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Delhi riots: दिल्ली दंगे के दौरान कांस्टेबल को गोली मारकर घायल करने वाले दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई सात-सात साल की सजा - accused who shot and injured the constable

दिल्ली दंगे के लगभग साढ़े 3 साल बीतने के बाद पुलिस कांस्टेबल को गोली मारकर घायल करने मामले में दो आरोपियों को सजा सुनाई गई. दोनों आरोपियों को 5 और 7 वर्ष की कैद और 30-30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 30, 2023, 11:01 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस कांस्टेबल को गोली मारकर घायल करने मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई हुई. कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में दयालपुर इलाके में पिस्टल से गोली मारकर कांस्टेबल को घायल करने वाले दो दोषियों को सजा सुनाई. हत्या का प्रयास समेत कई आरोपों के लिए दोषी ठहराए गए इमरान उर्फ माडल को सात वर्ष और इमरान को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई. इसके अतिरिक्त दोनों पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया.

25 फरवरी 2020 को हुआ था दंगा: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इन दोनों द्वारा किया गया अपराध कोई हल्का अपराध नहीं है. दयालपुर थाना क्षेत्र में ब्रजपुरी पुलिया के पास नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रही भीड़ ने 25 फरवरी, 2020 को दंगा किया था. दंगाइयों ने वहां के स्कूल, घर और दुकानों में आग लगा दी थी. दंगा रोकने के प्रयास में कांस्टेबल दीपक ने इसी दौरान आंसू गैस के गोले दाग कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया था. जब वो यह कर रहे थे तो किसी ने उन पर गोली चला दी थी, जोकि उनके दाहिने पैर में लग गई थी.

ये भी पढ़ें: दंगों में मिले जख्मों की दास्तां सुना रही है आपकी दिल्ली...

31 अगस्त को हुई थी सुनवाई: इस मामले में दर्ज एफआईआर में न्यू मुस्तफाबाद निवासी इमरान उर्फ माडल और नेहरू विहार निवासी इमरान को आरोपित बनाया गया था. इस मामले में कोर्ट ने 31 अगस्त को इमरान उर्फ माडल और इमरान को दोषी ठहराते हुए कहा था कि गोली चलाना सामान्य कार्य नहीं होता है. पिस्टल चलाने वाले को यह पता होता है कि गोली लगने से किसी की मौत हो सकती है. यह संयोग ही था कि गोली पुलिसकर्मी के पैर में लगी, शरीर के किसी ऐसे हिस्से में नहीं जहां कुछ घातक हो सकता था.

ये भी पढ़ें: 3 Years of Delhi Riots: क्या वक्त के साथ भरा जख्म? लोगों ने बताए आज के हालात

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस कांस्टेबल को गोली मारकर घायल करने मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई हुई. कड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में दयालपुर इलाके में पिस्टल से गोली मारकर कांस्टेबल को घायल करने वाले दो दोषियों को सजा सुनाई. हत्या का प्रयास समेत कई आरोपों के लिए दोषी ठहराए गए इमरान उर्फ माडल को सात वर्ष और इमरान को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई. इसके अतिरिक्त दोनों पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया.

25 फरवरी 2020 को हुआ था दंगा: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इन दोनों द्वारा किया गया अपराध कोई हल्का अपराध नहीं है. दयालपुर थाना क्षेत्र में ब्रजपुरी पुलिया के पास नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रही भीड़ ने 25 फरवरी, 2020 को दंगा किया था. दंगाइयों ने वहां के स्कूल, घर और दुकानों में आग लगा दी थी. दंगा रोकने के प्रयास में कांस्टेबल दीपक ने इसी दौरान आंसू गैस के गोले दाग कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया था. जब वो यह कर रहे थे तो किसी ने उन पर गोली चला दी थी, जोकि उनके दाहिने पैर में लग गई थी.

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31 अगस्त को हुई थी सुनवाई: इस मामले में दर्ज एफआईआर में न्यू मुस्तफाबाद निवासी इमरान उर्फ माडल और नेहरू विहार निवासी इमरान को आरोपित बनाया गया था. इस मामले में कोर्ट ने 31 अगस्त को इमरान उर्फ माडल और इमरान को दोषी ठहराते हुए कहा था कि गोली चलाना सामान्य कार्य नहीं होता है. पिस्टल चलाने वाले को यह पता होता है कि गोली लगने से किसी की मौत हो सकती है. यह संयोग ही था कि गोली पुलिसकर्मी के पैर में लगी, शरीर के किसी ऐसे हिस्से में नहीं जहां कुछ घातक हो सकता था.

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