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केजरीवाल सरकार का बड़ा कदम! भवन उपनियम में हुआ महत्वपूर्ण संशोधन - Arpit hotel fire case

मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होटल अर्पित में 4 मंजिल की जगह 6 मंजिल बनी हुई थी. पांच पक्की मंजिल और छठी फाइबर की थी. होटल को दिल्ली फायर सर्विस से वर्ष 2017 में एनओसी मिला था. उसके बाद होटल में कई बदलाव किए गए.

भवन उपनियम में हुआ महत्वपूर्ण संशोधन
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Published : May 27, 2019, 7:16 PM IST

Updated : May 27, 2019, 10:38 PM IST

नई दिल्ली: करोल बाग के अर्पित पैलेस हादसे के बाद दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने राजधानी के होटल व गेस्ट हाउस के लिए भवन उपनियम में संशोधन किया है. दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी होटल और गेस्ट हाउस के लिए जो भवन उपनियम में संशोधन किए गए हैं उसके अनुसार छत और बेसमेंट पर किचन बनाने की अनुमति नहीं होगी.

ये हैं नए नियम

  • छत पर लकड़ी या किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ नहीं रख सकते.
  • छत पर प्लास्टिक सीट का इस्तेमाल नहीं होगा.
  • दीवारों, सीढ़ियों पर लकड़ियों की डिज़ाइन या तुरंत आग पकड़ने वाली शीट नहीं लगेंगी.
  • गैस सिलेंडर नियमों के मुताबिक रखे जाएंगे.
  • चार मंजिल से ज्यादा फ्लोर वाले गेस्ट हाउस को एनओसी नहीं दी जाएगी.
  • फायर डिपार्टमेंट को सभी फ्लोर का नक्शा देना होगा.
  • कार्बन मोनोऑक्साइड गैस डिटेक्टर इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा.
  • साथ ही कॉरिडोर या सीढ़ियों के पास वेंटिलेटर लगाना जरूरी होगा.
    building bylaws changed by delhi govt after hotel arpit fire case
    मींटिग में मंत्री सत्येंद्र जैन

'2017 में मिला था NOC'

मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होटल अर्पित में 4 मंजिल की जगह 6 मंजिल बनी हुई थी. पांच पक्की मंजिल और छठी फाइबर की थी. होटल को दिल्ली फायर सर्विस से साल 2017 में एनओसी मिला था. उसके बाद होटल में कई बदलाव किए गए. फायर सेफ्टी नॉर्म्स में कई कमियां थीं. दीवारों पर वुडेन वर्क था. फ्लोर व सीटों पर कारपेट लगा था. ऐसे मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया था, जिससे आग जल्दी पकड़ ले.

भवन उपनियम में संशोधन

17 लोगों की हो गई थी मौत

बता दें कि करोलबाग के अर्पित होटल में 12 फरवरी की तड़के लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लेने की बात कही थी. राजधानी में अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है और इसी के तहत भवन उपनियम में संशोधन किया गया है.

नई दिल्ली: करोल बाग के अर्पित पैलेस हादसे के बाद दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने राजधानी के होटल व गेस्ट हाउस के लिए भवन उपनियम में संशोधन किया है. दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी होटल और गेस्ट हाउस के लिए जो भवन उपनियम में संशोधन किए गए हैं उसके अनुसार छत और बेसमेंट पर किचन बनाने की अनुमति नहीं होगी.

ये हैं नए नियम

  • छत पर लकड़ी या किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ नहीं रख सकते.
  • छत पर प्लास्टिक सीट का इस्तेमाल नहीं होगा.
  • दीवारों, सीढ़ियों पर लकड़ियों की डिज़ाइन या तुरंत आग पकड़ने वाली शीट नहीं लगेंगी.
  • गैस सिलेंडर नियमों के मुताबिक रखे जाएंगे.
  • चार मंजिल से ज्यादा फ्लोर वाले गेस्ट हाउस को एनओसी नहीं दी जाएगी.
  • फायर डिपार्टमेंट को सभी फ्लोर का नक्शा देना होगा.
  • कार्बन मोनोऑक्साइड गैस डिटेक्टर इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा.
  • साथ ही कॉरिडोर या सीढ़ियों के पास वेंटिलेटर लगाना जरूरी होगा.
    building bylaws changed by delhi govt after hotel arpit fire case
    मींटिग में मंत्री सत्येंद्र जैन

'2017 में मिला था NOC'

मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होटल अर्पित में 4 मंजिल की जगह 6 मंजिल बनी हुई थी. पांच पक्की मंजिल और छठी फाइबर की थी. होटल को दिल्ली फायर सर्विस से साल 2017 में एनओसी मिला था. उसके बाद होटल में कई बदलाव किए गए. फायर सेफ्टी नॉर्म्स में कई कमियां थीं. दीवारों पर वुडेन वर्क था. फ्लोर व सीटों पर कारपेट लगा था. ऐसे मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया था, जिससे आग जल्दी पकड़ ले.

भवन उपनियम में संशोधन

17 लोगों की हो गई थी मौत

बता दें कि करोलबाग के अर्पित होटल में 12 फरवरी की तड़के लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लेने की बात कही थी. राजधानी में अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है और इसी के तहत भवन उपनियम में संशोधन किया गया है.

Intro:नई दिल्ली. करोल बाग के अर्पित पैलेस हादसे के बाद दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने राजधानी के होटल व गेस्ट हाउस के लिए भवन उपनियम में संशोधन किया है.


Body:दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सभी होटल और गेस्ट हाउस के लिए जो भवन उपनियम में संशोधन किए गए है उसके अनुसार छत और बेसमेंट पर किचन बनाने की अनुमति नहीं होगी.

छत पर लकड़ी या किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ नहीं रख सकते. छत पर प्लास्टिक सीट का इस्तेमाल नहीं होगा. दीवारों, सीढ़ीयों पर लकड़ियों की डिज़ाइन या तुरंत आग पकड़ने वाले शीट नहीं लगा सकते.

गैस सिलेंडर नियमों के मुताबिक रखे जाएंगे. चार मंजिल से ज्यादा मंजिल वाले गेस्ट हाउस को एनओसी नहीं दी जाएगी. फायर डिपार्टमेंट को सभी फ्लोर का नक्शा देना होगा.

कार्बन मोनोऑक्साइड गैस डिटेक्टर इंसटाल करना अनिवार्य होगा. साथ ही कॉरिडोर या सीढ़ियों के पास वेंटिलेटर लगाना जरूरी होगा.

दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होटल अर्पित में 4 मंजिल की जगह 6 मंजिल बनी हुई थी. पांच पक्की मंजिल और छठी फाइबर का था. होटल को दिल्ली फायर सर्विस से वर्ष 2017 में एनओसी मिला था. उसके बाद होटल में कई बदलाव किए गए. फायर सेफ्टी नॉर्म्स में कई कमियां थी दीवारों पर वुडेन वर्क था. फ्लोर व सीटों पर कारपेट लगा था. ऐसे मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया था जिससे आग जल्दी पकड़ ले.


Conclusion: बता दें कि करोलबाग के अर्पित होटल में 12 फरवरी की तड़के लगी भीषण आग में जिस तरह 17 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लिया है. राजधानी में अब इस ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : May 27, 2019, 10:38 PM IST
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