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कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक बढ़ी

सुनवाई के दौरान ईडी ने डीके शिवकुमार की 5 और दिनों की हिरासत की मांग की. ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि पूछताछ के दौरान डीके शिवकुमार ने असंगत जवाब दिए. वे अपने डिपॉजिट का स्रोत नहीं बता पाए. उनकी कई संपत्तियां बेनामी हैं.

डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक बढ़ी etv bharat
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Published : Sep 13, 2019, 7:22 PM IST

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक के लिए राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बढ़ा दी है. कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि पहले वो डीके शिवकुमार के स्वास्थ्य जरूरतों की पहली प्राथमिकता देंगे, उसके बाद ही उनसे पूछताछ करेंगे. कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

हिरासत की मांग

सुनवाई के दौरान ईडी ने डीके शिवकुमार की 5 और दिनों की हिरासत की मांग की. ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि पूछताछ के दौरान डीके शिवकुमार ने असंगत जवाब दिए. वे अपने डिपॉजिट का स्रोत नहीं बता पाए. उनकी कई संपत्तियां बेनामी हैं. ये बात भी सामने आई कि गलत तरीके से हासिल किए गए धन 317 बैंक खातों के जरिये इधर से उधर किए गए. उनके परिवार के सदस्यों के खाते भी ईडी की नजर में आए हैं. अभी तक की जांच के मुताबिक गलत तरीके से हासिल दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का है और आठ सौ करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति है.

नटराज ने कहा कि ईडी ने कई वॉल्यूम में दस्तावेज इकट्ठे किए हैं जिन्हें डीके शिवकुमार को दिखाकर पूछताछ करनी है. नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार ने कई ऐसे तथ्य छिपाए हैं जिनके बारे में केवल वही जानते हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि वो अगले पांच दिनों में जवाब दे देंगे. तब नटराज ने कहा कि कुछ और दस्तावेज भी हैं जो डीके शिवकुमार के सामने रखकर पूछताछ की जानी है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या ईडी अपनी जांच का दायरा इस मामले से विस्तार कर सकती है.

तब वकील एनके माटा ने कहा कि ईडी अपने दायरे का विस्तार कर सकती है. नटराज ने कहा कि इस अपराध से कई संपत्तियां प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से हासिल की गई हैं. इसलिए दूसरे अपराधों तक दायरा बढ़ाने का फैसला बाद में होगा. जिस पर कोर्ट ने कहा कि मैं इस बारे में आश्वस्त हूं कि वो अगले पांच दिनों में सवालों के जवाब नहीं देंगे तब आप हिरासत की मांग क्यों कर रहे हैं. तब नटराज ने कहा कि कुछ दूसरे अभियुक्तों ने बयान दिए हैं, उन अभियुक्तों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. कुछ बैंक के दस्तावेज भी हैं जिन्हें उनके सामने रखे जाने हैं.

डीके शिवकुमार की तबीयत खराब होने का हवाला
सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की तबीयत काफी खराब है. उनसे सौ घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई है. कल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार को मेडिकल सुरक्षा दी जानी चाहिए. उन्हें उच्च रक्तचाप है. अगर इंजेक्शन देने के बाद बीपी 160/120 हो तो ये खराब है. कल उनका रक्तचाप 200/140 था. आज जो कुछ भी हुआ उस पर मुझे कहना है कि डीके शिवकुमार को अस्पताल ले जाना चाहिए.

सिंघवी ने कहा कि डीके बासु केस में मैं एमिकस क्यूरी था. वो हिरासत में मौत का मामला था. सिंघवी ने चिकित्सकीय सहायता पर राजन पिल्लै केस का फैसला पढ़ा. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार 3 सितंबर से हिरासत में हैं. आज दसवां दिन है. उसके पहले भी उनसे पूछताछ की जा रही थी. उन्हें एक्टिव चिकित्सकीय सहायता दी जानी चाहिए. पुलिस रिमांड इस बिना पर रुटीन नहीं हो सकता है क्योंकि 15 दिन तक रिमांड पर भेजने का अधिकार है.

