नई दिल्ली: करीब एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद हरियाणा सिंचाई विभाग ने नौसेना की मदद से शनिवार शाम साढ़े पांच बजे आईटीओ बैराज के सभी गेट खोलने में सफलता हासिल कर ली. अब बैराज के सभी गेट खुलने की वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने पर दिल्ली में बाढ़ का खतरा नहीं मंडराएगा.
इससे पहले 14 जुलाई को यमुना खादर से सटे दिल्ली के इलाकों में बाढ़ आने के बाद बाढ़ का पानी राजघाट, लालकिला, सिविल लाइंस सहित कई रिहायशी इलाकों में भर गया था. बाद में दिल्ली सरकार ने आईटीओ बैराज के गेट खोलने के लिए हरियाणा सिंचाई विभाग को सूचित किया था. उस दौरान तत्काल ही बैराज के गेट खोलने का काम शुरू कर दिया गया था. लेकिन तीन गेट खुलने के बाद बाकी के गेट खोलने में सिंचाई विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों को सफलता नहीं मिली थी. इसके लिए सेना और नौसेना को बुलाया गया, लेकिन 10 से 15 फीट तक गेट मिट्टी में दबे होने के कारण इन्हें खोलने में सफलता नहीं मिली. इससे नाराज होकर हरियाणा सरकार ने तीन दिन पहले सिंचाई विभाग के पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
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इसके बाद एक बार फिर तेजी के साथ बैराज के गेट खोलने का काम शुरू हुआ, जो शनिवार शाम साढ़े पांच बजे पूरा हो गया. बता दें कि आईटीओ स्थित बैराज के गेट को 35 साल से खोलने की जरूरत नहीं पड़ी थी, क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर इतने साल में कभी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर नहीं गया था. इस साल पहली बार ऐसा हुआ जब यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर चला गया और दिल्ली में बाढ़ आई. अगर आगे कभी यमुना का जलस्तर बढ़ेगा तो आईटीओ बैराज पर पानी का बहाव नहीं रुकेगा और दिल्ली को बाढ़ का खतरा नहीं होगा. पानी का बहाव निरंतर तेज रहने से ओवरफ्लो का खतरा लगभग समाप्त हो गया है.
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