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Cancer Disease: डीएससीआई में कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल पा रहा इलाज, जानिए क्या है वजह - दिल्ली में कैंसर का इलाज

डीएससीआई में दो रेडिएशन और एक सीटी स्कैन की मशीन खराब होने से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है. दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. किशोर सिंह का कहना है कि फंड की कमी के चलते मशीनें ठीक नहीं हो पाई है और ना ही नई आ पा रही है.

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Published : Jul 11, 2023, 12:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (डीएससीआई) में रेडिएशन थेरेपी की दो मशीनें खराब होने से कैंसर के मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से एक मशीन इस साल मार्च में खराब हुई थी. जबकि दूसरी मशीन एक साल से भी ज्यादा समय से खराब पड़ी है.

इन मशीनों के ठीक न होने के चलते मौजूदा समय में रेडिएशन की सिर्फ एक मशीन ही काम कर रही है. इससे एक दिन में सिर्फ 70 से 80 मरीजों की ही रेडिएशन थेरेपी हो पा रही है. जबकि कैंसर संस्थान में इलाज के लिए प्रतिदिन 500 से ज्यादा मरीज को पहुंचते हैं. इनमें रेडिएशन थेरेपी कराने वाले 250 से ज्यादा मरीज होते हैं. अगर खराब पड़ी हुई दोनों मशीनें ठीक होती तो 160 से 170 और मरीजों की थेरेपी हो सकती. इसी तरह कैंसर संस्थान में सीटी स्कैन की मशीन भी करीब एक सप्ताह से अधिक समय से खराब है. जिसके चलते मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भी एक से दो महीने की तारीख दी जा रही है या बाहर से जांच कराने की सलाह दी जा रही है.

कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज
कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज

इस समस्या के चलते गरीब मरीज बाहर से सीटी स्कैन नहीं करा पा रहे हैं और अस्पताल में भी उन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही है. बता दें, संस्थान में प्रतिदिन दिल्ली के ही अलग-अलग इलाकों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार हरियाणा और अन्य राज्यों के मरीज इलाज के लिए आते हैं लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था के चलते उन्हें बिना इलाज के ही मायूस होकर लौटना पड़ता है.

अस्पताल में रेडिएशन की दोनों मशीनें काफी पुरानी हैं. जिसकी वजह से उनमें खराबी आ जाती है. इन मशीनों को कई बार ठीक कराया गया है. लेकिन, अभी फंड की कमी के चलते ठीक नहीं हो पाई है और ना ही नई मशीनें आ पा रही है. एक मशीन से जितना संभव है, मरीजों की रेडिएशन थैरेपी दी जाती है.

डॉ. किशोर सिंह, निदेशक दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान

राजीव गांधी अस्पताल में ईको की मशीन खराब: पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ईको की मशीन शनिवार को खराब होने से दी गई तारीख पर इलाज कराने आए मरीजों को परेशान होकर वापस लौटना पड़ा. कार्डियोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ नीरज पंडित ने बताया कि मशीन कब ठीक होगी, इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. मशीन ठीक होने के बाद ही नए मरीजों को ईको के लिए तारीख दी जाएगी. जब तक मशीन ठीक नहीं होती है तब तक मरीजों को अस्पताल की जगह बाहर से ही जांच करानी होगी.

केस स्टडी: बुलंदशहर की स्याना तहसील के एक गांव से अपने पिता की कैंसर की जांच कराने आए नितिन ने बताया कि वह कैंसर की जांच कराने के लिए शुक्रवार को दिल्ली राज कैंसर स्थान पहुंचे. अस्पताल की ओपीडी में पिता को दिखाने के दौरान डॉक्टर द्वारा कई जांच लिखी गई. जिनमें से खून की जांच के लिए तो सैंपल ले लिया गया और सीटी स्कैन की मशीन खराब बताई गई. वहीं ईको कराने के लिए राजी गांधी अस्पताल में जाने की सलाह दी गई, जब वह राजीव गांधी अस्पताल में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अब तारीख मिलने का समय निकल चुका है. यहां 12 बजे तक तारीख दी जाती है. आप शनिवार सुबह नौ बजे आइए, आपको तारीख मिल जाएगी.

