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यूपी, बिहार और उत्तराखंड के लोगों का 'ट्रैवल हब' बनता जा रहा हैं आनंद विहार - ईटीवी भारत

आनंद विहार टर्मिनल से हर महीने लाखों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं. यहां से करीब 30 से अधिक रेलगाड़ियां यूपी और बिहार के लिए रवाना होती हैं.

आनंद विहार बनता जा रहा है एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब ETV BHARAT
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Published : Aug 18, 2019, 11:20 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है. हर दिन यहां से हजारों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं.

आनंद विहार के विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनने का कारण यहां मौजूद विभिन्न ट्रांसपोर्ट माध्यम के बसे, रेलगाड़ी और प्राइवेट सवारियां हैं.

आनंद विहार बनता जा रहा है एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब

करीब 30 से अधिक गाड़ियां होती हैं रवाना

बता दें कि आनंद विहार टर्मिनल से हर महीने लाखों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं. यहां से करीब 30 से अधिक रेलगाड़ियां यूपी और बिहार के लिए रवाना होती हैं, जिसमें से कुछ रेलगाड़ियां हफ्ते में सातों दिन चलती हैं.

प्रति दिन 40000 लोग यात्रा करते हैं

आनंद विहार बस अड्डा(आईएसबीटी) दिल्ली में स्थित तीन अंतर राज्य बस अड्डों में से एक है. यहां से प्रतिदिन लगभग 1000 से अधिक बसें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं. आनंद विहार आईएसबीटी से उत्तर प्रदेश परिवहन की करीब 890 बसें प्रतिदिन यूपी के विभिन्न शहर; गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आजमगढ़ आदि के लिए रवाना होती हैं. जिसमें लगभग 40000 लोग यात्रा करते हैं. जबकि उत्तराखंड परिवहन की करीब डेढ़ सौ बसें प्रतिदिन आनंद विहार बस अड्डे से हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, कोटद्वार आदि के लिए चलती हैं. जिसमें करीब 7000 लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं.

प्रति दिन 20 बसें बिहार के लिए भी रवाना होती है

बात दें कि आनंद विहार आईएसबीटी से केवल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए बसें रवाना होती हैं. जबकि बिहार के लिए आनंद विहार से प्राइवेट बसें चलती हैं. आनंद विहार बस अड्डे के सड़क की दूसरी तरफ से प्राइवेट ट्रैवल कंपनियों द्वारा बिहार के लिए बसें संचालित की जाती हैं. यहां से प्रतिदिन करीब 20 बसें बिहार के पटना, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर आदि के लिए रवाना होती हैं. हालांकि त्योहारों के समय बिहार जाने वाली बसों की संख्या 65 तक पहुंच जाती है.

आनंद विहार बस अड्डे से लोकल डीटीसी बसें भी चलती है, जिसे दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री बस अड्डे उतरकर डीटीसी बस पकड़कर आसानी से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पहुंचते हैं.

जिस तरह आनंद विहार से करीब 30 रेल गाड़ियां और 1100 बसें प्रतिदिन यूपी बिहार और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं. जिसमें हजारों लोग यात्रा करते हैं. उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि दिल्ली का आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है. हर दिन यहां से हजारों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं.

आनंद विहार के विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनने का कारण यहां मौजूद विभिन्न ट्रांसपोर्ट माध्यम के बसे, रेलगाड़ी और प्राइवेट सवारियां हैं.

आनंद विहार बनता जा रहा है एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब

करीब 30 से अधिक गाड़ियां होती हैं रवाना

बता दें कि आनंद विहार टर्मिनल से हर महीने लाखों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं. यहां से करीब 30 से अधिक रेलगाड़ियां यूपी और बिहार के लिए रवाना होती हैं, जिसमें से कुछ रेलगाड़ियां हफ्ते में सातों दिन चलती हैं.

प्रति दिन 40000 लोग यात्रा करते हैं

आनंद विहार बस अड्डा(आईएसबीटी) दिल्ली में स्थित तीन अंतर राज्य बस अड्डों में से एक है. यहां से प्रतिदिन लगभग 1000 से अधिक बसें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं. आनंद विहार आईएसबीटी से उत्तर प्रदेश परिवहन की करीब 890 बसें प्रतिदिन यूपी के विभिन्न शहर; गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आजमगढ़ आदि के लिए रवाना होती हैं. जिसमें लगभग 40000 लोग यात्रा करते हैं. जबकि उत्तराखंड परिवहन की करीब डेढ़ सौ बसें प्रतिदिन आनंद विहार बस अड्डे से हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, कोटद्वार आदि के लिए चलती हैं. जिसमें करीब 7000 लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं.