दूसरों की संपत्ति को हमारा बताया जा रहा है-सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि ईसीआईआर अगस्त 2018 का है जबकि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के जिस कानून का उपयोग किया जा रहा है वो अगस्त 2019 का है. ईडी ने रिमांड के पहले आवेदन में कहा था कि 44 करोड़ रुपये का मामला है, सिंघवी ने कहा कि ईडी कर्नाटक सरकार के दिल्ली के क्वार्टर को भी डीके शिवकुमार का बता रही है. दूसरों की संपत्ति को हमारा बताया जा रहा है. जिन तीन सह-अभियुक्तों की संपत्ति को ईडी ने पकड़ा है उन्हें सुरक्षा दी गई है.

डीके शिवकुमार की बेटी से भी हो रही पूछताछ
इस केस में वे आटोमेटिक रिमांड चाहते हैं. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की 22 साल की बेटी से ईडी पूछताछ कर रही है. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. आपको जब पूछताछ करनी हो आप बुला सकते हैं, वे भाग नहीं रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि जमानत याचिका पर ईडी ने कोई जवाब नहीं दिया है. आपको जवाब नहीं दाखिल करने का अधिकार जरूर है लेकिन आप आटोमेटिक हिरासत की मांग नहीं कर सकते हैं. तब कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 16 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने डीके शिवकुमार की परिजनों, दोस्तों और वकील से मिलने का समय आने घंटे से बढ़ाकर एक घंटे करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था. पिछले 4 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को आज तक की ईडी हिरासत में भेजा था..

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक के लिए राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बढ़ा दी है. कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि पहले वो डीके शिवकुमार के स्वास्थ्य जरूरतों की पहली प्राथमिकता देंगे, उसके बाद ही उनसे पूछताछ करेंगे. कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

हिरासत की मांग

सुनवाई के दौरान ईडी ने डीके शिवकुमार की 5 और दिनों की हिरासत की मांग की. ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि पूछताछ के दौरान डीके शिवकुमार ने असंगत जवाब दिए. वे अपने डिपॉजिट का स्रोत नहीं बता पाए. उनकी कई संपत्तियां बेनामी हैं. ये बात भी सामने आई कि गलत तरीके से हासिल किए गए धन 317 बैंक खातों के जरिये इधर से उधर किए गए. उनके परिवार के सदस्यों के खाते भी ईडी की नजर में आए हैं. अभी तक की जांच के मुताबिक गलत तरीके से हासिल दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का है और आठ सौ करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति है.

नटराज ने कहा कि ईडी ने कई वॉल्यूम में दस्तावेज इकट्ठे किए हैं जिन्हें डीके शिवकुमार को दिखाकर पूछताछ करनी है. नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार ने कई ऐसे तथ्य छिपाए हैं जिनके बारे में केवल वही जानते हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि वो अगले पांच दिनों में जवाब दे देंगे. तब नटराज ने कहा कि कुछ और दस्तावेज भी हैं जो डीके शिवकुमार के सामने रखकर पूछताछ की जानी है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या ईडी अपनी जांच का दायरा इस मामले से विस्तार कर सकती है.

तब वकील एनके माटा ने कहा कि ईडी अपने दायरे का विस्तार कर सकती है. नटराज ने कहा कि इस अपराध से कई संपत्तियां प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से हासिल की गई हैं. इसलिए दूसरे अपराधों तक दायरा बढ़ाने का फैसला बाद में होगा. जिस पर कोर्ट ने कहा कि मैं इस बारे में आश्वस्त हूं कि वो अगले पांच दिनों में सवालों के जवाब नहीं देंगे तब आप हिरासत की मांग क्यों कर रहे हैं. तब नटराज ने कहा कि कुछ दूसरे अभियुक्तों ने बयान दिए हैं, उन अभियुक्तों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. कुछ बैंक के दस्तावेज भी हैं जिन्हें उनके सामने रखे जाने हैं.

डीके शिवकुमार की तबीयत खराब होने का हवाला
सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की तबीयत काफी खराब है. उनसे सौ घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई है. कल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार को मेडिकल सुरक्षा दी जानी चाहिए. उन्हें उच्च रक्तचाप है. अगर इंजेक्शन देने के बाद बीपी 160/120 हो तो ये खराब है. कल उनका रक्तचाप 200/140 था. आज जो कुछ भी हुआ उस पर मुझे कहना है कि डीके शिवकुमार को अस्पताल ले जाना चाहिए.

