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District Consumer Court: उपभोक्ता जानें अपने अधिकार, कैसे दर्ज कराएं शिकायत, जानिए पूरी प्रक्रिया - How many District Consumer Commission in Delhi

राजधानी दिल्ली के 11 में से 10 जिलों में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग हैं. राज्य एवं जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में सेवानिवृत्त जज को उसका अध्यक्ष बनाया जाता है. इनमें और तीन-तीन सदस्य होते हैं. यही लोग मामलों का निस्तारण करते हैं.

दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं
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Published : Jun 24, 2023, 6:42 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 7:18 PM IST

दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं

नई दिल्लीः उपभोक्ता अधिकारों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है. कुछ लोग अब बाजार से खरीदे गए सामान या किसी अन्य सेवा में कमी पाते हैं तो जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायतें करते हैं.

देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत किसी भी उत्पाद को बनाने और बेचने वाले के खिलाफ शिकायत मिलने पर आयोग को कार्रवाई का अधिकार है. लेकिन, लोगों को न्याय मिलने में कई-कई साल लग जाते हैं. इससे वे आयोग में शिकायत करने से कतराने कतराते हैं.

राजधानी दिल्ली के 11 जिलों में से 10 में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग हैं. इनमें हजारों मामले लंबित हैं, जिनका निस्तारण बाकी है. शाहदरा जिले को छोड़कर बाकी सभी में आयोग हैं. शाहदरा के आयोग कार्यालय का निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ है. जिला उपभोक्ता आयोगों के अलावा दिल्ली में एक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग भी है. आईटीओ स्थित विकास भवन में इसका कार्यालय है.

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग: राज्य एवं जिला दोनों जगह एक सेवानिवृत्त जज को आयोग का अध्यक्ष बनाया जाता है और तीन सदस्य होते हैं. ये लोग ही आने वाले मामलों का निस्तारण करते हैं. निस्तारण के लिए सिर्फ चार लोग होते हैं, जबकि मामलों की संख्या अधिक होती है. इसलिए भी इनको निपटाने में देरी होती है. फिलहाल आयोग के कार्यालय में तीन जुलाई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है.

कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने बताया "वैसे तो उपभोक्ता आयोग में तय समय सीमा के अंदर ही मामलों का निस्तारण करना होता है. लेकिन, संसाधनों के अभाव में लंबा समय लग जाता है. अगर समय को कम करना है तो संसाधनों को बढ़ाना होगा. उपभोक्ता आयोग के कार्यालयों में इंटरनेट और कंप्यूटर की काफी समय से कमी थे. इसकी वजह से भी कामकाज प्रभावित होता था. हालांकि, इसमें अब थोड़ा सुधार हुआ है."

यह है उपभोक्ता आयोग का स्वरूप: एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश आयोग के अध्यक्ष, एक समाजसेवी, एक वकील और एक सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि आयोग के सदस्य होते हैं. ये चार लोग ही आयोग में आने वाले मामलों का निस्तारण करते हैं.

कैसे दर्ज कराएं शिकायत,
कैसे दर्ज कराएं शिकायत,
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
कैसे दर्ज कराएं शिकायत
कैसे दर्ज कराएं शिकायत
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
जिला उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामले
जिला उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामले
मामले लंबित होने के कारण
मामले लंबित होने के कारण

जिला उपभोक्ता आयोग से राज्य आयोग में कैसे जाती है शिकायत: अधिवक्ता मनीष भदौरिया के अनुसार "जब कोई उपभोक्ता जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दिए गए निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो वह जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय के 45 दिन के अंदर राज्य उपभोक्ता आयोग में उस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है."

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: साक्षी, विनेश और बजरंग पूनिया पर FIR के लिए याचिका, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट

दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं

नई दिल्लीः उपभोक्ता अधिकारों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है. कुछ लोग अब बाजार से खरीदे गए सामान या किसी अन्य सेवा में कमी पाते हैं तो जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायतें करते हैं.

देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत किसी भी उत्पाद को बनाने और बेचने वाले के खिलाफ शिकायत मिलने पर आयोग को कार्रवाई का अधिकार है. लेकिन, लोगों को न्याय मिलने में कई-कई साल लग जाते हैं. इससे वे आयोग में शिकायत करने से कतराने कतराते हैं.

राजधानी दिल्ली के 11 जिलों में से 10 में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग हैं. इनमें हजारों मामले लंबित हैं, जिनका निस्तारण बाकी है. शाहदरा जिले को छोड़कर बाकी सभी में आयोग हैं. शाहदरा के आयोग कार्यालय का निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ है. जिला उपभोक्ता आयोगों के अलावा दिल्ली में एक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग भी है. आईटीओ स्थित विकास भवन में इसका कार्यालय है.

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग: राज्य एवं जिला दोनों जगह एक सेवानिवृत्त जज को आयोग का अध्यक्ष बनाया जाता है और तीन सदस्य होते हैं. ये लोग ही आने वाले मामलों का निस्तारण करते हैं. निस्तारण के लिए सिर्फ चार लोग होते हैं, जबकि मामलों की संख्या अधिक होती है. इसलिए भी इनको निपटाने में देरी होती है. फिलहाल आयोग के कार्यालय में तीन जुलाई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है.

कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने बताया "वैसे तो उपभोक्ता आयोग में तय समय सीमा के अंदर ही मामलों का निस्तारण करना होता है. लेकिन, संसाधनों के अभाव में लंबा समय लग जाता है. अगर समय को कम करना है तो संसाधनों को बढ़ाना होगा. उपभोक्ता आयोग के कार्यालयों में इंटरनेट और कंप्यूटर की काफी समय से कमी थे. इसकी वजह से भी कामकाज प्रभावित होता था. हालांकि, इसमें अब थोड़ा सुधार हुआ है."

यह है उपभोक्ता आयोग का स्वरूप: एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश आयोग के अध्यक्ष, एक समाजसेवी, एक वकील और एक सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि आयोग के सदस्य होते हैं. ये चार लोग ही आयोग में आने वाले मामलों का निस्तारण करते हैं.

कैसे दर्ज कराएं शिकायत,
कैसे दर्ज कराएं शिकायत,
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
दिल्ली में कितने जिला उपभोक्ता आयोग हैं?
कैसे दर्ज कराएं शिकायत
कैसे दर्ज कराएं शिकायत
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
कितनी है फीस?
जिला उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामले
जिला उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामले
मामले लंबित होने के कारण
मामले लंबित होने के कारण

जिला उपभोक्ता आयोग से राज्य आयोग में कैसे जाती है शिकायत: अधिवक्ता मनीष भदौरिया के अनुसार "जब कोई उपभोक्ता जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दिए गए निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो वह जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय के 45 दिन के अंदर राज्य उपभोक्ता आयोग में उस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है."

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: साक्षी, विनेश और बजरंग पूनिया पर FIR के लिए याचिका, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट

Last Updated : Jun 24, 2023, 7:18 PM IST
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