नई दिल्ली : आईजीआई स्टेडियम के पास युवती से हुई छेड़छाड़ के मामले में पीड़िता को दिल्ली पुलिस सम्मानित करने जा रही है. यह सम्मान उसकी बहादुरी के लिए देने का फैसला किया गया है. मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि इस घटना में न केवल युवती ने खुद को बचाया बल्कि आरोपी ऑटो चालक को मौके से भागने पर मजबूर कर दिया. जिस बहादुरी से वह ऑटो चालक से भिड़ गई, उसके लिए युवती को सम्मानित किया जाएगा.
डीसीपी श्वेता चौहान में बताया कि पश्चिमी यूपी के एक सरकारी बैंक की असिस्टेंट मैनेजर बबीता (बदला हुआ नाम) का परिवार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रहता है. बीते 24 जनवरी की सुबह वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित घर से ऑटो लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जा रही थी. यहां से उसे ट्रेन लेकर यूपी जाना था. वह जब आईजीआई स्टेडियम के पास पहुंची तो वहां पर चालक ने लघु शंका जाने के बहाने ऑटो को सुनसान जगह पर रोक दिया. कुछ देर तक वह नहीं लौटा तो युवती ऑटो से बाहर निकलकर खड़ी हो गई. लघु शंका से चालक लौटा तो उसने युवती को पकड़ लिया और छेड़छाड़ करने लगा. उसने युवती को ऑटो के अंदर धकेल दिया.
उसने युवती का मोबाइल लूट लिया ताकि वह पुलिस को इसकी सूचना न दे सके. इसके बाद घबराकर वह ऑटो सहित फरार हो गया. युवती ने एक राहगीर के मोबाइल से पुलिस को घटना की जानकारी दी. आईपी पुलिस ने इस घटना को लेकर छेड़छाड़ एवं लूट का मामला दर्ज किया है.
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डीसीपी ने बताया कि इस घटना में उन्हें पीड़ित युवती ने ऑटो का रजिस्ट्रेशन नम्बर दिया जिसकी मदद से आरोपी की तलाश शुरू की गई. पुलिस ने ऑटो मालिक का पता निकाला जिसने बताया कि यह ऑटो वह बेच चुका है. उसने जिस शख्स को ऑटो बेचा था, उसके पास भी पुलिस पहुंची. उसने भी पुलिस को बताया कि यह ऑटो वह आगे बेच चुका है. पुलिस जब अगले व्यक्ति के पास पहुंची तो पता चला कि गोपाल ऑटो चला रहा था. इस जानकारी पर पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो देखा कि उसके चेहरे पर नाखून के निशान हैं. उसने युवती से छेड़छाड़ एवं मोबाइल लूटने की बात भी कबूल कर ली.
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डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि इस घटना के दौरान पीड़ित युवती ने जिस तरह की हिम्मत दिखाई वह सराहनीय है. यह युवती उन सभी लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल की तरह है जो अपराध के खिलाफ खुद लड़ती हैं. इसलिए उन्होंने इस युवती को सम्मानित करने का निर्णय लिया है. इससे अन्य लड़कियों को भी हिम्मत मिलेगी और वह अपराध के खिलाफ लड़ने में खुद को मजबूत महसूस करेंगी.
उन्होंने लड़कियों से अपील की है कि वह दिल्ली पुलिस के सशक्ति कार्यक्रम से जुड़े. दिल्ली पुलिस अब तक लाखों लड़कियों को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दे चुकी है. इसके अलावा लड़कियां पुलिस के हेल्पलाइन नंबर, हिम्मत प्लस एवं शाउट ऐप से भी मदद ले सकती हैं.