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बिहार के जमुई से इनामी बदमाश गिरफ्तार, कीर्ति नगर इलाके में 10 साल पहले हुई थी लूट की वारदात - क्राइम ब्रांच साउथर्न रेंज की पुलिस

दस साल पहले दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में दिनदहाड़े हुए सनसनीखेज लूट के इनामी बदमाश को आखिरकार दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार के जमुई से गिरफ्तार किया है. मामले में अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

crime branch arrest
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Published : Nov 6, 2022, 12:52 PM IST

नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच साउथर्न रेंज की पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति नगर थाने में लगभग 10 साल पहले एक घर में घुस कर दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज लूट के मामले में एक इनामी बदमाश को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. इसकी पहचान, सूरज यादव के रूप में हुई है. ये बिहार के नक्सलाईट एरिया जमुई के गांव खरीक का रहने वाला है.

डीसीपी राजेश देव के अनुसार, आरोपी ने मार्च 2013 में अपने साथियों के साथ मिल कर कीर्ति नगर के एक घर में घुस कर चाकू के नोक पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में शिकायतकर्ता महिला ने बताया था कि 8 मार्च को जब वह घर पर अकेली थी उस वक्त उसके घर में काम करने वाला सूरज यादव अपने साथियों के साथ घर में घुस गया. वह चाकू की नोक पर उसे धमकी दी और कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद घर में रखे कैश, ज्वैलरी और अन्य कीमती सामानों को लूट कर फरार हो गया.

ये भी पढ़ें: दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने की ऑपरेशन शैडो की शुरुआत, अपराध पर लगाएंगे अंकुश

इस मामले में कीर्ति नगर थाना में शिकायत दर्ज की गई थी. जांच में जुटी पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में लगी रही, लेकिन सभी आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बच कर फरार चल रहे थे. सभी आरोपी बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके जमुई के रहने वाले हैं. पुलिस काफी प्रयासों के बाद भी उन तक नहीं पहुंच पा रही थी, जिसके बाद सभी आरोपियों को 2018 में भगौड़ा घोषित कर दिया गया और प्रत्येक की गिरफ्तारी पर 20-20 हजार का इनाम भी घोषित किया गया.

डीसीपी ने बताया कि भगौड़ों, वांटेड और फरार चल रहे बदमाशों की पकड़ के लिए क्राइम ब्रांच पुलिस को लगाया गया था. इसके लिए एसीपी नरेश सोलंकी की देखरेख में इंसेक्टर विजय पाल दहिया के नेतृत्व में एसआई योगेश कुमार, एएसआई राजेश कुमार, विजु मोन और अन्य की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थी. इसी क्रम में क्राइम ब्रांच साउथर्न रेंज की पुलिस को आरोपियों के छठ पूजा के मौके पर जमुई स्थित उनके गांव आने का पता चला. जिस पर बिना समय गंवाए पुलिस टीम को बिहार के जमुई भेजा गया. जहां पुलिस लोकल लेवल पर इंटेलिजेंस को डेवलप कर एक आरोपी को दबोचने में कामयाब रही.

ये भी पढ़ें: Triple Murder Case: दिल्ली पुलिस ने चौथे आरोपी को बिहार से किया गिरफ्तार

नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से आरोपी को पकड़ने के दौरान क्राइम ब्रांच पुलिस को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लोकल पुलिस द्वारा हथियारों से लैस गाड़ी द्वारा सहायता प्रदान करने के बाद पुलिस आरोपी को पकड़ पाई. इसके बाद आरोपी को दिल्ली लेकर आया गया, जहां उससे पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने तीन साथियों के साथ मिल कर उस सनसनीखेज लूट की वारदात को अंजाम दिया था, जिसके बाद वो मौके से फरार हो गए और फिर वो पुणे चले गए. पुणे में वे लोग सात साल तक किराए पर गाड़ी चलाने का काम कर रहे थे. आरोपी की गिरफ्तारी से पुलिस ने 10 साल पहले हुए लूट के सनसनीखेज मामले का खुलासा कर लिया है. इस मामले में पुलिस अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

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नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच साउथर्न रेंज की पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति नगर थाने में लगभग 10 साल पहले एक घर में घुस कर दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज लूट के मामले में एक इनामी बदमाश को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. इसकी पहचान, सूरज यादव के रूप में हुई है. ये बिहार के नक्सलाईट एरिया जमुई के गांव खरीक का रहने वाला है.

डीसीपी राजेश देव के अनुसार, आरोपी ने मार्च 2013 में अपने साथियों के साथ मिल कर कीर्ति नगर के एक घर में घुस कर चाकू के नोक पर लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में शिकायतकर्ता महिला ने बताया था कि 8 मार्च को जब वह घर पर अकेली थी उस वक्त उसके घर में काम करने वाला सूरज यादव अपने साथियों के साथ घर में घुस गया. वह चाकू की नोक पर उसे धमकी दी और कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद घर में रखे कैश, ज्वैलरी और अन्य कीमती सामानों को लूट कर फरार हो गया.

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इस मामले में कीर्ति नगर थाना में शिकायत दर्ज की गई थी. जांच में जुटी पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में लगी रही, लेकिन सभी आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बच कर फरार चल रहे थे. सभी आरोपी बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके जमुई के रहने वाले हैं. पुलिस काफी प्रयासों के बाद भी उन तक नहीं पहुंच पा रही थी, जिसके बाद सभी आरोपियों को 2018 में भगौड़ा घोषित कर दिया गया और प्रत्येक की गिरफ्तारी पर 20-20 हजार का इनाम भी घोषित किया गया.

डीसीपी ने बताया कि भगौड़ों, वांटेड और फरार चल रहे बदमाशों की पकड़ के लिए क्राइम ब्रांच पुलिस को लगाया गया था. इसके लिए एसीपी नरेश सोलंकी की देखरेख में इंसेक्टर विजय पाल दहिया के नेतृत्व में एसआई योगेश कुमार, एएसआई राजेश कुमार, विजु मोन और अन्य की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थी. इसी क्रम में क्राइम ब्रांच साउथर्न रेंज की पुलिस को आरोपियों के छठ पूजा के मौके पर जमुई स्थित उनके गांव आने का पता चला. जिस पर बिना समय गंवाए पुलिस टीम को बिहार के जमुई भेजा गया. जहां पुलिस लोकल लेवल पर इंटेलिजेंस को डेवलप कर एक आरोपी को दबोचने में कामयाब रही.

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नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से आरोपी को पकड़ने के दौरान क्राइम ब्रांच पुलिस को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लोकल पुलिस द्वारा हथियारों से लैस गाड़ी द्वारा सहायता प्रदान करने के बाद पुलिस आरोपी को पकड़ पाई. इसके बाद आरोपी को दिल्ली लेकर आया गया, जहां उससे पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने तीन साथियों के साथ मिल कर उस सनसनीखेज लूट की वारदात को अंजाम दिया था, जिसके बाद वो मौके से फरार हो गए और फिर वो पुणे चले गए. पुणे में वे लोग सात साल तक किराए पर गाड़ी चलाने का काम कर रहे थे. आरोपी की गिरफ्तारी से पुलिस ने 10 साल पहले हुए लूट के सनसनीखेज मामले का खुलासा कर लिया है. इस मामले में पुलिस अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

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