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राकेश अस्थाना मामले में सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टली - पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना

सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच के लिए और समय की मांग करनेवाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टली.

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दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jan 6, 2020, 7:10 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई द्वारा सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच को पूरी करने के लिए और समय की मांग की थी. इस याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

इस सुनवाई को आज टाल दिया गया है. सीबीआई ने जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपा है.

सीबीआई ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपी
सुनवाई के दौरान इस मामले की जांच से संबंधित ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सीबीआई ने कोर्ट से मांग की कि जांच पूरी करने के लिए और समय दिया जाए. सीबीआई की तरफ से कहा गया कि उसे इस मामले की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से लीगल स्क्रूटनी करानी है.

जांच के लिए पहले भी समय बढ़ा चुका है कोर्ट
16 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए और समय दे दिया था. कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया था. पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक़्त दिया था. कोर्ट ने जांच की धीमी रफ़्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक़्त नहीं दिया जाएगा.

दूसरे देशों को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं
सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं. उनके जवाब का इतंज़ार है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए. जांच को यूं ही इतने वक़्त तक नहीं लटकाया जा सकता है.

पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 4 महीने का समय दिया था. पिछले 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो घटित अपराध से संबंधित विस्तृत घटनाओं की टाइमलाइन बताए. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि वो दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए अनुरोध करेगा. तब कोर्ट ने कहा था कि आप हमें ये बताएं की आपको दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए कब अनुरोध करेंगे. पिछले 27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था.

राकेश अस्थाना की अर्जी खारिज की थी
पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.

आरोप काफी गंभीर
कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है.

कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए रिश्वत देने का आरोप
अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया है. साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.

अलग अलग मौके पर रिश्वत देने का आरोप
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था .10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई द्वारा सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच को पूरी करने के लिए और समय की मांग की थी. इस याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

इस सुनवाई को आज टाल दिया गया है. सीबीआई ने जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपा है.

सीबीआई ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपी
सुनवाई के दौरान इस मामले की जांच से संबंधित ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सीबीआई ने कोर्ट से मांग की कि जांच पूरी करने के लिए और समय दिया जाए. सीबीआई की तरफ से कहा गया कि उसे इस मामले की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से लीगल स्क्रूटनी करानी है.

जांच के लिए पहले भी समय बढ़ा चुका है कोर्ट
16 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए और समय दे दिया था. कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया था. पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक़्त दिया था. कोर्ट ने जांच की धीमी रफ़्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक़्त नहीं दिया जाएगा.

दूसरे देशों को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं
सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं. उनके जवाब का इतंज़ार है. तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए. जांच को यूं ही इतने वक़्त तक नहीं लटकाया जा सकता है.

पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 4 महीने का समय दिया था. पिछले 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो घटित अपराध से संबंधित विस्तृत घटनाओं की टाइमलाइन बताए. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि वो दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए अनुरोध करेगा. तब कोर्ट ने कहा था कि आप हमें ये बताएं की आपको दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए कब अनुरोध करेंगे. पिछले 27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था.

राकेश अस्थाना की अर्जी खारिज की थी
पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.

आरोप काफी गंभीर
कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है.

कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए रिश्वत देने का आरोप
अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया है. साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है. साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी.

एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.

अलग अलग मौके पर रिश्वत देने का आरोप
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था .10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच पूरी करने करने के लिए और समय देने की सीबीआई की याचिका पर आज सुनवाई टाल दिया है। आज सीबीआई ने जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपा।



Body:सीबीआई ने ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपी
सुनवाई के दौरान इस मामले की जांच से संबंधित ताजा स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सीबीआई ने कोर्ट से मांग की कि जांच पूरी करने के लिए और समय दिया जाए। सीबीआई की तरफ से कहा गया कि उसे इस मामले की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से लीगल स्क्रूटनी करानी है।
जांच के लिए पहले भी समय बढ़ा चुका है कोर्ट
16 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए और समय दे दिया था। कोर्ट ने 6 जनवरी तक जांच पूरी करने का आदेश दिया था। पिछले 9 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए दो महीने का वक़्त दिया था। कोर्ट ने जांच की धीमी रफ़्तार को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अब आगे जांच के लिए और वक़्त नहीं दिया जाएगा।
दूसरे देशों को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं
सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पिछले 12सितंबर को अमेरिका और पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात को लेटर रोगेटरी भेजे गए हैं। उनके जवाब का इतंज़ार है। तब कोर्ट ने पूछा था कि जांच का आदेश जनवरी में दिए जाने के बाद इतनी देरी से लेकर रोगेटरी क्यों भेजे गए। जांच को यूं ही इतने वक़्त तक नहीं लटकाया जा सकता है।
पिछले 31 मई को हाईकोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 4 महीने का समय दिया था। पिछले 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो घटित अपराध से संबंधित विस्तृत घटनाओं की टाइमलाइन बताए। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि वो दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए अनुरोध करेगा । तब कोर्ट ने कहा था कि आप हमें ये बताएं की आपको दूसरे देशों को पत्र लिखकर साक्ष्य के लिए कब अनुरोध करेंगे। पिछले 27 मार्च को सीबीआई ने जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था।
राकेश अस्थाना की अर्जी खारिज की थी 
पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस नाजिम वजीरी ने सीबीआई को इस मामले में दस हफ्ते में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। 
आरोप काफी गंभीर
कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने कहा कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है।
कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए रिश्वत देने का आरोप
अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है । सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफा-दफा कराने के लिए अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है। साना का नाम आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है। साना के मुताबिक उससे रिश्वत की मांग की गई थी। 
एफआईआर के मुताबिक मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया । साना दुबई का कारोबारी है। सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है। कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है।



Conclusion:अलग अलग मौके पर रिश्वत देने का आरोप
सीबीआई के मुताबिक 2 करोड़ रुपये का घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर 2018 तक बचाए रखने के लिए दिया था।10 अक्टूबर 2018 को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर 2018 तक चुकाने की बात हुई। सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया,जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया था।
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