नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश हत्याकांड से संबंधित कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के मुकदमे को आगे की कार्यवाही के लिए जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विधी गुप्ता आनंद ने सुनवाई करते हुए कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि मामला आईपीसी की धारा 302 और 436 के तहत दायर की गई है. ऐसे अपराध विशेष रूप से सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय में ही हो सकती है.
इससे पहले 7 सितंबर को सुनवाई के दौरान टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने एसीएमएम विधी गुप्ता आनंद को बताया था कि उन्हें अभी तक सीबीआई द्वारा मामले से संबंधित सारे दस्तावेज नहीं मिले हैं. दस्तावेज उपलब्ध कराने को लेकर सीबीआई ने जो जवाब दिया है वह जवाब भी पर्याप्त नहीं है. इस पर एसीएमएम ने सीबीआई द्वारा मुकदमे से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के बिंदु पर बहस करने के लिए मामले की सुनवाई 11 सितंबर तक के लिए टाल दी थी.
टाइटलर को सेशन कोर्ट ने 4 अगस्त को एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने उन पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेंगे. मजिस्ट्रेट अदालत ने 26 जुलाई को मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद पांच अगस्त को टाइटलर को तलब किया था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहली बार आरोपी के रूप में नामित किया गया था.
गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को दिल्ली के पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी. टाइटलर इसी मामले में आरोपित हैं.
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