नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां मैगजीन के रिपोर्टर कौशल श्राफ ने अपना बयान दर्ज करवाया. जयराम रमेश और कौशल श्राफ ने अपने बचाव में साक्ष्य देने का अनुरोध किया, जिसके बाद एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने 9 अप्रैल की तारीख तय की है. मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी.
लेख में डी कंपनी का जिक्र
22 जनवरी 2019 को कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लिया था. विवेक डोभाल ने अपने वकील डीपी सिंह के जरिए कोर्ट से कहा था कि कारवां मैगजीन ने अपने लेख में डी कंपनी का जिक्र किया है, जिसका मतलब दाऊद इब्राहिम गैंग होता है. डीपी सिंह ने कहा था कि लेखक कौशल श्राफ ने छापने के पहले कोई पड़ताल नहीं की. इस लेख के जरिए हमारे परिवार को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर परिवार को बदनाम करने की कोशिश नहीं की गई है तो आलेख में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चित्र छापे गए हैं और डी कंपनी कहा गया है. डीपी सिंह ने कहा था कि लेख में जयराम रमेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र है. इसके बाद ट्विटर पर काफी चर्चा हुई. हमें बदनाम करने की कोशिश की गई.
कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं डोभाल
याचिका में कहा गया है कि विवेक डोभाल और अमित शर्मा कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं. जयराम रमेश और कारवां मैगजीन ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए और छापे हैं. ये बयान उनके पिता अजीत डोभाल की छवि को धूमिल करने के लिए दिए गए. याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के जरिए उनकी और उनकी हेज फंड कंपनी के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग के आरोप लगाए हैं.
कंपनी को बदनाम करने की कोशिश
वर्षों के मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा याचिका में कहा गया है कि इन बयानों से उनकी वर्षों के मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। याचिका में कहा गया है कि कारवां मैगजीन ने अपने आलेख में उनकी कंपनी को डी कंपनी कहकर संबोधित किया है और उनकी और उनकी कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की है.