नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में नकली दवाओं की आपूर्ति के बाद, आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी मरीजों पर नकली लैब परीक्षण करने का मामला सामने आया है. इस मामले में गुरुवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इसमें लाखों फर्जी परीक्षणों के बदले निजी प्रयोगशालाओं को भुगतान किया गया. आरोप है कि करीब 100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.
इतना ही नहीं मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की और अनधिकृत/गैर-चिकित्सीय कर्मचारियों ने मरीजों को परीक्षण और दवाएं लिखीं. मरीजों के प्रवेश को चिह्नित करने के लिए नकली/गैर-मौजूद मोबाइल नंबरों का उपयोग किया जाता है. घोटाला पंजाब में अपनाए जा रहे समान मॉडल पर भी सवाल उठाता है.
रिपोर्ट के महत्वपूर्ण निष्कर्ष-
- मरीजों का मोबाइल नंबर जहां केवल 0 अंक दर्ज किया गया- 11,657
- मोबाइल नंबर का खाका खाली पाया गया- 8,251
- मरीजों का मोबाइल नंबर 9999999999 दर्ज किया गया- 3,092
- 1,2,3,4,5 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर (गैर-मौजूद मोबाइल नंबर)- 400
- 15 या उससे अधिक बार दोहराए गए मोबाइल नंबर की संख्या- 999
दरअसल एलजी वीके सक्सेना के निर्देशों पर की गई नियमित यादृच्छिक निगरानी के दौरान, दिल्ली सरकार के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में आने वाले मरीजों के नाम पर किए जा रहे प्रयोगशाला परीक्षणों में गंभीर धोखाधड़ी की प्रथाएं प्रचलित पाई गई. यह करोड़ों रुपये के घोटाले का संकेत है. गौरतलब है कि एलजी वीके सक्सेना ने दिसंबर 2022 में मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए निजी पार्टियों को प्रयोगशाला परीक्षण सेवाओं के विस्तार से संबंधित एक फाइल को मंजूरी देते हुए ये निर्देश जारी किए थे.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इन लैब टेस्ट सर्विस को मोहल्ला क्लीनिकों में लैब टेस्ट करने के लिए आउटसोर्स किया है-
- मेसर्स एगिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड
- मैसर्स मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर लिमिटेड
अगस्त 2023 में, यह देखा गया कि दक्षिण-पश्चिम, शाहदरा और उत्तर-पूर्वी जिलों में 7 मोहल्ला क्लीनिकों के कुछ डॉक्टरों/कर्मचारियों ने पूर्व-रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से धोखाधड़ी से अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए अनैतिक व्यवहार का सहारा लिया. ये मोहल्ला क्लीनिक हैं- जाफर कलां, उजवा, शिकारपुर, गोपाल नगर, ढांसा, जगजीत नगर और बिहारी कॉलोनी.
इन मोहल्ला क्लीनिकों में मरीजों को चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जाता था और डॉक्टरों की अनुपस्थिति में अन्य अनधिकृत कर्मचारियों द्वारा दवाओं का वितरण किया जाता था, जिससे मरीजों का जीवन खतरे में पड़ा. इन मोहल्ला क्लीनिकों की फाइलों में लिखी गई तिथि के अनुसार, संबंधित चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों ने निम्नलिखित अवधि के दौरान पूर्व-रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से फर्जी तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज की.
1. जगजीत नगर मोहल्ला क्लिनिक - जनवरी 2023 से जून 2023
2. बिहारी कॉलोनी मोहल्ला क्लिनिक - जुलाई 2022 से मार्च 2023
3. जाफर कलां मोहल्ला क्लिनिक - जून 2022 से जनवरी 2023
4. ढांसा मोहल्ला क्लिनिक - जुलाई 2022 से मार्च 2023
5. उजवा मोहल्ला क्लिनिक - अगस्त 2022 से मार्च 2023
6. शिकारपुर मोहल्ला क्लिनिक - अक्टूबर 2022 से मार्च 2023
7. गोपाल नगर मोहल्ला क्लिनिक - अगस्त 2022 से मार्च 2023
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सितंबर 2023 में इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें पैनल से हटा दिया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं. इसके अलावा, इस कार्रवाई को जारी रखते हुए, दोनों निजी सेवा प्रदाताओं - एगिलस डायग्नोस्टिक्स और मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर - से प्राप्त 3 महीनों जुलाई से सितंबर 2023 - के लिए नमूना प्रयोगशाला परीक्षण डेटा की समीक्षा की गई. इसमें पाया गया कि मरीजों के पंजीकरण और बाद में उन पर किए गए प्रयोगशाला परीक्षणों के लिए नकली/गैर-मौजूद मोबाइल नंबरों का उपयोग किया गया था. साथ ही मोबाइल नंबरों का भी दोहराव हुआ. डेटा से साफ पता चला है कि इन मोहल्ला क्लीनिकों में फर्जी लैब टेस्ट किए गए थे, जिनकी और जांच करने की जरूरत है.
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