नई दिल्ली: मशहूर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री की बहुचर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) एक बार फिर चर्चा में आ गई है. गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के जूरी हेड नदव लैपिड ने फिल्म को 'वल्गर प्रोपेगेंडा' बताया है, जिसके बाद भारत में इजरायल के राजदूत नोर गिलोन (Naor Gilon) ने जूरी हेड के इस बयान की निंदा करते हुए उन्हें लताड़ लगाई है. राजदूत ने नदव के इस बयान को निजी बताया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें नदव लैपिड के बयान पर शर्म महसूस हो रही है. IFFI जूरी हेड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को एक 'अश्लील प्रचार' बताया था. उन्होंने कहा, 'मैं इस तरह के फिल्म समारोह में ऐसी फिल्म को देखकर हैरान हूं'.
कश्मीर के त्राल के रहने वाले एमके कौल फिलहाल गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में रहते हैं. कॉल ने कहा कि कश्मीर फाइल्स को लेकर इस तरह के बेतुके बयान सुनकर बहुत दुख और पीड़ा हुई है. जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं उन्हें पहले कश्मीरी पंडितों के इतिहास को पढ़ना चाहिए. कश्मीरी पंडितों के दुख, दर्द, पीड़ा को जानना चाहिए. इस तरह के बयान कश्मीरी पंडितों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं. कश्मीर फाइल्स में जो कुछ भी दिखाया गया है उससे कहीं अधिक कश्मीरी पंडितों का दर्द है.
श्रीनगर के रहने वाले शान्ता भंडारी ने कहा कि कश्मीर फाइनल में सच्चाई दिखाई गई है. कश्मीरी फाइल्स को लेकर जो बेतुके बयान सामने आ रहे हैं उनकी हम निंदा करते हैं. कश्मीरी पंडित अपने घरों से बेघर हुए, कैंपों में रहे जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक दौर के बारे में ना देखा है ना सुना है. वह लोग कश्मीरी फाइल्स फिल्म पर बेतुके बयान देकर कश्मीरी पंडितों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं.
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बता दें, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' इस साल मार्च में रिलीज हुई थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी. इस फिल्म के बाद अब विवेक ने अपनी दो फिल्मों का और ऐलान कर दिया है. विवेक अब दिल्ली दंगों पर आधारित फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' और कोरोना महामारी पर 'द वैक्सीन वार' बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
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