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निजी स्कूलों में फायर सेफ्टी पर हाईकोर्ट सख्त, केजरीवाल सरकार को दिए निर्देश

याचिका दिल्ली के एक नागरिक परमिंदर सिंह ने दायर की थी, आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक दिल्ली के कुछ निजी स्कूल सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते हैं.

राजधानी के स्कूलों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित करें दिल्ली सरकार-दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Oct 15, 2019, 8:26 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:13 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के सभी स्कूलों में आग से बचाव की व्यवस्था करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वो स्कूलों में सुरक्षा उपायों को स्थापित करने के 2011 के आदेश को लागू करें.

'सुरक्षा उपायों का नहीं करते हैं पालन'

याचिका दिल्ली के एक नागरिक परमिंदर सिंह ने दायर की थी, आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक दिल्ली के कुछ निजी स्कूल सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते हैं. परमिंदर सिंह ने एक और याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के कुछ बैंक्वेट हॉल दिल्ली फायर सर्विस एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो उनके खिलाफ कार्रवाई करें जो कानून का पालन नहीं करते हैं.

कोर्ट ने दिया था निरीक्षण करने का आदेश

पिछले 29 जुलाई को एक ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, फायर डिपार्टमेंट और बिजली कंपनियों को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करें और किसी भी कानून के उल्लंघन पाए जाने पर उन्हें सील करें. याचिका में सूरत अग्निकांड का जिक्र किया गया था जिसमें 22 छात्रों की मौत हो गई थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदार और सजग रहना होगा.

याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में चलने वाले कई कोचिंग संस्थानों में आग से सुरक्षा के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं. कोचिंग संस्थानों में बाहर निकलने के रास्तों के लिए कोई निशान नहीं बनाए गए हैं. आग लगने या भूकंप जैसी आपातस्थिति में कोचिंग संस्थानों से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बताया गया है.

नई दिल्ली: राजधानी के सभी स्कूलों में आग से बचाव की व्यवस्था करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वो स्कूलों में सुरक्षा उपायों को स्थापित करने के 2011 के आदेश को लागू करें.

'सुरक्षा उपायों का नहीं करते हैं पालन'

याचिका दिल्ली के एक नागरिक परमिंदर सिंह ने दायर की थी, आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक दिल्ली के कुछ निजी स्कूल सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते हैं. परमिंदर सिंह ने एक और याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के कुछ बैंक्वेट हॉल दिल्ली फायर सर्विस एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो उनके खिलाफ कार्रवाई करें जो कानून का पालन नहीं करते हैं.

कोर्ट ने दिया था निरीक्षण करने का आदेश

पिछले 29 जुलाई को एक ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, फायर डिपार्टमेंट और बिजली कंपनियों को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करें और किसी भी कानून के उल्लंघन पाए जाने पर उन्हें सील करें. याचिका में सूरत अग्निकांड का जिक्र किया गया था जिसमें 22 छात्रों की मौत हो गई थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदार और सजग रहना होगा.

याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में चलने वाले कई कोचिंग संस्थानों में आग से सुरक्षा के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं. कोचिंग संस्थानों में बाहर निकलने के रास्तों के लिए कोई निशान नहीं बनाए गए हैं. आग लगने या भूकंप जैसी आपातस्थिति में कोचिंग संस्थानों से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बताया गया है.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को निर्देश दिया है कि वह सभी स्कूलों में आग से बचाव की व्यवस्था को सुनिश्चित करे। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वो स्कूलों में सुरक्षा उपायों को स्थापित करने के 2011 के आदेश को लागू करे।



Body:याचिका दिल्ली के नागरिक परमिंदर सिंह ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि आरटीआई से मिली सूचना के मुताबिक दिल्ली के कुछ निजी स्कूल सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते हैं। परमिंदर सिंह ने एक और याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के कुछ बैंक्वेट हॉल दिल्ली फायर सर्विस एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं। इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो उनके खिलाफ कार्रवाई करें जो कानून का पालन नहीं करते हैं।
पिछले 29 जुलाई को एक ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, फायर डिपार्टमेंट और बिजली कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे दिल्ली में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करें और किसी भी कानून के उल्लंघन पाए जाने पर उन्हें सील करें। याचिका में सूरत अग्निकांड का जिक्र किया गया था जिसमें 22 छात्रों की मौत हो गई थी । याचिका में कहा गया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदार और सजग रहना होगा। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में चलनेवाले कई कोचिंग संस्थानों में आग से सुरक्षा के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं। कोचिंग संस्थानों में बाहर निकलने के रास्तों के लिए कोई निशान नहीं बनाए गए हैं। आग लगने या भूकंप जैसी आपातस्थिति में कोचिंग संस्थानों से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बताया गया है।



Conclusion:याचिका में कहा गया है कि सूरत अग्निकांड में अधिकतर छात्रों की मौत दम घुटने या ऊपर से कूदने से मौत हो गई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस भवन से बाहर जाने के सारे रास्ते बंद हो गए थे। दिल्ली सरकार को कुकुरमुत्तों की तरह पैदा हो गए कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाना चाहिए। आखिर इन कोचिंग संस्थानों को अनुमति कैसे मिल गई।
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:13 PM IST
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