नई दिल्ली: महिला पहलवानों से कथित यौन उत्पीड़न मामले में कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए. जानकारी के अनुसार बृजभूषण सिंह के वकील ने 19 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान पेशी से छूट का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. अब मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
वहीं, इससे पहले कोर्ट में बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा था कि ओवर साइट कमेटी पॉक्सो एक्ट के तहत नहीं बनाई गई थी. बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी. उन्होंने कहा कॉस्मेटिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई गई है. बृजभूषण ने पहलवनों को नोटिस जारी कर कभी भी ऑफिस में नहीं बुलाया.
बता दें कि पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं, कार्रवाई की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था. जिसके बाद इस मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था.
महिला पहलवानों की तरफ से वकील रेबिका जॉन ने कहा था कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की तरफ से अदालत में चुनौती नहीं दी गई है. साथ ही मामले में एक ही एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों को दर्ज किया गया है. सभी एफआईआर एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई. सभी शिकायतकर्ताओ ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया है.
वकील ने कहा कि एक से ज्यादा अपराध अगर एक आरोपी द्वारा किए जाते हैं तो आरोपी को सभी आरोपों का सामना करना होता है. रेबिका जॉन की दलीलें सुनने के बाद एडिशनल चीफ मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे थे.