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Pitbull Dog: प्रतिबंध के बावजूद पल रहे खतरनाक नस्ल के कुत्ते, निगम ने 100 से अधिक लोगों को भेजा नोटिस

गाजियाबाद में खतरनाक नस्ल के कुत्तों के लोगों पर हमलों को मद्देनजर शहर के 100 से अधिक लोगों को नगर निगम ने नोटिस भेजकर नसबंदी प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा है.

प्रतिबंध के बावजूद पल रहे खतरनाक नस्ल के कुत्ते
प्रतिबंध के बावजूद पल रहे खतरनाक नस्ल के कुत्ते
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Published : Mar 27, 2023, 5:51 PM IST

डॉ आशीष त्रिपाठी, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में पालतू कुत्तों द्वारा लोगों पर लगातार हमले करने के मामले आ रहे हैं. चंद महीनों में पिटबुल के हमले का गाजियाबाद में दूसरा मामला सामने आया है. बीते दिनों शालीमार गार्डन की डीएलएफ कॉलोनी में पिटबुल ने 9 साल के मासूम बच्चे पर हमला किया था. इससे पहले भी संजय नगर में पिटबुल द्वारा बच्चे को जख्मी करने का मामला सामने आया था. बच्चे के चेहरे पर डेढ़ सौ टांके लगे थे. राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसाइटी में कुत्ते ने लिफ्ट में मासूम बच्चे पर हमला कर दिया था. ऐसे में जब भी पालतू कुत्ते द्वारा काटने का मामला सामने आता है, तो निगम द्वारा जुर्माना लगा दिया जाता है. फिलहाल इस समस्या का कोई ठोस हल निकालने के लिए निगम कोई मजबूत कदम उठाता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

पिटबुल खूंखार और आक्रामक नस्ल का कुत्ता: खतरनाक नस्ल के कुत्तों के लोगों पर हमलों को मद्देनजर रखते हुए पिछले साल हुई नगर निगम की बैठक में पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो और रोटवेईलर के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाया गया था. बैन के बावजूद शहर में प्रतिबंधित नस्लों के कुत्ते पल रहे हैं. पिटबुल एक खूंखार और आक्रामक नस्ल है. इसे बुलडॉग और टेरियर के बीच क्रॉस के जरिए पैदा किया गया. ऐसे में लोगों को इन कुत्तों के हमलों से बचाने के लिए निगम के इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं.

100 से अधिक लोगों को नगर निगम का नोटिस: नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ आशीष त्रिपाठी के मुताबिक हाल ही में पिटबुल द्वारा बच्चे पर हमला करने का मामला सामने आया था. इस मामले में पिटबुल के मालिक पर ₹5000 का निगम द्वारा जुर्माना लगाया गया. उन्होंने बताया अक्टूबर 2022 में नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रतिबंधित नस्लों के कुत्ते पर बैन कर दिया गया था.

साथ ही बैन लगने से पहले जिन लोगों ने इन तीनों प्रजातियों के नस्लों के कुत्तों को निगम में रजिस्ट्रेशन कराया था, उनसे 31 दिसंबर तक कुत्तों का बधियाकरण कराकर प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा गया था. कई लोगों ने प्रमाण पत्र जमा करा दिए. जबकि, शहर के 100 से अधिक लोगों को नगर निगम ने नोटिस भेजकर नसबंदी प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा है. कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने प्रतिबंध नस्लों के कुत्तों को शहर से कहीं और शिफ्ट कर दिया है.

ये भी पढ़ें: Rape cases In delhi: 70 साल के बुजुर्ग ने 9 साल की बच्ची के साथ की शर्मनाक हरकत, पॉक्सो एक्ट तहत केस दर्ज

पशुओं के संबंध में लापरवाही पूर्ण व्यवहार: गौरतलब है कि कुत्तों के हमले के बाद अक्सर देखा जाता है कि उसके मालिक मामले में पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं. हालांकि, सरकार ने बाकायदा इसके लिए कानून बना रखा हैं. आईपीसी (IPC) की धारा 289 (पशुओं के संबंध में लापरवाही पूर्ण व्यवहार) के और अन्य धाराओं के तहत हाल में गाजियाबाद में हुई घटना में एफआईआर दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें: Pitbull Dog Attack in Ghaziabad: पिटबुल कुत्ते ने बच्चे को किया लहूलुहान, FIR दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

डॉ आशीष त्रिपाठी, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में पालतू कुत्तों द्वारा लोगों पर लगातार हमले करने के मामले आ रहे हैं. चंद महीनों में पिटबुल के हमले का गाजियाबाद में दूसरा मामला सामने आया है. बीते दिनों शालीमार गार्डन की डीएलएफ कॉलोनी में पिटबुल ने 9 साल के मासूम बच्चे पर हमला किया था. इससे पहले भी संजय नगर में पिटबुल द्वारा बच्चे को जख्मी करने का मामला सामने आया था. बच्चे के चेहरे पर डेढ़ सौ टांके लगे थे. राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसाइटी में कुत्ते ने लिफ्ट में मासूम बच्चे पर हमला कर दिया था. ऐसे में जब भी पालतू कुत्ते द्वारा काटने का मामला सामने आता है, तो निगम द्वारा जुर्माना लगा दिया जाता है. फिलहाल इस समस्या का कोई ठोस हल निकालने के लिए निगम कोई मजबूत कदम उठाता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

पिटबुल खूंखार और आक्रामक नस्ल का कुत्ता: खतरनाक नस्ल के कुत्तों के लोगों पर हमलों को मद्देनजर रखते हुए पिछले साल हुई नगर निगम की बैठक में पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो और रोटवेईलर के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाया गया था. बैन के बावजूद शहर में प्रतिबंधित नस्लों के कुत्ते पल रहे हैं. पिटबुल एक खूंखार और आक्रामक नस्ल है. इसे बुलडॉग और टेरियर के बीच क्रॉस के जरिए पैदा किया गया. ऐसे में लोगों को इन कुत्तों के हमलों से बचाने के लिए निगम के इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं.

100 से अधिक लोगों को नगर निगम का नोटिस: नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ आशीष त्रिपाठी के मुताबिक हाल ही में पिटबुल द्वारा बच्चे पर हमला करने का मामला सामने आया था. इस मामले में पिटबुल के मालिक पर ₹5000 का निगम द्वारा जुर्माना लगाया गया. उन्होंने बताया अक्टूबर 2022 में नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रतिबंधित नस्लों के कुत्ते पर बैन कर दिया गया था.

साथ ही बैन लगने से पहले जिन लोगों ने इन तीनों प्रजातियों के नस्लों के कुत्तों को निगम में रजिस्ट्रेशन कराया था, उनसे 31 दिसंबर तक कुत्तों का बधियाकरण कराकर प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा गया था. कई लोगों ने प्रमाण पत्र जमा करा दिए. जबकि, शहर के 100 से अधिक लोगों को नगर निगम ने नोटिस भेजकर नसबंदी प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहा है. कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने प्रतिबंध नस्लों के कुत्तों को शहर से कहीं और शिफ्ट कर दिया है.

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पशुओं के संबंध में लापरवाही पूर्ण व्यवहार: गौरतलब है कि कुत्तों के हमले के बाद अक्सर देखा जाता है कि उसके मालिक मामले में पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं. हालांकि, सरकार ने बाकायदा इसके लिए कानून बना रखा हैं. आईपीसी (IPC) की धारा 289 (पशुओं के संबंध में लापरवाही पूर्ण व्यवहार) के और अन्य धाराओं के तहत हाल में गाजियाबाद में हुई घटना में एफआईआर दर्ज की गई.

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