नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष न्यायमूर्ति उमेश कुमार को शपथ दिलाने में देरी करने को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. इसमें पूछा गया है कि दिल्ली में उपलब्ध होने के बावजूद दिल्ली सरकार की ओर से उमेश कुमार को मंगलवार को शपथ नहीं दिलाई गई. दिल्ली सरकार ने कहा है कि डीईआरसी के नए चेयरमैन को आगामी 3 जुलाई को शपथ दिलाई जाएगी.
शपथ दिलाने में देरी किए जाने को लेकर सीएम केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में एलजी ने कहा कि, डीआरसी के नए चेयरमैन को राष्ट्रपति ने नियुक्त किया है. न्यायमूर्ति उमेश कुमार 27 और 28 जून को दिल्ली में शपथ ग्रहण के लिए उपलब्ध हैं. इसके बाद वह दिल्ली से बाहर रहेंगे, इसलिए उन्हें अभी शपथ दिलाई जानी चाहिए. एलजी ने लिखा कि, 29 जून को अवकाश है और 30 जून को बिजली मंत्री उपलब्ध नहीं है. इसलिए नए चेयरमैन को 28 जून को शपथ दिला दी जानी चाहिए.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उमेश कुमार को डीईआरसी का चेयरमैन नियुक्त किया है. दिल्ली विद्युत अधिनियम 2003 के तहत आयोग का अध्यक्ष और सदस्य 5 साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो तब तक पद पर रह सकता है. आयोग में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होते हैं.
वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने निशाना साधते हुए कहा है कि नियुक्ति के बावजूद डीईआरसी चेयरमैन को अरविंद केजरीवाल सरकार शपथ नहीं दिला रही है. आखिर बिजली मंत्री आतिशी जानबूझकर न्यायमूर्ति उमेश कुमार को शपथ दिलाने में देर क्यों कर रही हैं. उमेश कुमार दिल्ली में हैं और उन्होंने कल यानी 28 जून को शपथ दिलाने का अनुरोध किया है, लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार ने कुछ नापाक कारणों से इसे 3 जुलाई तक के लिए टाल दिया है.
यह भी पढ़ें-Opposition meeting: खड़गे के दो टूक के बाद क्या करेंगे केजरीवाल, AAP ने दी की प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल सरकार के पास बिजली वितरण कंपनियों में अपने निजी साझेदारों को फायदा पहुंचाने का कोई छिपा हुआ एजेंडा है. इसलिए वह न्यायमूर्ति उमेश कुमार को शपथ दिलाने में देरी कर रहे हैं. लग रहा है कि डीईआरसी में कुछ घोलमाल एवं गड़बड़ियों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. शपथ में देरी नियुक्ति प्राधिकारी भारत की राष्ट्रपति का अपमान है.
यह भी पढ़ें-Delhi CM आवास के कैग ऑडिट का भाजपा नेताओं ने किया स्वागत, AAP ने बताया- सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग