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अर्पित अग्निकांड: होटल के 12 कमरों में नहीं थी खिड़की, दम घुटने से गई कई लोगों की जान - Delhi

नई दिल्ली: करोल बाग के होटल अर्पित में हुई आगजनी की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला है कि होटल के लगभग 12 कमरों में खिड़कियां नहीं थी. इसकी वजह से जब आग लगी तो काफी लोगों की जान दम घुटने के चलते चली गई.

करोल बाग स्थित होटल अर्पित
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Published : Feb 15, 2019, 10:16 AM IST

पुलिस की जांच में यह बड़ी लापरवाही गुरुवार को सामने आई है, जब पुलिस टीम दोबारा वहां पहुंची. इसे लेकर पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है.

बीच वाले क्षेत्र में बने कमरों में खिड़की नहीं
गुरुवार को मौके की जांच करने के बाद क्राइम ब्रांच ने पाया कि इस होटल में कुल 46 कमरे हैं जिनमें से लगभग 12 कमरों में खिड़कियां नहीं थी. यह कमरे होटल के बीच वाले क्षेत्र में बने हुए हैं. प्रत्येक मंजिल पर ऐसे दो से तीन कमरे पुलिस को मिले हैं जिनमें खिड़कियां ही नहीं थी. पुलिस का मानना है कि इसकी वजह से कई लोग दम घुटने के चलते इस हादसे में मारे गए. इस होटल के अगले एवं पिछले हिस्से में बने कमरों में ही खिड़कियों का इंतजाम है जबकि बीच वाले क्षेत्र में बने कमरों में एक भी खिड़की नहीं थी.

कमरा संख्या 109 से शुरू हुई आग
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विकास कुमार ने पुलिस को बताया है कि रिसेप्शन पर कमरा संख्या 109 से आग लगने की कॉल आई थी. वह अपने सुपरवाइजर लालचंद के साथ इस आग को बुझाने के लिए गया. उस समय तक कमरे की बेडशीट और तकिए में आग लग चुकी थी. उस कमरे में रह रहे लोगों को उन्होंने बाहर निकाला, लेकिन यह आग लगातार भड़कती चली गई. टैब उसने इसकी जानकारी दमकल विभाग और अपने मालिक शरदेंदु गोयल को दी.

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एसी में शार्ट-सर्किट की आशंका
फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जब कमरा संख्या 109 का मुआयना किया तो पता चला कि कमरे में एसी के अंदर शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है. इस कमरे में वेंटिलेशन नहीं था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि सर्दी होने की वजह से एसी की सर्विस नहीं की गई थी और ऐसे में उसे चालू करना आग का कारण बना. विकास ने पुलिस को बताया कि उसने होटल के मालिक के बड़े भाई शरदेंदु गोयल को कॉल कर मौके पर आने के लिए कहा था. उसने चंद मिनटों में आने की बात कही थी लेकिन आधे घंटे बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया.

पुलिस की जांच में यह बड़ी लापरवाही गुरुवार को सामने आई है, जब पुलिस टीम दोबारा वहां पहुंची. इसे लेकर पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है.

बीच वाले क्षेत्र में बने कमरों में खिड़की नहीं
गुरुवार को मौके की जांच करने के बाद क्राइम ब्रांच ने पाया कि इस होटल में कुल 46 कमरे हैं जिनमें से लगभग 12 कमरों में खिड़कियां नहीं थी. यह कमरे होटल के बीच वाले क्षेत्र में बने हुए हैं. प्रत्येक मंजिल पर ऐसे दो से तीन कमरे पुलिस को मिले हैं जिनमें खिड़कियां ही नहीं थी. पुलिस का मानना है कि इसकी वजह से कई लोग दम घुटने के चलते इस हादसे में मारे गए. इस होटल के अगले एवं पिछले हिस्से में बने कमरों में ही खिड़कियों का इंतजाम है जबकि बीच वाले क्षेत्र में बने कमरों में एक भी खिड़की नहीं थी.

कमरा संख्या 109 से शुरू हुई आग
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विकास कुमार ने पुलिस को बताया है कि रिसेप्शन पर कमरा संख्या 109 से आग लगने की कॉल आई थी. वह अपने सुपरवाइजर लालचंद के साथ इस आग को बुझाने के लिए गया. उस समय तक कमरे की बेडशीट और तकिए में आग लग चुकी थी. उस कमरे में रह रहे लोगों को उन्होंने बाहर निकाला, लेकिन यह आग लगातार भड़कती चली गई. टैब उसने इसकी जानकारी दमकल विभाग और अपने मालिक शरदेंदु गोयल को दी.

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एसी में शार्ट-सर्किट की आशंका
फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जब कमरा संख्या 109 का मुआयना किया तो पता चला कि कमरे में एसी के अंदर शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है. इस कमरे में वेंटिलेशन नहीं था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि सर्दी होने की वजह से एसी की सर्विस नहीं की गई थी और ऐसे में उसे चालू करना आग का कारण बना. विकास ने पुलिस को बताया कि उसने होटल के मालिक के बड़े भाई शरदेंदु गोयल को कॉल कर मौके पर आने के लिए कहा था. उसने चंद मिनटों में आने की बात कही थी लेकिन आधे घंटे बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया.

Intro:नई दिल्ली
करोल बाग के होटल अर्पित में हुई आगजनी की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला है की होटल के लगभग 12 कमरों में खिड़कियां नहीं थी. इसकी वजह से जब आग लगी तो काफी लोगों की जान दम घुटने के चलते चली गई. पुलिस की जांच में यह बड़ी लापरवाही गुरुवार को सामने आई है, जब पुलिस टीम दोबारा वहां पहुंची. इसे लेकर पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है.


Body:गुरुवार को मौके की जांच करने के बाद क्राइम ब्रांच ने पाया कि इस होटल में कुल 46 कमरे हैं जिनमें से लगभग 12 कमरों में खिड़कियां नहीं थी. यह कमरे होटल के बीच वाले क्षेत्र में बने हुए हैं. प्रत्येक मंजिल पर ऐसे दो से तीन कमरे पुलिस को मिले हैं जिनमें खिड़कियां ही नहीं थी. पुलिस का मानना है कि इसकी वजह से कई लोग दम घुटने के चलते इस हादसे में मारे गए. इस होटल के अगले एवं पिछले हिस्से में बने कमरों में ही खिड़कियों का इंतजाम है जबकि बीच वाले क्षेत्र में बने कमरों में एक भी खिड़की नहीं थी.


कमरा संख्या 109 से शुरु हुई आग
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विकास कुमार ने पुलिस को बताया है कि रिसेप्शन पर कमरा संख्या 109 से आग लगने की कॉल आई थी. वह अपने सुपरवाइजर लालचंद के साथ इस आग को बुझाने के लिए गया. उस समय तक कमरे की बेडशीट और तकिए में आग लग चुकी थी. उस कमरे में रह रहे लोगों को उन्होंने बाहर निकाला. लेकिन यह आग लगातार भड़कती चली गई. टैब उसने इसकी जानकारी दमकल विभाग और अपने मालिक शरदेन्दु गोयल को दी.


एसी में शार्ट-सर्किट की आशंका

फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जब कमरा संख्या 109 का मुआयना किया तो पता चला कि कमरे में एसी के अंदर शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है. इस कमरे में वेंटिलेशन नहीं था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि सर्दी होने की वजह से एसी की सर्विस नहीं की गई थी और ऐसे में उसे चालू करना आग का कारण बना. विकास ने पुलिस को बताया कि उसने होटल के मालिक के बड़े भाई शरदेंदु गोयल को कॉल कर मौके पर आने के लिए कहा था. उसने चंद मिनटों में आने की बात कही थी लेकिन आधे घंटे बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया.


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