नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले आने शुरू हो गए हैं. इन मामलों में अब बढ़ोतरी भी देखी जा रही है. इसी क्रम में दिल्ली में भी कोरोना के सक्रिय मामले देखे जा रहे हैं. बुधवार सुबह 5.30 बजे तक के डेटा के अनुसार, दिल्ली में कोरोना के 12 सक्रिय मरीज हैं. यह सभी मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. इससे पहले मंगलवार को सक्रिय मरीजों की संख्या आठ थी जो बुधवार को बढ़कर 12 हो गई. इनमें से दो मरीज वेंटिलेटर पर और चार मरीज ऑक्सीजन बेड पर हैं. हालांकि इसमें नए वेरिएंट से संक्रमित मरीजों के पाए जाने की कोई सूचना नहीं है.
वेंटिलेटर वाले मरीजों को पहले से भी कई बीमारियां हैं, जिनके चलते उनकी हालत बिगड़ी है. ये मरीज दूसरी बीमारी का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे, जो कि इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए. अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की बात करें तो एक मरीज द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल में, दो मरीज दरियागंज स्थित संजीवनी अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं. वहीं चार मरीज ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल में भर्ती हैं, जो कि ऑक्सीजन बेड पर हैं.
इसके एक मरीज बीएल सलवास हॉस्पिटल और चार मरीज पूर्वी दिल्ली के मानसरोवर पार्क स्थित ईस्ट दिल्ली मेडिकल सेंटर में भर्ती हैं. वहीं दिल्ली के सरकार से सबसे बड़े लोकनायक अस्पताल में अभी तक कोरोना का एक भी मरीज भर्ती नहीं है. यहां पिछले एक-दो महीने में कोरोना का कोई भी मरीज नहीं आया है. हालांकि अस्पताल में कोरोना के मरीजों के लिए 350 बेड आरक्षित हैं.
बता दें कि दिल्ली में मौजूदा समय में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए कुल छह हजार 157 बेड आरक्षित हैं. इनमें से 12 बेड पर मरीज भर्ती हैं, जबकि छह हजार 145 बेड अभी भी खाली हैं. बता दें कि केरल में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन-1 का एक मामला सामने आने के बाद और देश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी होने के बाद सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों को कोरोना के मामलों को लेकर निगरानी करने के निर्देश दिए थे.
साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी भी जारी की गई थी. इसके बाद मंगलवार शाम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों के साथ उनकी चिकित्सा संबंधी तैयारियों अस्पताल, बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन आदि की व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा भी की. हालांकि, दिल्ली और एनसीआर में अभी तक कोरोना के नए वेरिएंट के किसी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है. दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में नए वेरिएंट की जांच के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है.
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इसके अलावा आईएलबीएस अस्पताल में भी जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन, यहां पर अभी कोरोना के मरीज नहीं पहुंचने के चलते जिनोम सीक्वेंसिंग की जांच बंद है. इसलिए अभी तक नए वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है. Conclusion:आने वाले समय में अगर दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो इन दोनों अस्पतालों में जीनाम सीक्वेंसिंग की सुविधा शुरू हो सकती है. जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच में ही कोरोना के वेरिएंट का पता चलता है.
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