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Govardhan Puja 2023: इस्कान मंदिर में धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा महोत्सव - Govardhan Puja festival celebrated in ISKCON

इस्कान मंदिर राजनगर में गोवर्धन पूजा महोत्सव बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया. इस उत्सव में दिल्ली-NCR समेत कई स्थानों से भक्तों ने भाग लिया. भगवान कृष्ण का एक नाम भक्त वत्सल भी है. Govardhan Puja 2023, Govardhan Puja in Ghaziabad Iskon temple, Govardhan Puja festival celebrated in ISKCON

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 14, 2023, 2:06 PM IST

Govardhan Puja 2023

गाजियाबाद: गाजियाबाद के राजनगर स्थित इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. गोवर्धन पूजा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने के लिए इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे. जहां उन्होंने भगवान को भोग अर्पित कर आशीर्वाद लिया. इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए.

श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए
श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए

इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष धनंजय जगन्नाथ दास के मुताबिक मंदिर में भव्य रूप से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जा रहा है. अनुकूट से बने गोवर्धन के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया. आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ा गोवर्धन पूजा का आयोजन राजनगर स्थित इस्कॉन में किया जाता है. कार्यक्रम का आयोजन सुबह सोमवार सुबह 8:00 बजे से शुरू हुआ था हालांकि दर्शन के लिए रविवार देर रात से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई थी.

हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया
हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया

धनंजय जगन्नाथ दास के मुताबिक कल देर रात बड़ी संख्या में भक्ति इस्कॉन मंदिर पहुंचे और अन्नकूट से बने गोवर्धन की परिक्रमा की. श्रद्धालुओं का मानना है कि इस्कॉन मंदिर में बने गोवर्धन की परिक्रमा करने से गिरिराज को परिक्रमा का फल मिलता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान यहां साक्षात रूप में पधारते हैं.

भजन संध्या का आयोजन
भजन संध्या का आयोजन

गोवर्धन पूजा से जुड़ी मान्यता
भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के कोप से हजारों बृजवासियों व अन्य जीव जंतुओं को बचाया था. इसलिए गोवर्धन पर्वत को भगवान के समान माना जाता है, और उनकी पूजा की जाती है. कई राज्यों में इस दिन को अन्नकूट भी कहा जाता है, जिसमें भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है.

Govardhan Puja 2023

गाजियाबाद: गाजियाबाद के राजनगर स्थित इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. गोवर्धन पूजा के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने के लिए इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे. जहां उन्होंने भगवान को भोग अर्पित कर आशीर्वाद लिया. इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए.

श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए
श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर नाचते गाते नजर आए

इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष धनंजय जगन्नाथ दास के मुताबिक मंदिर में भव्य रूप से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जा रहा है. अनुकूट से बने गोवर्धन के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया. आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ा गोवर्धन पूजा का आयोजन राजनगर स्थित इस्कॉन में किया जाता है. कार्यक्रम का आयोजन सुबह सोमवार सुबह 8:00 बजे से शुरू हुआ था हालांकि दर्शन के लिए रविवार देर रात से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई थी.

हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया
हलवा, मिठाई, सब्जी, चावल आदि से गोवर्धन बनाया गया

धनंजय जगन्नाथ दास के मुताबिक कल देर रात बड़ी संख्या में भक्ति इस्कॉन मंदिर पहुंचे और अन्नकूट से बने गोवर्धन की परिक्रमा की. श्रद्धालुओं का मानना है कि इस्कॉन मंदिर में बने गोवर्धन की परिक्रमा करने से गिरिराज को परिक्रमा का फल मिलता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान यहां साक्षात रूप में पधारते हैं.

भजन संध्या का आयोजन
भजन संध्या का आयोजन

गोवर्धन पूजा से जुड़ी मान्यता
भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के कोप से हजारों बृजवासियों व अन्य जीव जंतुओं को बचाया था. इसलिए गोवर्धन पर्वत को भगवान के समान माना जाता है, और उनकी पूजा की जाती है. कई राज्यों में इस दिन को अन्नकूट भी कहा जाता है, जिसमें भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है.

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