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चीन में सांस की बीमारी के मामलों में इजाफे के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जारी की एडवाइजरी

Health Minister Saurabh Bhardwaj issued advisory:दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने चीन में बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस और सीवर एक्यूट रेस्पीरेटरी इंफेक्शंस से निपटने संबंधी एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें सांस कि विशेषज्ञ गंभीर बीमारियों के मामलों में सभी सरकारी अस्पतालों में आने वाले आईएलआई और एसएआरआई रोगियों से कोविड के नमूने एकत्र किए जाएंगे साथ ही आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में नमूने भेजे जाने की बात कही है.

सांसो से संबंधित बीमारी के मामलों में इजाफे को लेकर एडवाइजरी जारी
सांसो से संबंधित बीमारी के मामलों में इजाफे को लेकर एडवाइजरी जारी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 22, 2023, 9:18 AM IST

नई दिल्ली: चीन में बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवर एक्यूट रेस्पीरेटरी इंफेक्शंस (एसएआरआई) से निपटने संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए 20 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक बैठक बुलाई. उस बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान कोविड के बढ़ते मामलों पर भी चर्चा हुई.

कोविड परीक्षण का डेटा वर्तमान में आईसीएमआर द्वारा रखा जा रहा है. दिल्ली सरकार ने आईसीएमआर से कोविड से संबंधित लैब परीक्षण डेटा साझा करने का अनुरोध किया है. बैठक में बताया गया कि 19 दिसंबर को केरल में 537 सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच में 20.75 प्रतिशत सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाए गए. तो वहीं कर्नाटक में की गई 487 सैंपल की जांच में 2.41 प्रतिशत सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे.

दिल्ली में एक ही दिन में 208 आरटी-पीसीआर टेस्ट में संक्रमण दर 0.48 प्रतिशत थी. वहीं, दिल्ली के अस्पतालों की बिस्तर क्षमता, उपलब्ध मानव संसाधन, मानव संसाधन क्षमता जैसे विभिन्न मापदंडों पर तैयारियों का आकलन करने के लिए 13 से 17 दिसंबर के बीच दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस दौरान रेफरल सेवाएं, परीक्षण क्षमताएं, लॉजिस्टिक्स, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि को भी देखा गया.

ये भी पढ़ें : कोविड के नए वैरिएंट JN.1 से अलर्ट, गाजियाबाद में कोरोना के 2 नए मामले, सक्रिय मरीज हुए तीन

बता दें कि पिछले महीने से चीन में बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने श्वसन चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ 30 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी. विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि विशेषज्ञ गंभीर निमोनिया के मामलों में मल्टीप्लेक्स पीसीआर द्वारा परीक्षण किए जाने वाले नमूनों की संख्या और प्रकार के संबंध में एक एसओपी विकसित करेंगे. साथ ही एंटीवायरल दवाओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखेंगे. इसके अलावा, कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देशों को लागू करने का भी निर्णय लिया गया.

दिल्ली में इन व्यवस्थाएं को लागू करने के लिए जारी किया आदेश

  • सभी सरकारी अस्पतालों में आने वाले आईएलआई और एसएआरआई रोगियों से कोविड के नमूने एकत्र किए जाएंगे
  • आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में कोविड नमूने भेजे जाएं.
  • कोरोना संक्रमित आरटी पीसीआर नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग किया जाना है. जिससे कोरोना वेरिएंट का पता चलता है.
  • भीड़-भाड़ वाली और कम हवादार जगहों से बचने और अस्पताल परिसरों में मास्क पहनने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उपाय किए जाएं


ये भी पढ़ें :गाजियाबाद में भी मिला कोरोना का एक मरीज, कराई जा रही सैंपलिंग और ट्रैकिंग

नई दिल्ली: चीन में बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवर एक्यूट रेस्पीरेटरी इंफेक्शंस (एसएआरआई) से निपटने संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए 20 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक बैठक बुलाई. उस बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान कोविड के बढ़ते मामलों पर भी चर्चा हुई.

कोविड परीक्षण का डेटा वर्तमान में आईसीएमआर द्वारा रखा जा रहा है. दिल्ली सरकार ने आईसीएमआर से कोविड से संबंधित लैब परीक्षण डेटा साझा करने का अनुरोध किया है. बैठक में बताया गया कि 19 दिसंबर को केरल में 537 सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच में 20.75 प्रतिशत सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाए गए. तो वहीं कर्नाटक में की गई 487 सैंपल की जांच में 2.41 प्रतिशत सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे.

दिल्ली में एक ही दिन में 208 आरटी-पीसीआर टेस्ट में संक्रमण दर 0.48 प्रतिशत थी. वहीं, दिल्ली के अस्पतालों की बिस्तर क्षमता, उपलब्ध मानव संसाधन, मानव संसाधन क्षमता जैसे विभिन्न मापदंडों पर तैयारियों का आकलन करने के लिए 13 से 17 दिसंबर के बीच दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस दौरान रेफरल सेवाएं, परीक्षण क्षमताएं, लॉजिस्टिक्स, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि को भी देखा गया.

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बता दें कि पिछले महीने से चीन में बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने श्वसन चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ 30 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी. विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि विशेषज्ञ गंभीर निमोनिया के मामलों में मल्टीप्लेक्स पीसीआर द्वारा परीक्षण किए जाने वाले नमूनों की संख्या और प्रकार के संबंध में एक एसओपी विकसित करेंगे. साथ ही एंटीवायरल दवाओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखेंगे. इसके अलावा, कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देशों को लागू करने का भी निर्णय लिया गया.

दिल्ली में इन व्यवस्थाएं को लागू करने के लिए जारी किया आदेश

  • सभी सरकारी अस्पतालों में आने वाले आईएलआई और एसएआरआई रोगियों से कोविड के नमूने एकत्र किए जाएंगे
  • आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में कोविड नमूने भेजे जाएं.
  • कोरोना संक्रमित आरटी पीसीआर नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग किया जाना है. जिससे कोरोना वेरिएंट का पता चलता है.
  • भीड़-भाड़ वाली और कम हवादार जगहों से बचने और अस्पताल परिसरों में मास्क पहनने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उपाय किए जाएं


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