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कैबिनेट बैठक में ई व्हीकल पॉलिसी को मिली मंजूरी, रजिस्ट्रेशन पर नहीं देना होगा शुल्क

दिल्ली में केजरीवाल सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी लागू करने जा रही है. ई-व्हीकल पॉलिसी में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को रेजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स नहीं देना होगा.

Cabinet approval to e-vehicle policy
ई व्हीकल पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी
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Published : Dec 23, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 11:05 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी लागू करने जा रही है. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई ई-व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है.

ई व्हीकल पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी

'इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को नहीं देना होगा टैक्स'
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में कहा गया है कि 2024 तक यानि आने वाले 5 सालों तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे कुल वाहनों में से 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य प्राप्त करना है. 5 साल में तकरीबन 25 लाख से अधिक गाड़ियां इलेक्ट्रिक की सड़कों पर हों. दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को भी रियायत देने के मूड में हैं. ई-व्हीकल पॉलिसी में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स नहीं देना होगा.


'प्रदूषण में आएगी कमी'
कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 48 लाख टन घटने के अनुमान है. वहीं हवा में सूक्ष्म धूल कण 2.5 के स्तर में 159 टन की कमी आएगी.

पॉलिसी लागू करने से पहले कराया था अध्ययन
दिल्ली डायलॉग फॉर डेवलपमेंट कमीशन ने इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के संदर्भ में यह अध्ययन कराया था. कमीशन की रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अलग से सिंगल विंडो क्लीयरेंस देने को कहा गया है. ताकि सुगमता से गाड़ी का पंजीकरण, वर्क परमिट लेने की सुविधा उपलब्ध हो सके.

'प्रत्येक तीन किलोमीटर पर बनाए जाएंगे चार्जिंग स्टेशन'
चार्जिंग व्यवस्था के लिए जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. नई दिल्ली इलाके में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. लोगों को अपने कार्य कराने में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर अधिक से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने का सुझाव दिया गया है.

'दिल्ली सरकार की भूमिका सबसे अहम'
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने में दिल्ली सरकार की भूमिका कैसे अहम हो सकती है, यह सबसे ऊपर है. सरकार अब अपने इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ही लेगी. दिल्ली सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन भी शुरू करेगी. ताकि लोगों को उससे जो फायदा मिलेगा, निजी वाहन के तरफ भी लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल के मोड में आ पाएंगे.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी लागू करने जा रही है. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई ई-व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है.

ई व्हीकल पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी

'इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को नहीं देना होगा टैक्स'
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में कहा गया है कि 2024 तक यानि आने वाले 5 सालों तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे कुल वाहनों में से 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य प्राप्त करना है. 5 साल में तकरीबन 25 लाख से अधिक गाड़ियां इलेक्ट्रिक की सड़कों पर हों. दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को भी रियायत देने के मूड में हैं. ई-व्हीकल पॉलिसी में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स नहीं देना होगा.


'प्रदूषण में आएगी कमी'
कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 48 लाख टन घटने के अनुमान है. वहीं हवा में सूक्ष्म धूल कण 2.5 के स्तर में 159 टन की कमी आएगी.

पॉलिसी लागू करने से पहले कराया था अध्ययन
दिल्ली डायलॉग फॉर डेवलपमेंट कमीशन ने इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के संदर्भ में यह अध्ययन कराया था. कमीशन की रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अलग से सिंगल विंडो क्लीयरेंस देने को कहा गया है. ताकि सुगमता से गाड़ी का पंजीकरण, वर्क परमिट लेने की सुविधा उपलब्ध हो सके.

'प्रत्येक तीन किलोमीटर पर बनाए जाएंगे चार्जिंग स्टेशन'
चार्जिंग व्यवस्था के लिए जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. नई दिल्ली इलाके में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. लोगों को अपने कार्य कराने में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर अधिक से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने का सुझाव दिया गया है.

'दिल्ली सरकार की भूमिका सबसे अहम'
इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने में दिल्ली सरकार की भूमिका कैसे अहम हो सकती है, यह सबसे ऊपर है. सरकार अब अपने इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ही लेगी. दिल्ली सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन भी शुरू करेगी. ताकि लोगों को उससे जो फायदा मिलेगा, निजी वाहन के तरफ भी लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल के मोड में आ पाएंगे.

Intro:नई दिल्ली. राजधानी में दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी लागू करने जा रही है. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई ई-व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी दे दी गयी है. इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में कहा गया है कि 2024 तक यानि आने वाले 5 सालों तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे कुल वाहनों में से 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य प्राप्त करना है. 5 साल में तकरीबन 25 लाख से अधिक गाड़ियां इलेक्ट्रिक की सड़कों पर हों. दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को भी रियायत देने के मूड में हैं. ई-व्हीकल पॉलिसी में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को रेजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स नहीं देना होगा.


Body:प्रदूषण में आएगी कमी

कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 48 लाख टन घटने के अनुमान है. वहीं हवा में सूक्ष्म धूल कण 2.5 के स्तर में 159 टन की कमी आएगी.

पॉलिसी लागू करने से पहले कराया था अध्ययन

दिल्ली डायलॉग फॉर डेवलपमेंट कमीशन ने इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के संदर्भ में यह अध्ययन कराया था. कमीशन की रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अलग से सिंगल विंडो क्लीयरेंस देने को कहा गया है. ताकि सुगमता से गाड़ी का पंजीकरण, वर्क परमिट लेने की सुविधा उपलब्ध हो सके.

प्रत्येक तीन किलोमीटर पर बनाए जाएंगे चार्जिंग स्टेशन

चार्जिंग व्यवस्था के लिए जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. नई दिल्ली इलाके में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. लोगों को अपने कार्य कराने में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर अधिक से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने का सुझाव दिया गया है.

दिल्ली सरकार की भूमिका सबसे अहम

इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने में दिल्ली सरकार की भूमिका कैसे अहम हो सकती है, यह सबसे ऊपर है. सरकार अब अपने इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल ही लेगी. दिल्ली सरकार तेजी से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन भी शुरू करेगी. ताकि लोगों को उससे जो फायदा मिलेगा, निजी वाहन के तरफ भी लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल के मोड में आ पाएंगे.




Conclusion:बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू होने के बाद 6000 करोड़ रुपये के तेल का आयात कम हो जाएगा.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Dec 24, 2019, 11:05 AM IST
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