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IPL Fixing: 'रजिस्ट्रार बताएं, श्रीसंत और अन्य के खिलाफ नोटिस तामील हुए की नहीं' - spot fixing case

दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से पूछा कि क्या सभी आरोपियों पर नोटिस तामील हो गया है. साथ ही जस्टिस सुनील गौर ने रजिस्ट्रार के समक्ष इस मामले को 10 अप्रैल को लिस्ट करने का आदेश दिया है.

IPL Fixing: 'रजिस्ट्रार बताएं, श्रीसंत और अन्य के खिलाफ नोटिस तामील हुए की नहीं'
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Published : Apr 3, 2019, 9:03 AM IST

नई दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार को यह पता लगाने का आदेश दिया कि क्या क्रिक्रेटर एस श्रीसंत, अजीत चंडीला और अंकित चव्हाण के साथ आरोप मुक्त किए गए सभी लोगों पर नोटिस तामील हो गया है.

दरअसल दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से पूछा कि क्या सभी आरोपियों पर नोटिस तामील हो गया है. साथ ही जस्टिस सुनील गौर ने रजिस्ट्रार के समक्ष इस मामले को 10 अप्रैल को लिस्ट करने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार से पूछा कि आप ये बताइए कि कोई ऐसा तो नहीं है जिसे कोर्ट की नोटिस तामिल नहीं हुई है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील दायन कृष्णन ने बताया कि सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जा चुका है. जिसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार से इस संबंध में बताने को कहा. इस मामले 36 आरोपी हैं जिन्हें हाईकोर्ट ने 18 नवंबर 2015 को ही नोटिस जारी किया था. श्रीसंत समेत सभी 36 आरोपियों को ट्रायल कोर्ट की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को गलत बताते हुए याचिका दायर की थी.

पिछले 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बीसीसीआई के फैसले को निरस्त करते हुए उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वो श्रीसंत को दी गई सजा पर नए सिरे से विचार करें. कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत को दी गई आजीवन प्रतिबंध की सजा अधिक है. बीसीसीआई इस पर 3 महीने में निर्णय लें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत का यह कहना गलत है कि मामले में बरी होने पर बीसीसीआई को उसे सजा देने का अधिकार नहीं है. बीसीसीआई को किसी भी मामले में क्रिकेटर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार होता है. कोर्ट ने कहा था कि हमारे फैसले का श्रीसंत के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों पर कोई असर नहीं होगा.

नई दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार को यह पता लगाने का आदेश दिया कि क्या क्रिक्रेटर एस श्रीसंत, अजीत चंडीला और अंकित चव्हाण के साथ आरोप मुक्त किए गए सभी लोगों पर नोटिस तामील हो गया है.

दरअसल दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से पूछा कि क्या सभी आरोपियों पर नोटिस तामील हो गया है. साथ ही जस्टिस सुनील गौर ने रजिस्ट्रार के समक्ष इस मामले को 10 अप्रैल को लिस्ट करने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार से पूछा कि आप ये बताइए कि कोई ऐसा तो नहीं है जिसे कोर्ट की नोटिस तामिल नहीं हुई है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील दायन कृष्णन ने बताया कि सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जा चुका है. जिसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार से इस संबंध में बताने को कहा. इस मामले 36 आरोपी हैं जिन्हें हाईकोर्ट ने 18 नवंबर 2015 को ही नोटिस जारी किया था. श्रीसंत समेत सभी 36 आरोपियों को ट्रायल कोर्ट की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को गलत बताते हुए याचिका दायर की थी.

पिछले 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बीसीसीआई के फैसले को निरस्त करते हुए उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वो श्रीसंत को दी गई सजा पर नए सिरे से विचार करें. कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत को दी गई आजीवन प्रतिबंध की सजा अधिक है. बीसीसीआई इस पर 3 महीने में निर्णय लें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत का यह कहना गलत है कि मामले में बरी होने पर बीसीसीआई को उसे सजा देने का अधिकार नहीं है. बीसीसीआई को किसी भी मामले में क्रिकेटर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार होता है. कोर्ट ने कहा था कि हमारे फैसले का श्रीसंत के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों पर कोई असर नहीं होगा.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने 2013 के आईपीएल मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेटर एस श्रीसंत, अजीत चंडीला और अंकित चौहान के साथ ट्रायल कोर्ट से आरोप मुक्त किए जाने के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से पूछा है कि क्या सभी आरोपियों पर नोटिस तामील हो गया है। जस्टिस सुनील गौर ने रजिस्ट्रार के समक्ष इस मामले को 10 अप्रैल को लिस्ट करने का आदेश दिया है।


Body:हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार से पूछा है कि आप ये बताइए कि कोई ऐसा तो नहीं है जिसे कोर्ट की नोटिस तामिल नहीं हुई है । आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील दायन कृष्णन ने बताया कि सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जा चुका है। जिसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार से इस संबंध में बताने को कहा। इस मामले 36 आरोपी हैं जिन्हें हाईकोर्ट ने 18 नवंबर 2015 को ही नोटिस जारी किया था। श्रीसंत समेत सभी 36 आरोपियों को ट्रायल कोर्ट की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को गलत बताते हुए याचिका दायर की थी।

पिछले 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बीसीसीआई के फैसले को निरस्त करते हुए उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया था कि वो श्रीसंत को दी गई सजा पर नए सिरे से विचार करें। कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत को दी गई आजीवन प्रतिबंध की सजा अधिक है। बीसीसीआई इस पर 3 महीने में निर्णय ले।



Conclusion:सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि श्रीसंत का यह कहना गलत है कि मामले में बरी होने पर बीसीसीआई को उसे सजा देने का अधिकार नहीं है। बीसीसीआई को किसी भी मामले में क्रिकेटर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार होता है। कोर्ट ने कहा था कि हमारे फैसले का श्रीसंत के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों पर कोई असर नहीं होगा।
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