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'फिर शुरू हो चीफ मिनिस्टर असिस्टेंट स्कीम', HC ने सरकार से मांगा जवाब

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Published : Jul 16, 2020, 3:42 PM IST

दिल्ली में एक बार फिर से चीफ मिनिस्टर कोरोना असिस्टेंस स्कीम की शुरुआत की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की है.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने चीफ मिनिस्टर कोरोना असिस्टेंट स्कीम को फिर से शुरू कर जरूरतमंदों को राशन की सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.


स्कीम को शुरू करने की मांग

याचिका रोजी-रोटी अधिकार अभियान ने दायर किया है. याचिका में चीफ मिनिस्टर कोरोना असिस्टेंट स्कीम को शुरू करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस स्कीम में उन लोगों को भी रजिस्टर किया जाए, जिनका अब तक जन वितरण प्रणाली में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.

याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है. याचिका में कहा गया है कि जिलों के पास राशन कार्ड नहीं है उनको भोजन उपलब्ध कराने के लिए हंगर रिलीफ सेंटर स्थापित करने की जरूरत है.


मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन आयोजित

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश एएसजी संजय जैन ने कहा कि चीफ मिनिस्टर कोरोना स्कीम, मई में बंद होने के बावजूद राशन जरूरतमंदों को बांटा जा रहा है. तब कोर्ट ने पूछा कि जब स्कीम बंद हो गई है तो गरीब लोगों का रजिस्ट्रेशन कैसे हो रहा है.

तब संजय जैन ने कहा कि इलाके के कमिश्नर इस मामले को देख रहे हैं. संजय जैन ने कहा कि तीन लाख मजदूर दिल्ली में काम के लिए वापस आना चाहते हैं. दिल्ली सरकार उन मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करने जा रही है.


राशन की दुकानें बंद रहती हैं

याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में जन वितरण प्रणाली की दुकानें बंद हैं. याचिका में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने में व्यापक गड़बड़ियां की जा रही हैं. राशन की दुकानें कार्य दिवसों के दिन बंद रहते हैं. इसे लेकर की गई शिकायतों के निपटारे का कोई मेकानिज्म नहीं है.

याचिका में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा कानून को ठीक से लागू नहीं कर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान काफी लोग अनाज के बिना असहाय हो गए हैं.

याचिका में कहा गया है कि चार साल के बाद भी दिल्ली सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के उस प्रावधान को लागू नहीं किया है, जिसमें शिकायतों के निवारण के लिए कमेटी गठित करने की बात है. याचिका में कहा गया है कि इस कानून की धारा 14, 15, 16 और 28 के तहत शिकायत निवारण कमेटी गठित करने का प्रावधान किया गया है.



बेरोजगारी से लोग भूखमरी के कगार पर

याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन में काफी लोग बेरोजगार होकर भूखमरी के कगार पर हैं. दिल्ली सरकार को दिशानिर्देश देने की मांग की गई है कि संकट के इस काल में कोई भी खाद्यान से वंचित नहीं रहे. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चलने वाली विभिन्न योजनाएं हजारों परिवारों की जीवनरेखा है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार राशन से संबंधित डाटा अपने बेवसाइट पर प्रकाशित करें. डाटा में राशन के वितरण का रियल टाइम ब्यौरा दर्ज हो. याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में चलनेवाले मिड डे मिल की योजना को जारी रखा जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने चीफ मिनिस्टर कोरोना असिस्टेंट स्कीम को फिर से शुरू कर जरूरतमंदों को राशन की सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.


स्कीम को शुरू करने की मांग

याचिका रोजी-रोटी अधिकार अभियान ने दायर किया है. याचिका में चीफ मिनिस्टर कोरोना असिस्टेंट स्कीम को शुरू करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस स्कीम में उन लोगों को भी रजिस्टर किया जाए, जिनका अब तक जन वितरण प्रणाली में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.

याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है. याचिका में कहा गया है कि जिलों के पास राशन कार्ड नहीं है उनको भोजन उपलब्ध कराने के लिए हंगर रिलीफ सेंटर स्थापित करने की जरूरत है.


मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन आयोजित

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश एएसजी संजय जैन ने कहा कि चीफ मिनिस्टर कोरोना स्कीम, मई में बंद होने के बावजूद राशन जरूरतमंदों को बांटा जा रहा है. तब कोर्ट ने पूछा कि जब स्कीम बंद हो गई है तो गरीब लोगों का रजिस्ट्रेशन कैसे हो रहा है.

तब संजय जैन ने कहा कि इलाके के कमिश्नर इस मामले को देख रहे हैं. संजय जैन ने कहा कि तीन लाख मजदूर दिल्ली में काम के लिए वापस आना चाहते हैं. दिल्ली सरकार उन मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था करने जा रही है.


राशन की दुकानें बंद रहती हैं

याचिका में कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में जन वितरण प्रणाली की दुकानें बंद हैं. याचिका में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने में व्यापक गड़बड़ियां की जा रही हैं. राशन की दुकानें कार्य दिवसों के दिन बंद रहते हैं. इसे लेकर की गई शिकायतों के निपटारे का कोई मेकानिज्म नहीं है.

याचिका में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा कानून को ठीक से लागू नहीं कर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान काफी लोग अनाज के बिना असहाय हो गए हैं.

याचिका में कहा गया है कि चार साल के बाद भी दिल्ली सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के उस प्रावधान को लागू नहीं किया है, जिसमें शिकायतों के निवारण के लिए कमेटी गठित करने की बात है. याचिका में कहा गया है कि इस कानून की धारा 14, 15, 16 और 28 के तहत शिकायत निवारण कमेटी गठित करने का प्रावधान किया गया है.



बेरोजगारी से लोग भूखमरी के कगार पर

याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन में काफी लोग बेरोजगार होकर भूखमरी के कगार पर हैं. दिल्ली सरकार को दिशानिर्देश देने की मांग की गई है कि संकट के इस काल में कोई भी खाद्यान से वंचित नहीं रहे. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चलने वाली विभिन्न योजनाएं हजारों परिवारों की जीवनरेखा है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार राशन से संबंधित डाटा अपने बेवसाइट पर प्रकाशित करें. डाटा में राशन के वितरण का रियल टाइम ब्यौरा दर्ज हो. याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में चलनेवाले मिड डे मिल की योजना को जारी रखा जाए.

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