राजेन्द्र ने कहा कि इस तरह की घटना से प्रशासन को सबक लेना चाहिए और नियम को ताक पर रखने वालों पर सख्त एक्शन लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि यह इलाका बेहद ही संकरा है. आए दिन यहां जाम के हालात रहते हैं. ऐसे में यहां हादसा होता है तो हमे डर रहता है कि कहीं हमारे ऊपर भी कोई बड़ा कहर न टूट पड़े.
36 घंटे बाद भी लोगों में काफी डर
फिलहाल आग बुझने के 36 घंटे बाद भी लोगों में काफी दुख देखा जा सकता है. लोग बेहद सहमे हुए नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से बरती गई लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा है. इस हादसे में मारे गए 17 लोगों की क्या गलती थी? अगर प्रशासन और होटल प्रबंधन पहले ही सभी नियमों को फॉलो करता तो यह हादसा नहीं होता.