नई दिल्ली: पहाड़गंज के रैन बसेरे में रहने वाले कुछ बच्चे घर से घूमने के लिए निकले थे और मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन जा पहुंचे. उन्हें मंडी हाउस से लौटने का रास्ता मालूम नहीं था. ये सूचना जब पुलिस को मिली तो पुलिस बच्चों के पास पहुंचे. मेट्रो पुलिस ने इन बच्चों के साथ कई घंटों तक परिवार को तलाशा. आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद पहाड़गंज इलाके में रहने वाले उनके परिवार से पुलिस ने मिलवाया.
क्या कहना है DCP विक्रम पोरवाल का
डीसीपी विक्रम पोरवाल के मुताबिक 5 से 10 साल के 6 बच्चे मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर अकेले घूम रहे थे. संदेह होने पर पुलिस इनके पास पहुंची. पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि वह एक मेट्रो स्टेशन के पास रहते हैं लेकिन उसका नाम उन्हें नहीं पता. इसकी जानकारी एसएचओ को दी गई. इसके साथ ही आसपास के सभी थानों में बच्चों के बारे में जानकारी जुटाई गई लेकिन कहीं भी उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं थी.
पहाडगंज में मिला बच्चों का परिवार
इन सभी छह बच्चों को उनके परिवार से मिलवाने के लिए यमुना डिपो मेट्रो के एसएचओ बब्बर भान की टीम ने काम शुरू किया. पुलिस टीम इन बच्चों को लेकर कुछ मेट्रो स्टेशन पर गई जिससे वह अपना घर पहचान सकें. इस दौरान वह जब आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंचे तो वहां पर कोई मौजूद नहीं था. इन बच्चों ने बताया कि वह इसी मेट्रो स्टेशन के पास रहते हैं. वहां लोगों ने बताया कि कुछ लोग पहाड़गंज के आस-पास रहते हैं. यह बच्चे उनके हो सकते हैं.
परिजनों से मिले बच्चे, कहा धन्यवाद
पुलिस टीम पहाड़गंज थाने में पहुंची जहां पता चला कि मोतिया खान स्थित रैन बसेरे में कुछ लोग रहते हैं. पुलिस टीम वहां पहुंची जहां इन बच्चों का परिवार उन्हें मिल गया. इन बच्चों को उनके परिवार को सौंप दिया गया. परिजनों ने इस काम के लिए मेट्रो पुलिस का धन्यवाद किया.