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अर्पित अग्निकांड: अपनों की खोज में अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं परिजन - Delhi

नई दिल्ली: करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस में अग्नि कांड की घटना के बाद से होटल में काम करने वाले लोगों के परिजन अपनो को ढूंढ रहे हैं. होटल में काम करने वाले कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका अभी कुछ पता नहीं चल पाया है. फिलहाल उनके परिजन दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में उनकी तलाश कर रहे हैं.

अर्पित अग्निकांड: अपनों की खोज में अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं परिजन
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Published : Feb 12, 2019, 11:13 PM IST

बता दें कि करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस में जब से अग्नि कांड की घटना के बारे में तुलसी राम ने सुना है, तब से वो अपने भाई लालचंद को ढूंढ रहे हैं. तुलसीराम अपने छोटे भाई लालचंद को ढूंढने राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे. तुलसी राम ने बताया कि जबसे अग्निकांड की खबर सुनी तब से मैं अपने भाई को अलग-अलग अस्पतालों में ढूंढ रहा हूं. लेडी हार्डिंग, सफदरजंग, गंगाराम, कपूर अस्पताल में अपने भाई को ढूंढ चुके हैं लेकिन अभी तक उनके भाई की कोई जानकारी नहीं मिली है.

अर्पित अग्निकांड: अपनों की खोज में अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं परिजन
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शवों को एम्स भेज दिया गया
तुलसी राम ने बताया कि उनके भाई लालचंद होटल अर्पित पैलेस में पिछले 25 साल से काम कर रहे थे. वह होटल की कैंटीन में सुपरवाइजर थे. जो सोमवार की रात 8:00 बजे के बाद ड्यूटी पर निकले थे और अब तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिली है.


तुलसीराम करोल बाग थाने भी जा चुके हैं लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं मिली है. मंगलवार को अग्नि कांड की घटना के बाद होटल अर्पित पैलेस से 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया था. तुलसी राम को लगा कि शायद उन्हें भी अपने भाई की जानकारी इस अस्पताल में मिल जाएगी लेकिन यहां आकर भी उन्हें निराशा हाथ लगी. फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल से शवों को एम्स भेज दिया गया है.

बता दें कि करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस में जब से अग्नि कांड की घटना के बारे में तुलसी राम ने सुना है, तब से वो अपने भाई लालचंद को ढूंढ रहे हैं. तुलसीराम अपने छोटे भाई लालचंद को ढूंढने राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे. तुलसी राम ने बताया कि जबसे अग्निकांड की खबर सुनी तब से मैं अपने भाई को अलग-अलग अस्पतालों में ढूंढ रहा हूं. लेडी हार्डिंग, सफदरजंग, गंगाराम, कपूर अस्पताल में अपने भाई को ढूंढ चुके हैं लेकिन अभी तक उनके भाई की कोई जानकारी नहीं मिली है.

अर्पित अग्निकांड: अपनों की खोज में अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं परिजन
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शवों को एम्स भेज दिया गया
तुलसी राम ने बताया कि उनके भाई लालचंद होटल अर्पित पैलेस में पिछले 25 साल से काम कर रहे थे. वह होटल की कैंटीन में सुपरवाइजर थे. जो सोमवार की रात 8:00 बजे के बाद ड्यूटी पर निकले थे और अब तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिली है.


तुलसीराम करोल बाग थाने भी जा चुके हैं लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं मिली है. मंगलवार को अग्नि कांड की घटना के बाद होटल अर्पित पैलेस से 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया था. तुलसी राम को लगा कि शायद उन्हें भी अपने भाई की जानकारी इस अस्पताल में मिल जाएगी लेकिन यहां आकर भी उन्हें निराशा हाथ लगी. फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल से शवों को एम्स भेज दिया गया है.



अग्नि कांड के बाद से होटल अर्पित पैलेस के कर्मचारियों के परिजन  भटक रहे एक से दूसरे अस्पताल


नई दिल्ली



करोल बाग के  होटल अर्पित पैलेस में अग्नि कांड की घटना के बाद से होटल में काम करने वाले लोगों के परिजन उन्हें  ढूंढ रहे हैं . होटल में काम करने वाले कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका अभी कुछ पता नहीं चल पाया है . फिलहाल उनके परिजन दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में  उनकी तलाश कर रहे हैं .


करोल बाग के होटल अर्पित पैलेस में जब से अग्नि कांड की घटना के बारे में तुलसी राम ने सुना है तब से वे  अपने भाई लालचंद को ढूंढ रहे हैं . तुलसीराम अपने छोटे भाई लालचंद को ढूंढने राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे.   तुलसी राम ने बताया कि जबसे अग्निकांड की खबर सुनी तब से मैं अपने भाई को अलग-अलग अस्पतालों में ढूंढ रहा हूं. लेडी हार्डिंग , सफदरजंग,  गंगाराम , कपूर अस्पताल में अपने भाई को ढूंढ चुके हैं लेकिन अभी तक उनके भाई की कोई जानकारी नहीं मिली है .


तुलसी राम ने बताया कि उनके भाई लालचंद होटल अर्पित पैलेस में पिछले 25 साल से काम कर रहे थे . वह होटल की कैंटीन में सुपरवाइजर थे.जो  सोमवार की रात 8:00 बजे बाद ड्यूटी पर निकले थे . और अब तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिली है.

तुलसीराम करोल बाग थाने भी जा चुके हैं लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं मिली है.


मंगलवार को अग्नि कांड की घटना के बाद होटल अर्पित पैलेस  से 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया था .तुलसी राम को लगा कि शायद उन्हें भी अपने भाई की जानकारी इस  अस्पताल में मिल जाएगी लेकिन यहां आकर भी उन्हें निराशा हाथ लगी . फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल से शवो को एम्स भेज दिया गया है.

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