नई दिल्ली: ट्रायल कोर्ट के द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को हर सप्ताह 15 मिनट तक इंटरनेशनल कॉल कर परिजनों से बात करने की अनुमति दी थी. जिसके खिलाफ तिहाड़ जेल प्रशासन के द्वारा याचिका डाली गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 31 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
15 मिनट बात करने की मिली थी अनुमति
पिछले 14 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने मिशेल को विदेश में रह रहे अपने परिजनों और वकीलों से बात करने की अनुमति दी थी. स्पेशल जज अरविंद कुमार ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि मिशेल को हफ्ते में 15 मिनट आईएसडी कॉल करने की अनुमति दी जाए.
पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो बाकी कैदियों के बराबर ही मिशेल को भी भारत में कॉल करने की अनुमति दें. कोर्ट ने कहा था कि इमरजेंसी में मिशेल को अपने वकील से बात करने की अनुमति दी जाए.
मिशेल के वकील अल्जो के जोसफ ने कोर्ट से कहा था कि मिशेल को आईएसडी कॉल करने की इजाजत दी जाए ताकि वह अपनी बेगुनाही के लिए साक्ष्य पेश कर सके. याचिका में कहा गया था कि अभियुक्त ब्रिटिश नागरिक है और भारत में उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार या मित्र नहीं है.
कॉल का खर्च वहन करने को तैयार
याचिका में कहा गया था कि अभियुक्त आईएसडी कॉल का खर्च वहन करने को तैयार है. याचिका में कहा गया था कि उसे जेल में अपने वकील से मिलने की अनुमति दी जाए ताकि वह अपने वकील को अपनी बात बता सके.
पटियाला कोर्ट के फैसले के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने हर सप्ताह 15 मिनट तक इंटरनेशनल कॉल कर परिजनों से बात करने के लिए दी गई अनुमति को कम करने की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी थी.
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि जेल मैनुअल में केवल 10 मिनट तक बात करने की अनुमति देने का प्रावधान है.