नई दिल्ली: एक वरिष्ठ नागरिक की सहायता के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को एक ऐसी कार को स्क्रैप करने से रोक दिया है, जो उसकी पारिवारिक विरासत है, लेकिन कार 15 साल से अधिक पुरानी है. न्यायमूर्ति मनोज ओहरी ने हाल ही में एक आदेश में महिला की याचिका का जवाब देने के लिए परिवहन विभाग और इसकी अधिकृत वाहन स्क्रैपिंग एजेंसी को नोटिस जारी करते हुए कार की स्क्रैपिंग पर अंतरिम रोक लगा दी है.
अदालत ने याचिका कर्ता के आश्वासन को दर्ज किया कि कार को सार्वजनिक स्थान पर तब तक नहीं चलाया जाएगा और न ही पार्क किया जाएगा, जब तक उसे इलेक्ट्रिक कार में नहीं बदला जाता. एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी सुषमा प्रसाद ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना के सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त एजेंसी ने स्क्रैपिंग के लिए उनके वाहन को जब्त कर लिया, जबकि वह कार को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने के विकल्प तलाश रही थी. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित वाहन को खंडित या स्क्रैप नहीं किया गया.
जस्टिस ओहरी ने परिवहन विभाग से स्क्रैपिंग एजेंसी को कोर्ट के आदेश से अवगत कराने का भी निर्देश दिया. प्रसाद ने अपनी याचिका में अदालत को यह भी बताया कि वाहन रोड पर नहीं चल रहा था बल्कि, वह उनके घर के बाहर खड़ा था. वर्तमान याचिका कानून के महत्वपूर्ण सवालों को उठाती है, जिसमें एक व्यक्ति के माता-पिता से संबंधित मूर्त संस्थाओं की रक्षा और संरक्षण के अधिकार शामिल हैं, ताकि अभी तक अजन्मी पीढ़ियों में पारिवारिक मूल्यों और विरासत को जारी रखा जा सके. इस प्रश्न का भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत जीवन के अधिकार के साथ सीधा और आनुपातिक संबंध है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित इसकी व्यापक व्यापक व्याख्या है.
ये भी पढ़ें: Gujarat HC historic verdict: गुजरात हाईकोर्ट ने 6 महीने की गर्भवती बलात्कार पीड़िता के गर्भपात की अनुमति दी
याचिका में हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि उसके माता-पिता अपनी मृत्यु तक उसके साथ रहे और याचिकाकर्ता की मां की इच्छा थी कि कुछ मूर्त संस्थाएं जो उनके नाम पर या उनके स्वामित्व में थीं उनको परिवार में बनाए रखा और बेचा नहीं गया. उनके विचार में यह एकमात्र तरीका था, जिससे पोते और परपोते अपने अस्तित्व को याद रख सकते थे. प्रसाद ने कहा कि उसने अपनी मां के नाम पर देवू मटिज़ कार खरीदी थी और उसे उपहार में दी थी, लेकिन अब इसे परिवहन विभाग ने जबरन जब्त कर लिया है और याचिकाकर्ता को उसकी पारिवारिक विरासत से बेदखल करने के लिए कानून के तहत किसी अधिकार के बिना स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया है.
ये भी पढ़ें: Drain Cleaning In Delhi: नाले की सफाई के दौरान दीवार गिरने से रिक्शा चालक की मौत