नई दिल्ली: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी (Bihar Caste Survey Report) होने को लेकर सवाल भी खड़े होने शुरू हो गए है. स्वामी दीपंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह पाप जैसा है और अनुचित है. यह वो जातीय गणनाएं हैं जिसमें बहुत लोगों की शिकायतें हैं कि उनसे कुछ पूछा ही नहीं गया है. इससे साफ पता चल रहा है कि जाति आधारित सर्वे के आंकड़े अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए इस्तेमाल किया गया है. मैं समझता हूं यह उचित नहीं है. मात्र अपने फायदे के लिए हिंदुओं को जातियों में बांटना जायज नहीं है.
बिहार सरकार से सवाल करते हुए स्वामी दीपंकर ने कहा कि मैं जातियों को जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं. जबकि बिहार सरकार जातियों में तोड़ने का कुचक्र रच रही है. बिहार सरकार से मेरा सवाल है कि मुसलमानों में भी 129 जातियां होती हैं. क्या उनकी भी गणना हुई है. ईसाई समुदाय में भी कई जातियां होती है . क्या इनकी भी गणना हुई है. अगर नहीं हुई है तो सिर्फ हिंदू को ही क्यों बांटा जा रहा है. 2 अक्टूबर को दिन जब पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा था उस दिन बिहार में हिंदुओं को जातियों में बांटा गया. महात्मा गांधी ने जातिवाद का बड़े स्तर पर विरोध किया था. जबकि बिहार की जनता को जातियों में बांटने का काम किया जा रहा है.
स्वामी दीपांकर ने एक्सपोस्ट करते हुए लिखा है, "आप जातीय गणना कराकर हिन्दू को बांटे, हम एक होने की भिक्षा मांग कर जोड़ेंगे." स्वामी दीपंकर ने इसके साथ एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है एक संत के साथ सनातन की सुनामी. बता दें कि बीते 317 दिनों से स्वामी दीपांकर की भिक्षा यात्रा जारी है.