नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका पर कल यानी 8 नवंबर को सुनवाई करेगा.
याचिका वकील राकेश कुमार लाकड़ा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों का धरना और प्रदर्शन गैर-कानूनी था. याचिका में मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद पुलिसकर्मियों की ओर से सोशल मीडिया पर बयान देने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
इन्हें बनाया गया पक्षकार
याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक, दिल्ली पुलिस के डीसीपी असलम खान और एनआईए की एसपी संयुक्ता पराशर को पक्षकार बनाया गया है.
धरने में शामिल पुलिसवालों पर कार्रवाई के लिए HC पहुंचे वकील - lawyers reached against delhi high court
वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है.
![धरने में शामिल पुलिसवालों पर कार्रवाई के लिए HC पहुंचे वकील](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4989616-thumbnail-3x2-police.jpg?imwidth=3840)
नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका पर कल यानी 8 नवंबर को सुनवाई करेगा.
याचिका वकील राकेश कुमार लाकड़ा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों का धरना और प्रदर्शन गैर-कानूनी था. याचिका में मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद पुलिसकर्मियों की ओर से सोशल मीडिया पर बयान देने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
इन्हें बनाया गया पक्षकार
याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक, दिल्ली पुलिस के डीसीपी असलम खान और एनआईए की एसपी संयुक्ता पराशर को पक्षकार बनाया गया है.
Body:याचिका वकील राकेश कुमार लाकड़ा ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों का धरना और प्रदर्शन गैरकानूनी था। याचिका में मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद पुलिसकर्मियों की ओर से सोशल मीडिया पर बयान देने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
Conclusion:याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक, दिल्ली पुलिस के डीसीपी असलम खान और एनआईए की एसपी संयुक्ता पराशर को पक्षकार बनाया गया है।