नई दिल्ली: करोल बाग के अर्पित पैलेस हादसे के बाद दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने राजधानी के होटल व गेस्ट हाउस के लिए भवन उपनियम में संशोधन किया है. दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी होटल और गेस्ट हाउस के लिए जो भवन उपनियम में संशोधन किए गए हैं उसके अनुसार छत और बेसमेंट पर किचन बनाने की अनुमति नहीं होगी.
ये हैं नए नियम
- छत पर लकड़ी या किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ नहीं रख सकते.
- छत पर प्लास्टिक सीट का इस्तेमाल नहीं होगा.
- दीवारों, सीढ़ियों पर लकड़ियों की डिज़ाइन या तुरंत आग पकड़ने वाली शीट नहीं लगेंगी.
- गैस सिलेंडर नियमों के मुताबिक रखे जाएंगे.
- चार मंजिल से ज्यादा फ्लोर वाले गेस्ट हाउस को एनओसी नहीं दी जाएगी.
- फायर डिपार्टमेंट को सभी फ्लोर का नक्शा देना होगा.
- कार्बन मोनोऑक्साइड गैस डिटेक्टर इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा.
- साथ ही कॉरिडोर या सीढ़ियों के पास वेंटिलेटर लगाना जरूरी होगा.
'2017 में मिला था NOC'
मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होटल अर्पित में 4 मंजिल की जगह 6 मंजिल बनी हुई थी. पांच पक्की मंजिल और छठी फाइबर की थी. होटल को दिल्ली फायर सर्विस से साल 2017 में एनओसी मिला था. उसके बाद होटल में कई बदलाव किए गए. फायर सेफ्टी नॉर्म्स में कई कमियां थीं. दीवारों पर वुडेन वर्क था. फ्लोर व सीटों पर कारपेट लगा था. ऐसे मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया था, जिससे आग जल्दी पकड़ ले.
17 लोगों की हो गई थी मौत
बता दें कि करोलबाग के अर्पित होटल में 12 फरवरी की तड़के लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लेने की बात कही थी. राजधानी में अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है और इसी के तहत भवन उपनियम में संशोधन किया गया है.