नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी मनाई जाती है. इस बार रविवार, 19 नवंबर को भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, भानु सप्तमी के दिन सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. इसे रथ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. स्वर्ण सिंहासन पर भगवान सूर्य नारायण विराजमान होकर प्रकृति का संचालन करते हैं. इस दिन सूर्य भगवान का पर्व छठ महापर्व भी मनाया जाता है.
भानू सप्तमी का व्रत महत्व: आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, भानु सप्तमी को लेकर मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान सूर्य का सृष्टि और ब्रह्मांड में आगमन हुआ था. भानु सप्तमी को भगवान सूर्य के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस बार भानु सप्तमी रविवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना बेहद फलदाई माना गया है, क्योंकि गायत्री मंत्र के देवता सूर्य है. भानु सप्तमी का व्रत करने से इच्छा शक्ति में वृद्धि होती है. इस दिन को ही सूर्य ने जगत को अपने प्रकाश से आलोकित करना प्रारंभ किया.
सूर्य मंत्रों का जरूर करें जाप:
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ भास्कराय नमः
भानू सप्तमी पूजा विधि: इस दिन सूर्य उदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर ऐसा संभव नहीं है तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. वहीं, सूर्योदय होने पर तांबे के लोटे में पानी भरकर उसमें लाल चंदन, चावल और लाल फूल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ दें. घर में खीर आदि बनाकर भगवान भास्कर को भोग लगाएं. बाद में इसे प्रसाद के रूप में वितरण करें. भगवान भास्कर हनुमान के गुरु हैं. ऐसे में इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से दोगुना फल मिलता है.