नई दिल्ली/गाजियाबाद: देशभर के युवाओं में भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए एक अलग जुनून देखने को मिलता है. सेना में भर्ती होने के लिए युवा जी-तोड़ मेहनत करते दिखाई देते हैं. आमतौर पर सुबह सड़कों पर युवा दौड़ते हुए दिखाई देते हैं. इस दौरान कई युवाओं को सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का अवसर मिल जाता है. वहीं कई युवाओं को किसी कारणवश सेना में भर्ती नहीं हो पाते हैं. ऐसे में वह सेना में भर्ती ना होने के बाद भी देश प्रेम और देश सेवा के अपने जज्बे को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं. गाजियाबाद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीपी त्यागी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
हर्ष ईएनटी अस्पताल सैनिकों के लिए समर्पित: हर्ष ईएनटी अस्पताल के सीईओ और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीपी त्यागी का कहना है कि वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे. एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतीय सेना के कई इंटरव्यू दिए, जिसमें से एक में उनका सिलेक्शन भी हो गया. लेकिन किसी कारणवश वह आर्मी ज्वाइन नहीं कर पाए. बीपी त्यागी ने जब अपने अस्पताल की गाजियाबाद में शुरुआत की तो उन्होंने सेना और सेना के परिवारों के लिए निशुल्क इलाज की व्यवस्था की.
दो दशकों सेवा जारी: डॉ त्यागी के मुताबिक, तकरीबन दो दशकों से अधिक से उनके द्वारा सैनिक को और उनके परिवारों की सेवा की जा रही है. डॉ त्यागी बताते हैं कि अस्पताल की केवल राजनगर शाखा ही नहीं, बल्कि एनसीआर की अन्य शाखों में भी सैनिकों और उनके परिवारों को निशुल्क इलाज महिया कराया जाता है. इसके लिए बाकायदा अस्पताल की मुख्य द्वार पर पोस्टर चस्पा कर दिया गया, "हमारे यहां फौजियों का परामर्श शुल्क देने की जरूरत नहीं है आप हमारी फीस बॉर्डर पर दे चुके हैं."