नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईएचएफएल) की याचिका पर उसके खिलाफ याचिका दायर करने वाले सिटिजन व्हीसल ब्लोअर फोरम को नोटिस जारी किया है. आईएचएफएल ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की है, वो झूठे तथ्यों पर आधारित है.
आईएचएफएल की ओर से कहा गया है कि झूठ की वजह से उनके शेयर 450 रुपये से गिरकर 210 रुपये तक गिर गए हैं. इससे लाखों शेयरधारकों को नुकसान हुआ है.
बता दें कि पिछले 27 सितंबर को हाईकोर्ट ने आइएचएफएल के फंड हेराफेरी मामले में सुनवाई करते हुए आईएचएफएल, रिजर्व बैंक, सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस(एसएफआईएओ) को नोटिस जारी किया था. आईएचएफएल के खिलाफ सिटिजंस व्हीसल ब्लोअर फोरम ने याचिका दायर की है.
SIT जांच की मांग
सिटिजंस व्हीसल ब्लोअर फोरम की याचिका में कहा गया है कि आईएचएफएल ने अपने ग्रुप की दूसरी कंपनियों के जरिये बड़ी कंपनियों को जो कर्ज दिया वो संदिग्ध है. याचिका में पूरे मामले की एसआईटी जांच की मांग की गई है.
'शेयरधारकों का हुआ नुकसान'
याचिका में कहा गया है कि इस कर्ज की हेराफेरी कर उन्हें इंडियाबुल्स की स्वामित्व वाली कंपनियों के खाते में डाल दिया गया ताकि उनकी निजी संपत्ति को बढ़ाया जा सके. याचिका में कहा गया है कि इन गड़बड़ियों के कारण आईएचएफएल में निवेश करने वाले शेयरधारकों को नुकसान हुआ है. बता दें कि कुछ महीनों पहले आईएचएफएल पर जनता के 98 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप लगे थे. इस आरोप को लगाने वाले फर्म ने बाद में माफी मांग ली थी.
सुनवाई के दौरान आईएचएफएल ने कहा था कि अगर इस याचिका पर नोटिस जारी किया गया तो उसके शेयर गिर जाएंगे. कंपनी ने कोर्ट को बताया कि जैसे ही एनजीओ ने इस याचिका को कोर्ट में डाला, सुनवाई से पहले ही याचिका की कॉपी को मीडिया में बांट दी गई, जिससे हमारे शेयर 25 फीसदी तक नीचे गिर गए. हालांकि कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करके अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.