सिंघवी ने कहा कि डीके बासु केस में मैं एमिकस क्यूरी था. वो हिरासत में मौत का मामला था. सिंघवी ने चिकित्सकीय सहायता पर राजन पिल्लै केस का फैसला पढ़ा. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार 3 सितंबर से हिरासत में हैं. आज दसवां दिन है. उसके पहले भी उनसे पूछताछ की जा रही थी. उन्हें एक्टिव चिकित्सकीय सहायता दी जानी चाहिए. पुलिस रिमांड इस बिना पर रुटीन नहीं हो सकता है क्योंकि 15 दिन तक रिमांड पर भेजने का अधिकार है.

दूसरों की संपत्ति को हमारा बताया जा रहा है-सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि ईसीआईआर अगस्त 2018 का है जबकि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के जिस कानून का उपयोग किया जा रहा है वो अगस्त 2019 का है. ईडी ने रिमांड के पहले आवेदन में कहा था कि 44 करोड़ रुपये का मामला है, सिंघवी ने कहा कि ईडी कर्नाटक सरकार के दिल्ली के क्वार्टर को भी डीके शिवकुमार का बता रही है. दूसरों की संपत्ति को हमारा बताया जा रहा है. जिन तीन सह-अभियुक्तों की संपत्ति को ईडी ने पकड़ा है उन्हें सुरक्षा दी गई है.

डीके शिवकुमार की बेटी से भी हो रही पूछताछ
इस केस में वे आटोमेटिक रिमांड चाहते हैं. सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की 22 साल की बेटी से ईडी पूछताछ कर रही है. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. आपको जब पूछताछ करनी हो आप बुला सकते हैं, वे भाग नहीं रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि जमानत याचिका पर ईडी ने कोई जवाब नहीं दिया है. आपको जवाब नहीं दाखिल करने का अधिकार जरूर है लेकिन आप आटोमेटिक हिरासत की मांग नहीं कर सकते हैं. तब कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 16 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने डीके शिवकुमार की परिजनों, दोस्तों और वकील से मिलने का समय आने घंटे से बढ़ाकर एक घंटे करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था. पिछले 4 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को आज तक की ईडी हिरासत में भेजा था..

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी कर्नाटक के कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की ईडी हिरासत 17 सितंबर तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि पहले वो डीके शिवकुमार के स्वास्थ्य जरुरतों की पहली प्राथमिकता देंगे, उसके बाद ही उनसे पूछताछ करेंगे। कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।



