नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली सहित सभी जगह आए दिन आपराधिक घटनाएं होती है. हर जाति, वर्ग और लिंग के लोग इसके शिकार होते हैं. दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा सरकार की योजनानुसार बहुत से लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता देने का नियम है, लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत कम संख्या में लोग निशुल्क कानूनी सलाह और सहायता ले पाते हैं.
लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में डीएसएलएसए द्वारा समय-समय पर कार्यक्रम और वेबिनार के माध्यम से जागरूक किया जाता है. इससे दिल्ली में निशुल्क कानूनी सहायता लेने वाले लोगों की संख्या तो बढ़ रही है. दिल्ली में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में मुकदमे दर्ज होते हैं उनकी तुलना में बहुत कम ही लोग निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर पाते हैं. जबकि इन लाखों की संख्या में दर्ज होने वाले मुकदमों में बहुत बड़ी संख्या में लोग निशुल्क कानूनी सलाह एवं सहायता के पात्र होते हैं. जानकारी के अभाव में वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने निशुल्क कानूनी सहायता के पात्र और इसकी प्रक्रिया की जानकारी दी है.
निशुल्क हेल्पलाइन पर कॉल करके ले सकते हैं सलाह: डीएसएलएसए की निशुल्क कानूनी सलाह और सहायता की जानकारी के लिए लोग निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 1516 पर कॉल कर सकते हैं और अपने साथ हुई घटना की जानकारी भी दे सकते हैं. जिस पर डीएसएलएसए द्वारा नियुक्त वकील फोन पर उन्हें निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करते हैं और आपके केस से जुड़ी हुई जानकारियां जैसे संबंधित कोर्ट और थाने का नाम भी बताते हैं. जब मामले में केस लड़ने के लिए फ्री वकील की जरूरत होती है तो उसकी व्यवस्था भी संबंधित जिला अदालत में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) इसकी व्यवस्था करता है.
वकील का सारा खर्च सरकार वहन करती है. निशुल्क कानूनी सहायता (फ्री वकील) के लिए आपको संबंधित कोर्ट में दो फोटो और आधार कार्ड लेकर जाना होता है. इसके बारे में किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए कोर्ट में हेल्प डेस्क भी बनी होती है. जहां से जानकारी ली जा सकती है. दिल्ली में साल दर साल निशुल्क कानूनी सहायता लेने वालों की संख्या पिछले चार सालों में बढ़ी है. साल 2020 में 72 हजार से अधिक, 2021 में 85 हजार से अधिक, साल 2022 में 92 हजार से अधिक लोग निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर चुके हैं. मौजूदा साल 2023 में यह आंकड़ा एक लाख पर पहुंचने की उम्मीद है.
पैनल के वकील को होता है इतना भुगतान: कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता डॉ राजेंद्र तोमर ने बताया कि पैनल के वकील को महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट से जमानत कराने के लिए प्रति जमानत 900 रुपए और सेशन कोर्ट से जमानत कराने पर प्रति जमानत 1200 रुपए सरकार की ओर से भुगतान किया जाता है. इसके अलावा जिस दिन कोर्ट में ड्यूटी लगती है उस दिन 250 रूपये ड्यूटी के मिलते हैं. जबकि निजी केस लड़ने में वकील अपने अनुसार तय की गई फीस लेते हैं.
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