नई दिल्ली/गाजियाबाद: सिद्धपीठ दूधेश्वर मठ महादेव मंदिर की ख्याति भारत ही नहीं पूरे विश्व में है. यही कारण है कि श्रावण मास और श्रावण शिवरात्रि में जलाभिषेक के लिए मंदिर में लाखों कांवड़िये और श्रद्धालु आते हैं. इस बार श्रावण शिवरात्रि शनिवार 15 जुलाई को है. मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमंहत नारायण गिरि ने बताया कि श्रावण शिवरात्रि चतुर्दशी में मनाई जाती है. चतुर्दशी शनिवार 15 जुलाई को रात्रि 8 बजकर 32 मिनट से लग जाएगी. उसी के साथ शिवरात्रि शुरू हो जाएगी और भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
श्रीमहंत नारायण गिरी के मुताबिक, चतुर्दशी का समापन रविवार 16 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 8 मिनट पर होगा, मगर श्रावण शिवरात्रि का व्रत शनिवार को ही रख जाएगा. त्रयोदशी का व्रत आज रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि का आरंभ शुक्रवार 14 जुलाई को सायं 7 बजकर 17 मिनट से होगा. वहीं इसकी समाप्ति 15 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 32 मिनट पर होगी, जिसके बाद चतुर्दशी लग जाएगी.
इसे भी पढ़ें: Kanwar Yatra 2023: व्हीलचेयर पर 400 KM कांवड़ यात्रा, रास्ते में चोरी हो गए पैसे, फिर भी रोशन में है गजब का हौसला
हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री व गोमुख से गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों ने मंदिर में भगवान दूधेश्वर के दरबार में हाजरी लगाकर जल चढाना शुरू कर दिया है. अब वे कैंप में विश्राम कर श्रावण शिवरात्रि पर 15 जुलाई को मंदिर में भगवान का जलाभिषेक करेंगे. जो कांवड़िये दूर रहते हैं, वे हाजरी का जल चढाकर अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं. वे श्रावण शिवरात्रि पर अपने घर के आसपास के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. मंदिर में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 24 घंटे खोल दिए गए हैं. ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.
इसे भी पढ़ें: Rath Kanwar: राम मंदिर के रूप में शिवभक्तों ने निकाला रथ कांवड़, 800 किलो वजनी रथ को लेकर जा रहे राजस्थान