प्रति दिन 20 बसें बिहार के लिए भी रवाना होती है

बात दें कि आनंद विहार आईएसबीटी से केवल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए बसें रवाना होती हैं. जबकि बिहार के लिए आनंद विहार से प्राइवेट बसें चलती हैं. आनंद विहार बस अड्डे के सड़क की दूसरी तरफ से प्राइवेट ट्रैवल कंपनियों द्वारा बिहार के लिए बसें संचालित की जाती हैं. यहां से प्रतिदिन करीब 20 बसें बिहार के पटना, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर आदि के लिए रवाना होती हैं. हालांकि त्योहारों के समय बिहार जाने वाली बसों की संख्या 65 तक पहुंच जाती है.

आनंद विहार बस अड्डे से लोकल डीटीसी बसें भी चलती है, जिसे दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री बस अड्डे उतरकर डीटीसी बस पकड़कर आसानी से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पहुंचते हैं.

जिस तरह आनंद विहार से करीब 30 रेल गाड़ियां और 1100 बसें प्रतिदिन यूपी बिहार और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं. जिसमें हजारों लोग यात्रा करते हैं. उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि दिल्ली का आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है.

Intro:दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है. हर दिन यहां से हजारों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं. आनंद विहार के विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनने का कारण यहां मौजूद विभिन्न ट्रांसपोर्ट माध्यम; बसे, रेलगाड़ी और प्राइवेट सवारियां हैं.


Body:आनंद विहार टर्मिनल से हर महीने लाखों यात्री यूपी और बिहार के लिए यात्रा करते हैं. यहां से करीब 30 से अधिक रेलगाड़ियां यूपी और बिहार के लिए रवाना होती हैं, जिसमें से कुछ रेलगाड़ियां हफ्ते में सातों दिन चलती हैं. टनल से आनंद विहार मेट्रो स्टेशन जुड़ा हुआ है जिस रेलवे स्टेशन उतरकर यात्री आसानी से मेट्रो पकड़कर दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पहुंच जाते हैं.

स्वामी विवेकानंद अंतर्राज्यीय बस अड्डा या फिर कहे आनंद विहार आईएसबीटी (अंतर राज्य बस टर्मिनल), दिल्ली में स्थित तीन अंतर राज्य बस अड्डों में से एक है. यहां से प्रतिदिन लगभग 1000 से अधिक बसें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं. आनंद विहार आईएसबीटी से उत्तर प्रदेश परिवहन की करीब 890 बसें प्रतिदिन यूपी के विभिन्न शहर; गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आजमगढ़ आदि के लिए रवाना होती हैं, जिसमें लगभग 40000 लोग यात्रा करते हैं. जबकि उत्तराखंड परिवहन की करीब डेढ़ सौ बसें प्रतिदिन आनंद विहार बस अड्डे से हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, कोटद्वार आदि के लिए चलती हैं जिसमें करीब 7000 लोग प्रतिदिन यात्रा करते हैं.

आनंद विहार आईएसबीटी से केवल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए बसें रवाना होती हैं जबकि बिहार के लिए आनंद विहार से प्राइवेट बसें चलती हैं. आनंद विहार बस अड्डे के सड़क की दूसरी तरफ से प्राइवेट ट्रैवल कंपनियों द्वारा बिहार के लिए बसें संचालित की जाती हैं यहां से प्रतिदिन करीब 20 बसें बिहार के पटना, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर आदि के लिए रवाना होती हैं, हालांकि त्योहारों के समय बिहार जाने वाली बसों की संख्या 65 तक पहुंच जाती है.

आनंद विहार बस अड्डे से लोकल डीटीसी बसें भी चलती है जिसे दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री बस अड्डे उतरकर डीटीसी बस पकड़कर आसानी से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पहुंचते हैं.


Conclusion:जिस तरह आनंद विहार से करीब 30 रेल गाड़ियां और 1100 बसें प्रतिदिन यूपी बिहार और उत्तराखंड के लिए रवाना होती हैं जिसमें हजारों लोग यात्रा करते हैं उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि दिल्ली का आनंद विहार एक विशाल ट्रांसपोर्ट हब बनता जा रहा है.
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