नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान की तरफ से सरस आजीविका मेला का आयोजन किया गया है. सरस आजीविका मेला में देश भर के 26 राज्यों से आई हुईं 150 के करीब एसएचजी दीदीयों (Saras Mela Self Help Groups) को सेल्स कॉम्युनिकेशन एंड साइकोलॉजी ऑफ बायर” विषय पर प्रशिक्षण दिया गया. वर्कशॉप के दौरान इन दीदीयों को सेल्स की बातों को समझाया और वीडियो के जरिए दिखाया भी गया.
वहीं, सरस के सभी स्टॉलों पर गुरुवार को भी भीड़ दिखाई दी. सरस मेला में नॉर्थ इस्ट राज्यों का सामान लोगों को लुभा रहा है. नार्थ-ईस्ट के मेघालय रिभॉय जिले से आई रीना नोंगरूम बताती हैं कि उनके स्टॉल नंबर 121 पर विभिन्न प्रकार के अचार (इसमें वेज व नॉनवेज दौनों अचार हैं), नेचुरल मसाले, कैंडी, जैम व जूस समेत स्टिकी राइस दिल्ली वालों को काफी आकर्षित कर रहा है.
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट,कला एवं संस्कृति से सराबोर “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक सरस आजीविका मेला 2022 का आयोजन प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में किया जा रहा है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2022 (Saras Ajeewika Mela 2022) में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है. 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 26 राज्यों के 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं.
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