 रूपये का जुर्माना लगाया. साथ ही जुर्माने की राशि शिकायतकर्ता को देने का निर्देश दिया.

दरअसल, शिकायतकर्ता कमल आनंद वर्ष 2013 में डिस्टिक सेंटर साकेत स्थित मॉल में अपनी पत्नी के साथ घूमने गए. इस दौरान वे लोग एक कोस्टा कॉफी के आउटलेट पर कॉफी पीने पहुंचे, जहां आउटलेट पर उपस्थित कर्मचारी ने उन्हें एक ऑफर स्लिप देते हुए बताया कि कॉफी पीने पर पार्किंग निशुल्क है. इस पर उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के लिए दो कॉफी का आर्डर दिया. कॉफी पीने के बाद 570 रूपये का पेमेंट करके जब वह अपनी पार्किंग में खड़ी गाड़ी को लेने पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मी ने उनसे 60 रूपये पार्किंग शुल्क मांगा. इस पर उन्होंने ऑफर स्लिप दिखाते हुए पार्किंग कर्मी को बताया कि उन्हें इस ऑफर के तहत फ्री पार्किंग मिली है.

इस पर पार्किंग कर्मी ने कहा कि उनके पास इस तरह के ऑफर की कोई जानकारी नहीं है. आपको पार्किंग शुल्क के 60 रूपये देने पड़ेंगे. उन्होंने कोस्टा कॉफी आउटलेट के संचालक और मॉल के मालिक से भी इस मामले की शिकायत की, लेकिन पार्किंग ठेकेदार नहीं माना और उनसे पार्किंग के 60 रूपये वसूल लिए. फिर इस मामले को लेकर उन्होंने दक्षिणी दिल्ली स्थित उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज करा दी. साथ ही अपनी शिकायत के पक्ष में तमाम सबूत और साक्ष्य पेश किए, जिसके बाद उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष राजकुमार चौहान, सदस्य डॉ. राजेंद्र धर और ऋतु गरोड़िया की कोर्ट ने उनकी शिकायत को सही ठहराते हुए फैसला दिया.

इसे भी पढ़ें: दुबई के लिए उड़ान भर रहे विमान से टकराया पक्षी, दिल्ली एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग

कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस मामले को सिर्फ 60 रूपये का मामला न माना जाए. इस मामले में उपभोक्ता की लड़ाई सही और गलत को लेकर थी. यह मसला एक उपभोक्ता के अधिकारों और उत्पादक के कर्तव्यों का है. ग्राहक को ललचाने के लिए पहले ऑफर देना और फिर उपभोक्ता के फंसने पर उसे नकार देना सेवा में कोताही की श्रेणी में आता है. इस दौरान कोर्ट ने शिकायतकर्ता की तारीफ करते हुए कहा कि वह अपने अधिकार के प्रति 10 साल तक लंबी लड़ाई के लिए डटे रहे और अपनी शिकायत को सही साबित करने के लिए कई सारे सबूत अदालत के सामने पेश किए, जबकि इसके जवाब में प्रतिवादी के पास कोई सबूत ही नहीं था.

इसे भी पढ़ें: Delhi Haj Committee Issue: बीजेपी ने केजरीवाल पर साधा निशाना, कहा- रमजान के महीने में भेज रहे नोटिस

Last Updated : Apr 2, 2023, 7:29 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.