नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नशा से जुड़े अपराधों को कम करने के लिए पुलिस आए दिन नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करती रहती है. बावजूद उसके कुछ इलाकों में यह गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है. इससे जुड़ी एक नई बात सामने आई है कि अब दक्षिणी दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन में अफ्रीकी मूल के नागरिकों से परेशान लोगों ने इलाके में रातभर जागकर पहरा देना शुरू कर दिया है.
दरअसल, खिड़की एक्सटेंशन में लोग अफ्रीकी नागरिकों की हरकतों से परेशान हैं. इलाके में नशीले पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति से बचने के लिए स्थानीय लोग यहां रात भर जाग कर पहरा देते हैं. रात नौ बजे के बाद यहां बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को स्थानीय लोगों के सिक्योरिटी चेक से गुजरना पड़ता है. अगर व्यक्ति यहां किसी वास्तविक कारण से नहीं आया है तो उसे उठक-बैठक करवाई जाती है और मुर्गा भी बनाया जाता है. जाने से पहले उसका मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की फोटोकॉपी भी रखी जाती है, ताकि वह यहां दोबारा आए तो उससे सख्ती से निपटा जा सके.
पकड़े जाने पर बनाते हैं ऐसे बहाने: स्थानीय लोगों का कहना है कि रात नौ बजे के बाद यहां आने वाले लोगों को रोककर पूछताछ की जाती है, तो ये तरह-तरह के बहाने बनाने लगते हैं. कोई कहता है ढाबे पर खाना खाने आया हूं. कोई कहता है दोस्त से मिलने आया हूं. जब दोस्त का नाम पूछा जाता है, तो उनकी बोलती बंद हो जाती है. घरवालों से बात कराने की बात पर भी वे डर जाते हैं. जिन लोगों को स्थानीय लोगों की समस्या जल्दी समझ आ जाती है वो अपनी गलती मान लेते हैं.
समस्या की जड़ मकान मालिक और प्रॉपर्टी डीलर: स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार इलाके के मकान मालिक हैं जो अपने घरों में रह नहीं रहे हैं. इन्होंने अपने मकान को प्रॉपर्टी डीलरों को दे रखा है. प्रॉपर्टी डीलर मनमाने तरीके से मोटा किराया लेकर उनमें अफ्रीकी नागरिकों को रखा है. इसकी वजह से इलाके में हाल यह है कि भारतीय नागरिकों को जल्दी किराए पर मकान नहीं मिलता है, जबकि अफ्रीकियों को प्रॉपर्टी डीलर तुरंत मकान दे देते हैं. स्थानीय निवासी अफजल ने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर को स्थानीय लोगों की समस्या से नहीं बल्कि सिर्फ अपने मुनाफे से मतलब है.
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इस तरीके से यही बस जाते हैं अफ्रीकी: स्थानीय निवासी एडवोकेट प्रताप शर्मा ने बताया कि अफ्रीकी नागरिक सस्ता इलाज के बहाने मेडिकल वीजा पर दिल्ली आते हैं. इलाज के बाद ये वापस जाने की बजाय यहीं बस जाते हैं. अपनी आजीविका चलाने के लिए ज्यादातर अफ्रीकी नशा तस्करी और वेश्यावृत्ति करने लगते हैं. कई तो इसलिए भी यहीं बस जाते हैं कि इलाज लंबा चलने पर उन्हें बार-बार आने जाने पर अधिक पैसे न खर्च करने पड़े. ऐसे में इनके अनैतिक काम से स्थानीय लोगों को परेशानी होती है. पुलिस का कहना है कि समय-समय पर अभियान चलाकर इनका वीजा पासपोर्ट आदि चेक किया जाता है. कमी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाती है. बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रह रहे किराएदारों और उनके मकान मालिकों पर भी कार्रवाई की जाती है.
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