नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पीसीए) के अध्यक्ष के रूप में दिल्ली हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पूनम ए बंबा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर कदाचार के कृत्यों के संबंध में जनता की शिकायतों से निपटने के लिए पीसीए की स्थापना की गई है. इसी साल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति बंबा का नाम दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर पीसीए के अध्यक्ष के रूप में भेजा गया था.
कौन हैं जस्टिस बंबा: न्यायमूर्ति पूनम ए बंबा अपने विदाई समारोह में भाषण के दौरान चर्चा में आई थी. उन्होंने अपने विदाई भाषण में कहा था कि जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं. उन्होंने फिल्म आनंद में राजेश खन्ना के एक डायलॉग के रूप में दिल्ली हाईकोर्ट में अपने बहुत छोटे से कार्यकाल को लेकर यह बात कही थी. न्यायाधीशों के वर्किंग आवर्स को लेकर कही थी. उन्होंने कहा था कि न्यायाधीशों का कामकाज उनकी निजी जिंदगी तक पहुंच जाता है. न्यायाधीश अधिक समय तक कोर्ट में काम करते हैं और काम को अपने घर भी ले जाते हैं, जिससे उनकी जिंदगी में संतुलन बहुत कम रहता है.
न्यायमूर्ति बंबा ने बताया था कि उनकी रुचि विज्ञान की पढ़ाई में ज्यादा थी. अपने पिता के कहने पर उन्होंने कानून के क्षेत्र को चुना था और सफलता प्राप्त की. जस्टिस बंबा ने जिला न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सहयोगी मंच को जाने और खुशी समिति की शुरुआत की, जिसे न्यायिक अधिकारियों के बीच में खूब सराहा गया. उल्लेखनीय कि जस्टिस बंबा को 28 मार्च 2023 को ही दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल मात्र पांच महीने का रहा था.
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