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दिल्ली HC ने AAP विधायक जितेंद्र सिंह तोमर का 2015 का निर्वाचन निरस्त किया - जितेंद्र सिंह तोमर

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक जितेंद्र सिंह तोमर के 2015 के विधानसभा चुनाव को रद्द कर दिया है. जितेंद्र तोमर 2015 का विधानसभा चुनाव आम आदमी के टिकट पर त्रिनगर से जीते थे.

Delhi HC cancels 2015 election of AAP MLA Jitendra Singh Tomar
जितेंद्र सिंह तोमर का 2015 का निर्वाचन निरस्त
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Published : Jan 17, 2020, 4:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने तोमर के 2015 के विधानसभा चुनाव को रद्द कर दिया है. हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव का कार्यकाल अब खत्म हो चुका है. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ ने बीजेपी उम्मीदवार नंदकिशोर गर्ग की याचिका पर ये फैसला सुनाया.

2015 में त्रिनगर से चुनाव जीता था
जितेंद्र तोमर 2015 का विधानसभा चुनाव आम आदमी के टिकट पर त्रिनगर से जीते थे. तोमर पर 2015 के विधानसभा चुनाव के नामांकन में अपनी शिक्षा की गलत जानकारी देने का आरोप था. आपको बता दें कि तोमर इस बार के विधानसभा चुनाव में भी त्रिनगर से चुनाव लड़नेवाले हैं.

कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था
फर्जी डिग्री के मामले में तोमर को दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जीतेंद्र सिंह तोमर 2013 और 2015 में त्रिनगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2013 में तोमर को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2015में उन्होंने करीब 22 हजार वोट से जीत हासिल की थी.

फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया गया था
जीतेंद्र सिंह तोमर को 2015 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था. लेकिन, जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि कुछ वक्त के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने तोमर के 2015 के विधानसभा चुनाव को रद्द कर दिया है. हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव का कार्यकाल अब खत्म हो चुका है. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ ने बीजेपी उम्मीदवार नंदकिशोर गर्ग की याचिका पर ये फैसला सुनाया.

2015 में त्रिनगर से चुनाव जीता था
जितेंद्र तोमर 2015 का विधानसभा चुनाव आम आदमी के टिकट पर त्रिनगर से जीते थे. तोमर पर 2015 के विधानसभा चुनाव के नामांकन में अपनी शिक्षा की गलत जानकारी देने का आरोप था. आपको बता दें कि तोमर इस बार के विधानसभा चुनाव में भी त्रिनगर से चुनाव लड़नेवाले हैं.

कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था
फर्जी डिग्री के मामले में तोमर को दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जीतेंद्र सिंह तोमर 2013 और 2015 में त्रिनगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. साल 2013 में तोमर को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2015में उन्होंने करीब 22 हजार वोट से जीत हासिल की थी.

फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया गया था
जीतेंद्र सिंह तोमर को 2015 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था. लेकिन, जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि कुछ वक्त के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने तोमर के 2015 के विधानसभा चुनाव को रद्द कर दिया है। हालांकि 2015 के विधानसभा चुनाव का कार्यकाल अब खत्म हो चुका है। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने बीजेपी उम्मीदवार नंदकिशोर गर्ग की याचिका पर ये फैसला सुनाया । 



Body:2015 में त्रिनगर से चुनाव जीता था
तोमर 2015 का विधानसभा चुनाव आम आदमी के टिकट पर त्रिनगर से जीते थे । तोमर पर 2015 के विधानसभा चुनाव के नामांकन में अपनी शिक्षा की गलत जानकारी देने का आरोप था। आपको बता दें कि तोमर इस बार के विधानसभा चुनाव में भी त्रिनगर से चुनाव लड़नेवाले हैं।
कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था
फर्जी डिग्री के मामले में तोमर को दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जीतेंद्र सिंह तोमर 2013 और 2015 में त्रिनगर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। 2013 में तोमर को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2015में उन्होंने करीब 22 हजार वोट से जीत हासिल की थी।



Conclusion:फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया गया था
जीतेंद्र सिंह तोमर को 2015 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था। लेकिन जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि कुछ वक्त के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। अभी ये मामला कोर्ट में लंबित है।
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