जब नितिन शनिवार सुबह तय समय पर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि यहां ईको की मशीन खराब है. इसके चलते तारीख नहीं मिल पाएगी. मशीन खराब होने से जिन मरीजों को आठ जून की तारीख दी गई थी उनकी भी ईको नहीं हो पाई. इसलिए नए मरीजों को अब मशीन ठीक होने के बाद ही तारीख दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: Cancer Disease: तंबाकू और प्लास्टिक के बर्तनों के उपयोग से बढ़ रहा कैंसर खतरा

ये भी पढ़ें: AIIMS Delhi: कैंसर मरीज इलाज से पहले जान लें ये बातें, वरना संतान वृद्धि में हो सकती है परेशानी

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (डीएससीआई) में रेडिएशन थेरेपी की दो मशीनें खराब होने से कैंसर के मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से एक मशीन इस साल मार्च में खराब हुई थी. जबकि दूसरी मशीन एक साल से भी ज्यादा समय से खराब पड़ी है.

इन मशीनों के ठीक न होने के चलते मौजूदा समय में रेडिएशन की सिर्फ एक मशीन ही काम कर रही है. इससे एक दिन में सिर्फ 70 से 80 मरीजों की ही रेडिएशन थेरेपी हो पा रही है. जबकि कैंसर संस्थान में इलाज के लिए प्रतिदिन 500 से ज्यादा मरीज को पहुंचते हैं. इनमें रेडिएशन थेरेपी कराने वाले 250 से ज्यादा मरीज होते हैं. अगर खराब पड़ी हुई दोनों मशीनें ठीक होती तो 160 से 170 और मरीजों की थेरेपी हो सकती. इसी तरह कैंसर संस्थान में सीटी स्कैन की मशीन भी करीब एक सप्ताह से अधिक समय से खराब है. जिसके चलते मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भी एक से दो महीने की तारीख दी जा रही है या बाहर से जांच कराने की सलाह दी जा रही है.

कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज
कैंसर के मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज

इस समस्या के चलते गरीब मरीज बाहर से सीटी स्कैन नहीं करा पा रहे हैं और अस्पताल में भी उन्हें यह सुविधा नहीं मिल रही है. बता दें, संस्थान में प्रतिदिन दिल्ली के ही अलग-अलग इलाकों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार हरियाणा और अन्य राज्यों के मरीज इलाज के लिए आते हैं लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था के चलते उन्हें बिना इलाज के ही मायूस होकर लौटना पड़ता है.

अस्पताल में रेडिएशन की दोनों मशीनें काफी पुरानी हैं. जिसकी वजह से उनमें खराबी आ जाती है. इन मशीनों को कई बार ठीक कराया गया है. लेकिन, अभी फंड की कमी के चलते ठीक नहीं हो पाई है और ना ही नई मशीनें आ पा रही है. एक मशीन से जितना संभव है, मरीजों की रेडिएशन थैरेपी दी जाती है.

डॉ. किशोर सिंह, निदेशक दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान

राजीव गांधी अस्पताल में ईको की मशीन खराब: पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ईको की मशीन शनिवार को खराब होने से दी गई तारीख पर इलाज कराने आए मरीजों को परेशान होकर वापस लौटना पड़ा. कार्डियोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ नीरज पंडित ने बताया कि मशीन कब ठीक होगी, इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. मशीन ठीक होने के बाद ही नए मरीजों को ईको के लिए तारीख दी जाएगी. जब तक मशीन ठीक नहीं होती है तब तक मरीजों को अस्पताल की जगह बाहर से ही जांच करानी होगी.

केस स्टडी: बुलंदशहर की स्याना तहसील के एक गांव से अपने पिता की कैंसर की जांच कराने आए नितिन ने बताया कि वह कैंसर की जांच कराने के लिए शुक्रवार को दिल्ली राज कैंसर स्थान पहुंचे. अस्पताल की ओपीडी में पिता को दिखाने के दौरान डॉक्टर द्वारा कई जांच लिखी गई. जिनमें से खून की जांच के लिए तो सैंपल ले लिया गया और सीटी स्कैन की मशीन खराब बताई गई. वहीं ईको कराने के लिए राजी गांधी अस्पताल में जाने की सलाह दी गई, जब वह राजीव गांधी अस्पताल में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अब तारीख मिलने का समय निकल चुका है. यहां 12 बजे तक तारीख दी जाती है. आप शनिवार सुबह नौ बजे आइए, आपको तारीख मिल जाएगी.

जब नितिन शनिवार सुबह तय समय पर अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि यहां ईको की मशीन खराब है. इसके चलते तारीख नहीं मिल पाएगी. मशीन खराब होने से जिन मरीजों को आठ जून की तारीख दी गई थी उनकी भी ईको नहीं हो पाई. इसलिए नए मरीजों को अब मशीन ठीक होने के बाद ही तारीख दी जाएगी.

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