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सेक्टर 11 में बन रहा द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट, 27 छठ घाटों का किया गया निर्माण - Biggest chhath ghaat of dwarka delhi

दिल्ली के हर इलाके में छठ पूजा को लेकर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. इसी बीच सेक्टर 11 में द्वारका का सबस बड़ा छठ घाट बनाया जा रहा है. यहां पर एक साथ 27 घाटों का निर्माण किया जा रहा है जहां करीब 20 हजार श्रद्धालु पूजा करने आएंगे. यहां इस बार बुजुर्गों और बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. (Dwarkas biggest Chhath Ghat being built in Sector 11)

सेक्टर 11 में बन रहा द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट
सेक्टर 11 में बन रहा द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट
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Published : Oct 29, 2022, 9:59 PM IST

नई दिल्ली: देश के कोने-कोने में बसे पूर्वांचलियों की वजह से छठ महापर्व की पूजा का भी हर साल प्रसार होता जा रहा है. वैसे तो दिल्ली में हर जगह पूर्वांचली रहते हैं, लेकिन द्वारका और इसके आसपास के इलाकों मेंमें ये बड़ी संख्या में रहतें हैं. इसी वजह से द्वारका इलाके में छठ पूजा को ज्यादा बड़े पैमाने पर और भव्य तरीके से मनाया जाता है.

द्वारका में कई जगहों पर छठ घाट बनाया गया है, लेकिन इनमें सबसे बड़ा घाट द्वारका सेक्टर 11 का है. (Biggest chhath ghaat of dwarka delhi) तस्वीरों में आप देख सकते हैं, की कल सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए यहां पर घाटों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि यहां पर कितना बड़ा छठ घाट बनाया गया है.

सेक्टर 11 में बन रहा द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट
इस छठ घाट में करीब 20 हजार श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं. यहां द्वारका ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके के लोग भी पूजा करने पहुंचते हैं, इसके अलावा छठ पूजा के मौके पर विदेशों में रहने वाले भारतीय भी यहां आते हैं. यहां पर एक साथ 27 घाट बनाये गए हैं. (Construction of 27 Chhath Ghats in dwarka sector 11) खास बात ये है कि इन सभी घाटों का इस बार पूर्वांचलियों के गौरव और मशहूर चीजों के नाम पर नामकरण भी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja : मात्र 14 दिन में बदला भलस्वा झील का स्वरूप, LG के आदेश के बाद ऐसे तैयार हुआ घाट

छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रॉबिन शर्मा ने बताया कि, पिछले 18 सालों से लगातार यहां पर छठ पूजा का आयोजन होता आ रहा है, और ये 19वां साल है. उनकी कोशिश रहती है कि वो हर बार श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर पाएं. इसी क्रम में इस बार बुजुर्गों और बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा यहां पर मुफ्त दूध, फल, तुलसी पत्र और चाय आदि का भी वितरण लोगों के बीच किया जाएगा.

आगे उन्होंने बताया कि, घाटों को सुंदर तरीके से बनाया और सजाया जा रहा है. जिसके बाद इन घाटों में साफ पानी को भरा जाएगा, जिसमें खड़ी हो छठ व्रती भगवान भास्कर की पूजा करेंगी. छठ पूजा के समापन के बाद पानी की बर्बादी को रोकने के लिए, पूजा होने के बाद छठ घाट के पानी को टैंकरों से पेड़ों में डाला जाता है.

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में छठ पूजा के बहाने पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने की कोशिश में जुटे राजनीतिक दल

नई दिल्ली: देश के कोने-कोने में बसे पूर्वांचलियों की वजह से छठ महापर्व की पूजा का भी हर साल प्रसार होता जा रहा है. वैसे तो दिल्ली में हर जगह पूर्वांचली रहते हैं, लेकिन द्वारका और इसके आसपास के इलाकों मेंमें ये बड़ी संख्या में रहतें हैं. इसी वजह से द्वारका इलाके में छठ पूजा को ज्यादा बड़े पैमाने पर और भव्य तरीके से मनाया जाता है.

द्वारका में कई जगहों पर छठ घाट बनाया गया है, लेकिन इनमें सबसे बड़ा घाट द्वारका सेक्टर 11 का है. (Biggest chhath ghaat of dwarka delhi) तस्वीरों में आप देख सकते हैं, की कल सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए यहां पर घाटों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि यहां पर कितना बड़ा छठ घाट बनाया गया है.

सेक्टर 11 में बन रहा द्वारका का सबसे बड़ा छठ घाट
इस छठ घाट में करीब 20 हजार श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं. यहां द्वारका ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके के लोग भी पूजा करने पहुंचते हैं, इसके अलावा छठ पूजा के मौके पर विदेशों में रहने वाले भारतीय भी यहां आते हैं. यहां पर एक साथ 27 घाट बनाये गए हैं. (Construction of 27 Chhath Ghats in dwarka sector 11) खास बात ये है कि इन सभी घाटों का इस बार पूर्वांचलियों के गौरव और मशहूर चीजों के नाम पर नामकरण भी किया जा रहा है.

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छठ पूजा समिति के अध्यक्ष रॉबिन शर्मा ने बताया कि, पिछले 18 सालों से लगातार यहां पर छठ पूजा का आयोजन होता आ रहा है, और ये 19वां साल है. उनकी कोशिश रहती है कि वो हर बार श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर पाएं. इसी क्रम में इस बार बुजुर्गों और बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा यहां पर मुफ्त दूध, फल, तुलसी पत्र और चाय आदि का भी वितरण लोगों के बीच किया जाएगा.

आगे उन्होंने बताया कि, घाटों को सुंदर तरीके से बनाया और सजाया जा रहा है. जिसके बाद इन घाटों में साफ पानी को भरा जाएगा, जिसमें खड़ी हो छठ व्रती भगवान भास्कर की पूजा करेंगी. छठ पूजा के समापन के बाद पानी की बर्बादी को रोकने के लिए, पूजा होने के बाद छठ घाट के पानी को टैंकरों से पेड़ों में डाला जाता है.

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