Body:सुनवाई के दौरान ईडी ने डीके शिवकुमार की 5 और दिनों की हिरासत की मांग की। ईडी की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि पूछताछ के दौरान डीके शिवकुमार ने असंगत जवाब दिए। वे अपने डिपॉजिट का स्रोत नहीं बता पाए। उनकी कई संपत्तियां बेनामी हैं। गलत तरीके से हासिल किए गए धन 317 बैंक खातों के जरिये इधर से उधर किए गए। उनके परिवार के सदस्यों के खाते भी ईडी की नजर में आए हैं। अभी तक की जांच के मुताबिक गलत तरीके से हासिल दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का है और आठ सौ करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति है। नटराज ने कहा कि ईडी ने कई वॉल्युम में दस्तावेज इकट्ठे किए हैं जिन्हें डीके शिवकुमार को दिखाकर पूछताछ करनी है। नटराज ने कहा कि डीके शिवकुमार ने कई ऐसे तथ्य छिपाए हैं जिनके बारे में केवल वही जानते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि वे अगले पांच दिनों में जवाब दे देंगे। तब नटराज ने कहा कि कुछ और दस्तावेज भी हैं जो डीके शिवकुमार के सामने रखकर पूछताछ की जानी है। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या ईडी अपनी जांच का दायरा इस मामले से विस्तार कर सकती है । तब वकील एनके माटा ने कहा कि ईडी अपने दायरे का विस्तार कर सकती है। नटराज ने कहा कि इस अपराध से कई संपत्तियां प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से हासिल की गई हैं। इसलिए दूसरे अपराधों तक दायरा बढ़ाने का फैसला बाद में होगा। तब कोर्ट ने कहा कि मैं इस बारे में आश्वस्त हूं कि वो अगले पांच दिनों में सवालों के जवाब नहीं देंगे। तब आप हिरासत की मांग क्यों कर रहे हैं। तब नटराज ने कहा कि कुछ दूसरे अभियुक्तों ने बयान दिए हैं, उन अभियुक्तों के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। कुछ बैंक के दस्तावेज भी हैं जिन्हें उनके सामने रखे जाने हैं।
सुनवाई के दौरान डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की तबीयत काफी खराब है। उनके सौ घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई है। कल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार को मेडिकल सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्हें उच्च रक्तचाप है। अगर इंजेक्शन देने के बाद बीपी 160/120 हो तो ये खराब है। कल उनका रक्तचाप 200/140 था। आज जो कुछ भी हुआ उस पर मुझे कहना है कि डीके शिवकुमार को अस्पताल ले जाना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि डीके बासु केस में मैं एमिकस क्युरी था। वो हिरासत में मौत का मामला था। सिंघवी ने चिकित्सकीय सहायता पर राजन पिल्लै केस का फैसला पढ़ा। सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार 3 सितंबर से हिरासत में हैं। आज दसवां दिन है। उसके पहले भी उनसे पूछताछ की जा रही थी। उन्हें एक्टिव चिकित्सकीय सहायता दी जानी चाहिए। पुलिस रिमांड इस बिना पर रुटीन नहीं हो सकता है क्योंकि 15 दिन तक रिमांड पर भेजने का अधिकार है।
सिंघवी ने कहा कि ईसीआईआर अगस्त 2018 का है जबकि मनी लाउंड्रिंग एक्ट के जिस कानून का उपयोग किया जा रहा है वो अगस्त 2019 का है। ईडी ने रिमांड के पहले आवेदन में कहा था कि 44 करोड़ रुपये का मामला है । सिंघवी ने कहा कि ईडी कर्नाटक सरकार के दिल्ली के क्वार्टर को भी डीके शिवकुमार का बता रही है। दूसरों की संपत्ति को हमारा बताया जा रहा है। जिन तीन सह-अभियुक्तों की संपत्ति को ईडी ने पकड़ा है उन्हें सुरक्षा दी गई है। इस केस में वे आटोमेटिक रिमांड चाहते हैं। सिंघवी ने कहा कि डीके शिवकुमार की 22 साल की बेटी से ईडी पूछताछ कर रही है। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आपको जब पूछताछ करनी हो आप बुला सकते हैं, वे भाग नहीं रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि जमानत याचिका पर ईडी ने कोई जवाब नहीं दिया है। आपको जवाब नहीं दाखिल करने का अधिकार जरुर है लेकिन आप आटोमेटिक हिरासत की मांग नहीं कर सकते हैं। तब कोर्ट ने ईडी को डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर 16 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने डीके शिवकुमार की परिजनों, दोस्तों और वकील से मिलने का समय आने घंटे से बढ़ाकर एक घंटे करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था।पिछले 4सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को आज तक की ईडी हिरासत में भेजा था।
3 सितंबर को ईडी ने डीके शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार के कब्जे से 44 करोड़ रुपये बरामद किए गए । जांच महत्वपूर्ण मोड़ पर है और डीके शिवकुमार की कुछ दस्तावेजों के साथ पूछताछ करनी है। ईडी ने कहा था कि डीके शिवकुमार जांच में सहयोग नहीं करते हैं । ईडी ने कहा था कि शिवकुमार की हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत है। ईडी ने कहा था कि उसने सीबीआई से आगे की कार्रवाई के लिए जरुरी सूचनाएं साझा की है।



Conclusion:डीके शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि ईडी ने 33-34घंटे की पूछताछ की है। वे भाग नहीं रहे हैं। जब तक कुछ बड़ा नहीं हो तब तक रिमांड नहीं दिया जा सकता है। सारा केस 2 अगस्त 2017 से इनकम टैक्स जांच के बाद का है। उसके आधार पर 13 जून 2018 को इनकम टैक्स शिकायत की गई। सारे आरोपों के पीछे की कहानी यही है। रिमांड याचिका में भी इनकम टैक्स की बात कही गई है। इसी आरोप के आधार पर मनी लाउंड्रिंग का केस बनाया गया है।
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