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Wrestlers Protest: जंतर-मंतर पर पहलवानों के समर्थन में रविवार को जुटेंगे किसान, इन रास्तों को करें नजरअंदाज

जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. इस दौरान कई राजनीतिक दलों का भी जबर्दस्त समर्थन मिला है. रविवार को किसान आंदोलन से जुड़े संगठन जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं. इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.

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Published : May 6, 2023, 3:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर गत 23 अप्रैल से चल रहे पहलवानों के धरना प्रदर्शन को अलग-अलग राजनीतिक दलों के अलावा छात्र, महिला, किसान और मजदूर संगठनों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है. 7 मई यानी कल रविवार को एक बार फिर किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों ने बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी की है. इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में शामिल हो सकते हैं. इसके लिए दो दिन पहले सर्व खाप मुख्यालय पर आयोजित खाप चौधरियों की बैठक में ऐलान हो चुका है कि सभी 7 मई को जंतर मंतर पंचायत करेंगे.

पहलवानों के धरने के मद्देनजर इन रास्तों को करें नजरअंदाज
पहलवानों के धरने के मद्देनजर इन रास्तों को करें नजरअंदाज

किसानों के इस ऐलान के बाद दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट मोड पर है. दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इसके लिए पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच कई बैठकों का दौर चल रहा है. पुलिस को आशंका है कि आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्व बवाल कर सकते हैं. इस पर नजर रखने और शरारती तत्वों से सख्ती से निपटने के आदेश हैं.

पहलवानों के धरने के मद्देनजर इन रास्तों को करें नजरअंदाज
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मई महीने में किसानों का होगा देशभर में आंदोलनः किसान पहलवानों के आंदोलन के जरिए एक बार फिर अपने आंदोलन को मजबूत करने वाले हैं. सरकार को उसके वायदों की याद दिलाते हुए किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि मई महीने में देश के हर राज्य में फिर से किसानों द्वारा आक्रामक आंदोलन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि 26 मई से लेकर 31 मई तक देश के सभी राज्यों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें एमएसपी को कानूनी दर्जा, कर्ज मुक्ति, किसान और पेंशन और लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी समेत किसानों पर हुए मुकदमों की वापसी और किसान आंदोलन के दौरान मृत हुए किसान परिवारों को मुआवजा का मुद्दा शामिल है.

ये भी पढ़ेंः Security in Tihar: टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के सैर करने पर लगी रोक

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